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Saturday, 16 November, 2024
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कोविड-19: सरकार की बढ़ी परेशानी, विदेश से 2 महीने में लौटे 15 लाख लेकिन निगरानी में हैं कम लोग

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों तथा कोरोना वायरस संक्रमण के संदेश में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में अंतर है.

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नयी दिल्ली: कोरोनावायरस का संक्रमण करीब दुनिया के 150 देशों में फैल चुका है. भारत में भी इससे संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. महज एक दिन में कोरोना संक्रमितों के 75 मामले सामने आए हैंं. विदेशों में रह रहे अपने नागरिकों को लाने का काम भारत सरकार पिछले दो महीनों से कर रही है. अब यही विदेश से आए लोग भारत सरकार सहित देश के लिए चिंता का सबब बनने जा रहे हैं. पिछले दो महीने में करीब 15 लाख लोग विदेश की यात्रा कर भारत लौटे हैं.

आए 15 लाख निगरानी की जा रही है महज़ कुछ की

इन 15 लाख लोगों में अगर कोरोनावायरस से निगरानी की बात की जाए तो बहुत कम ही लोग या तो निगरानी में हैं या क्वारेंटाइन किए गए. इसलिए सरकार ने चिंता जाहिर की है कि इतनी तैयारियों और लॉकडाउन के बाद भी कहीं इस युद्ध में हार न हो जाए.

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों तथा कोरोना वायरस संक्रमण के संदेश में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में अंतर प्रतीत हो रहा है.

राज्य के मुख्य सचिवों से कहा फिर से करें निगरानी

सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने कहा है कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि अन्य देशों से लौटने वाले लोगों में से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं.

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 724 तक पहुंच चुकी है. जबकि 17 लोगों की इसकी चपेट में आने से मौत भी हुई है. भारत में मिले अधिकतर मामले मरीजों के विदेश से लौटने या विदेशियों का ही देखा गया है. कुछ मामलों में इनलोगों से संपर्क में आने के बाद यह संक्रमण फैला है. इसलिए कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों को लिखे अपने इस खत में खासी चिंता जाहिर की है.

पत्र में राजीव गौबा ने यह भी कहा है कि इमीग्रेशन ब्यूरों द्वारा जारी 18 जनवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक की रिपोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एकत्र की गई हैं. इसमें विदेशों से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की जानकारियां हैं. उन्होंने माना है कि इस रिपोर्ट में और भारत आए कुल यात्रियों की संख्या में भारी अंतर दिखाई दे रहा है, जो चिंता का विषय है.

राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से राजीव गौबा ने कहा है कि एक बार फिर वह अपने यहां विदेशों से आए लोगों और यात्रियों की पहचान करें और एकबार फिर वृहत स्तर पर इन लोगों की कोविड-19 की जांच करें. इन सभी यात्रियों को एमओएचडब्ल्यूडब्ल्यू के दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी में रखा जाए. इस काम में जिला स्तर के अफसरों की भी मदद लेने की भी बात कही है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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