नई दिल्ली: सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत कोष में दान करने का फैसला किया है जो कुल मिलाकर करीब 500 करोड़ रुपये होगा.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अलग से घोषणा की कि वह एक महीने का वेतन कोष में दान करेंगे.
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री द्वारा पीएम केयर फंड में दिल खोलकर लोग मदद दे रहे हैं. इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को एक दिन का वेतन पीएम केयरस फंड में देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक अनुमान के तहत रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री केयर फंड में दी जाने वाली राशि करीब 500 करोड़ होगी. इस फंड सेना, नेवी, एयर फोर्स, डिफेंस पीएसयू और अन्य शामिल होंगे.
रक्षामंत्री ने कहा, ‘मैंने अपना एक महीने का वेतन पीएम केयर्स फंड में दान करने का निर्णय किया है. आप भी इस कोष में योगदान कर सकते हैं और कोविड-19 के खतरे से लड़ने के भारत के संकल्प को मजबूत कर सकते हैं.’
सिंह ने साथ ही कहा कि उन्होंने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) चेयरमैन को पीएम केयर्स फंड के लिए एक करोड़ रुपये जारी करने के लिए कहा है.
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सिंह ने मंत्रालय के कर्मचारियों द्वारा कोष में एक दिन के वेतन के योगदान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
बता दें कि कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए दिए जा रहे इस फंड में कर्मचारियों का योगदान स्वैच्छिक है, जो लोग योगदान करने के इच्छुक नहीं हैं ऐसे लोगों को छूट दी जाएगी.
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक कुल 979 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि इससे 25 व्यक्तियों की मौत हुई है.
पीएम केयरस फंड के निर्माण के साथ ही मदद के हाथ लगातार आगे आ रहे हैं. एक ओर जहां टाटा समूह ने मिलकर देश में आई इस विपदा की घड़ी में न केवल 1500 करोड़ की राशि की मदद कर रहे हैं बल्कि वेंटिलेटर बनाने के लिए भी कदम आगे बढ़ाया है.
100 करोड़ के साथ जेएसडब्ल्यू स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उपकरण
वहीं दूसरी तरफ जेएसडब्ल्यू समूह ने रविवार को कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए 100 करोड़ रुपये की सहायता देगा.
सज्जन जिंदल की अगुवाई वाला समूह इस वित्तीय सहायता के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जरूरी उपकरण भी मुहैया कराएगा और इसके कर्मचारी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक दिन का वेतन दान करेंगे.
जेएसडब्ल्यू समूह ने एक बयान में कहा, ‘मौजूदा कोविड-19 संकट के मद्देनजर जेएसडब्ल्यू समहू ‘आपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम-केयर्स कोष) में 100 करोड़ रुपये देगा.’
टाटा 1500 करोड़ के साथ , स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण और वेंटिलेटर भी देगा
टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग फर्म टाटा संस ने कोविड-19 महामारी को रोकने और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की, जबकि इससे पहले टाटा ट्रस्ट ने 500 करोड़ रुपये देने का वचन दिया था।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा कि समूह जरूरी वेंटिलेटरों का इंतजाम भी कर रहा है और जल्द ही भारत में भी इसका निर्माण करने की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 के प्रकोप से मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसके लिए हमारी तरफ से बहुत बड़े स्तर की कार्रवाई की आवश्यकता है.’
कोविड-19 महामारी को रोकने और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हम टाटा ट्रस्ट और हमारे एमेरिटस अध्यक्ष टाटा के साथ मिलकर काम करेंगे और पूरी तरह से उनकी पहल का समर्थन करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘टाटा ट्रस्ट की पहलों के अलावा हम आवश्यक वेंटिलेटर भी ला रहे हैं और भारत में भी इनका जल्द निर्माण करेंगे. देश एक अभूतपूर्व स्थिति और संकट का सामना कर रहा है. हम सभी को जो जरूरी हो, वह करना होगा.’
इससे टाटा ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि वह 500 करोड़ रुपये देगा, जिसका इस्तेमाल संक्रमित रोगियों के इलाज, ज्ञान प्रबंधन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए भी किया जाएगा. टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा ने कहा, ‘भारत और दुनिया भर में मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है और इस बारे में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.’
उन्होंने कहा, ‘‘इस असाधारण कठिन समय में मेरा मानना है कि कोविड-19 संकट से लड़ने के लिए तुरंत आपातकालीन संसाधनों को तैनात करने की जरूरत है, जो मानव जाति के सामने सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है.’
टाटा ने कहा कि ‘जिस संगठनों के सदस्यों ने इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी जान और सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है, हम उनके बेहद आभारी हैं और उनके प्रति अत्यंत सम्मान है.’