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Friday, 26 April, 2024
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‘दलित था तो मार-पीट का वीडियो वायरल कर दिया…जाट होता तो कर पाते?’

हरियाणा पुलिस ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए 25 जून को ही आरोपियों मोहित कादयान व जितेंद्र कादयान को गिरफ्तार कर लिया.

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सोनीपत: बजाणा कलां. सोनीपत से करीब 27 किलोमीटर की दूरी पर बसा 3200 वोटों वाला गांव पिछले दो दिनों से खबरों में है. इस गांव के दो युवकों ने एक दलित युवक को अर्धनग्न अवस्था में बुरी तरह पीटा और उससे जबर्दस्ती हरियाणवी गानों पर नचवाया. साथ ही उसे बंधुआ मजदूरी करने के लिए भी कहा. वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग उठी.

तकरीबन 250-300 घरों वाली दलित समुदाय की बस्ती में बने तंग से घर के चौबारे में बैठे 19 वर्षीय अंकित और उनके माता-पिता 2 जून को हुई उस दिन की घटना के बारे में बता रहे हैं.

45 डिग्री के तापमान में जल रहे कमरे में बैठी अंकित की मां बार-बार पसीना पोछते हुए कहती हैं, ‘पुलिस आई तो हमें पता चला. हमसे तो वीडियो भी नहीं देखी गई. देखना भी नहीं चाहते. पड़ोसी आकर बता रहे हैं कि यूं नंगा करके पीटा गया तो हमारा खून खौल जाता है.’


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सोनीपत से करीब 27 किलोमीटर दूर बसा बजाना गांव| तस्वीर – ज्योति यादव

उनकी बात बीच में काटते हुए अंकित के पिता कहते हैं, ‘हमें कानून पर भरोसा है. सामाजिक कार्यकर्ता और दलित समाज के लोग आ रहे हैं. हम सबकी सुन रहे हैं लेकिन किसी के भड़काने से भड़कने का कोई सवाल नहीं है. हम गरीब लोग हैं और मेहनत-मज़दूरी से अपना पेट पाल रहे हैं.’

गौरतलब है कि दो दिन पहले वायरल हुए वीडियो में दो युवक अंकित को बुरी तरह मार रहे हैं. अंकित से घर का काम करने, भैंसो की देखभाल और फोन नंबरों को ब्लैक लिस्ट में डालने को लेकर सवाल भी कर रहे हैं. अंकित को अर्धनग्न करवा के पीटा गया और हरियाणवी गानों पर नाचने के लिए भी बाध्य किया गया.

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हरियाणा पुलिस ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए 25 जून को ही आरोपियों मोहित कादयान व जितेंद्र कादयान को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर धारा 323, 342, 506 और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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सरपंच का घर| तस्वीर- ज्योति यादव

गांव में पहुंचने पर सरपंच के घर का पता पूछने पर ज्यादातर लोग जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. इस गांव में सरपंच दलित समुदाय से हैं. अंकित का घर सरपंच के घर से कुछ कदमों की दूरी पर ही है. पिछड़ी जातियों के सरपंच के लिए जातिगत बातें कहना दर्शाता है कि अभी तक हम जाति के कुचक्र में फंसे हैं.

अंकित 2 जून को हुई इस घटना के बारे में बताते हैं, ‘मैं गांव के सरकारी स्कूल में 8वीं में पढ़ता था और मोहित 10वीं में. 11वीं-12वीं की पढ़ाई करने मैं अपने मामा के घर चला गया था. इस बार ही वापस आया था. मोहित से जान पहचना थी. दूसरे लड़के जितेंद्र से मेरी बोलचाल भी नहीं थी. परिवार की स्थिति देखते हुए मैंने पास ही एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. हफ्ते में छह दिन और रोजाना 12 घंटे काम के 10-12 हजार मिलते थे. चार महीने तक नाइट शिफ्ट में काम किया. मोहित कहता था कि नौकरी छोड़कर हमारे साथ रह. उसके और उसके साथ वाले लोगों की कोर्ट केस में पेशी लगती थी. इन लोगों पर कई केस भी थे. तंग आकर मैंने उसका नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया.’

‘2 जून को वो मुझे बाइक पर बैठाकर ले गए. मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ ऐसा सुलूक करने वाला है. वहां मुझे 4 घंटे तक खूब पीटा, नचवाया और वीडियो बनाया. फिर धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो तेरी मां और तेरे बाप के साथ भी ऐसा ही करेंगे. उसके बाद मैं घर आया और किसी को नहीं बताया. डर के मारे मैं दिल्ली गया और फिर अपने मामा के यहां रहने लगा. अभी ये मामला उठा है तब ही घर लौटा हूं… उन्होंने यह भी कहा था कि लड़कों के गैंग से मेरे साथ गलत काम करवाएंगे.’

सरपंच रामचंद्र के घर 10-15 आदमी इकट्ठे होकर ताश खेल रहे थे. इस मामले का जिक्र करते ही सब एक-एक करके बोलने लगे. ‘इन दोनों लड़कों ने पिछले दिनों लुहारों के किसी बच्चे को भी पीटा था. तब तो मामला हमने पंचायत में ही सुलटा लिया था. ये घटना गांव से 5 किलोमीटर दूर हुई है. हमें तो पता ही तीन दिन पहले चला है जब पुलिस गांव में आई है. वहां खून भी हो जाए तो पंचायत क्या कर सकती है? चलो ये तो दलित समुदाय के सरपंच हैं, अगर जाट सरपंच भी होता तो क्या कर लेता? इसमें जाट या दलित क्या करेगा?’

आरोपी मोहित और जितेंद्र के घर आसपास हैं. जितेंद्र के पड़ोसियों ने बताया, ‘उस पर गांव की एक लड़की से बलात्कार का केस भी चल रहा है. उससे छूटकर आया तो अब ऐसे केसों में फंसा रहता है.’

हालांकि, मोहित के परिवार वाले उसकी इस हरकत से आहत हैं. मोहित की मां ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे लिए तो शर्म की बात है. गांव में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है. हम क्या कह सकते हैं.’

दोनों ही घरों से मर्द गायब हैं और औरतें ही बाहर आने वालों से दो-चार बातें कह रही हैं.

गन्नौर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस अधिकारियों ने बताया, ‘जितेंद्र पर तो रोहतक में एक केस चल रहा है और मोहित पर गाजियाबाद में अवैध शराब को लेकर कोई केस है. हमने दोनों ही थानों से इन मामलों की रिपोर्ट तलब की है. जब सारे केसों की जानकारी मिल जाएगी तब मीडिया को बताया जाएगा.’


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गन्नौर पुलिस थाना| तस्वीर- ज्योति यादव

थाने में ही खड़े एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम कल दोनों लड़कों के घर गए थे. जितेंद्र के पिता ने बताया कि इस वीडियो को किसी लड़की ने वायरल किया है. दोनों उस लड़की को धमकाने के लिए इसे इस्तेमाल कर रहे थे.’

हालांकि पुलिस ने इस बात पर कुछ साफ नहीं किया है कि ये वीडियो किस तरह सोशल मीडिया पर पहुंचा.

अंकित के घर के सभी लोग इस घटना को भूलकर आगे बढ़ने की कोशिश में हैं. लेकिन अपनी सामाजिक पहचान को लेकर अंकित के चचेरे भाई बोलते हैं, ‘हम इसे जातिगत मामला नहीं बना रहे लेकिन आप ही बताइए ये तो वीडियो वायरल हो गया है इसलिए पुलिस को अरेस्ट करना पड़ा. वरना ऐसे मामलों में पुलिस हमें ही धमका कर चली जाती. आपने किसी की एफआईआर भी दर्ज होते हुए देखा?’

चौबारे से बाहर जाते-जाते अंकित की मां कह देती हैं, ‘अगर इसकी जगह कोई जाटों का लड़का होता तो क्या उनकी हिम्मत पड़ती इस तरह मारने की? मार भी देते तो वीडियो बनाने की हिम्मत होती?

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