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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशभारत का R वैल्यू अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के एक हफ्ते बाद बढ़कर 1.09 पर पहुंचा

भारत का R वैल्यू अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के एक हफ्ते बाद बढ़कर 1.09 पर पहुंचा

प्रमुख राज्यों ने इस सप्ताह आर मूल्य में वृद्धि दर्ज की है और यदि वैल्यू इसी पर स्थिर रहता है, तो भारत के 15 सितंबर तक 10 लाख मामलों के पार जाने की संभावना है.

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नई दिल्ली: कोविड-19 के लिए भारत की प्रभावी प्रजनन संख्या ‘आर (R)’- संक्रमण के प्रसार की दर को मापने के लिए एक प्रमुख पैरामीटर है जो इस सप्ताह 1.04 से बढ़कर 1.09 हो गया है, यह कोविड महामारी शुरू होने के बाद से भारत में सबसे कम दर्ज किया गया था.

चेन्नई में इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज की एक शोधकर्ता, सीताभ्रा सिन्हा के अनुसार, कुछ सबसे अधिक प्रभावित राज्य का आर वैल्यू एक बार फिर ऊपर की बढ़ता दिखा रहा है.

सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया, ‘अगर यह आर अपरिवर्तित रहता है, तो 15 सितंबर या उसके बाद इस महीने के मध्य तक ज्यादा संभावना है कि हम भारत को 10 लाख सक्रिय मामलों को पार करते हुए देखें.’

आर वैल्यू के साथ-साथ आर जीरो (R0- मूल प्रजनन संख्या) उन लोगों की संख्या का अनुमान है जिन्हें एक मरीज संक्रमित कर सकता है.

जब पूरी आबादी को एक बीमारी के लिए अतिसंवेदनशील माना जाता है, तब महामारी की शुरुआत में R0 की गणना होती है, आर समय के साथ बदलता है और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि कुछ व्यक्ति बीमारी से सुरक्षित हैं- क्योंकि या तो वे प्रतिरक्षा क्षमता विकसित कर लिए हैं या सामाजिक दूर के उपाय.

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अप्रैल में भारत के R0 की गणना लगभग 1.83 की गई थी. एक महामारी को तब नियंत्रण में माना जाता है जब आर वैल्यू लगातार 1 से नीचे बना रहता है.

जैसा कि गुरुवार तक, भारत ने कोविड-19 के 8,15,538 सक्रिय मामले दर्ज किए. संक्रमण से अब तक 67,376 लोगों की मौत हुई है और 29,70,492 लोग ठीक हुए हैं.


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प्रमुख शहरों का आर वैल्यू

दिल्ली ने अपने रोजाना के मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी है और लिहाजा पिछले दो हफ्तों में इसका आर वैल्यू भी 1.18 हो गया है. जबकि राष्ट्रीय राजधानी का R वैल्यू 4 अगस्त तक कुछ हफ़्ते 1 से नीचे आ गया था, यह अगस्त की शुरुआत में 0.66 से 18 अगस्त के आसपास बढ़कर 1.09 हो गया है.

इसी तरह, मुंबई का आर वैल्यू इस सप्ताह 18 अगस्त के आसपास 0.86 से बढ़कर 1.1 हो गया.

दूसरी ओर कोलकाता और चेन्नई का आर वैल्यू क्रमश: 0.92 और 1.11 से घटकर 0.87 और 0.94 पर 1 से नीचे रहा.

पिछले सप्ताह 1.06 से मामूली कमी के साथ इस सप्ताह बेंगलुरू का आर मूल्य लगभग 1.05 है.

सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में तेलंगाना का आर वैल्यू उच्चतम दर्ज किया गया

इस सप्ताह महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और असम के आर वैल्यू में तेज वृद्धि दर्ज की गई है.

महाराष्ट्र का आर वैल्यू पिछले महीने 1.08 से बढ़कर 1.12 हो गया. राज्य ने पिछले कई महीनों में आर वैल्यू में लगातार कमी देखी थी लेकिन अब बढ़ रहा है.

18 अगस्त के आसपास आंध्र प्रदेश का भी आर वैल्यू 1 (0.90) से नीचे था लेकिन इस सप्ताह बढ़कर अब 1.09 हो गया है.

इस सप्ताह भारत में 12 सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में तेलंगाना ने 1.26 का उच्चतम आर वैल्यू दर्ज किया है. राज्य ने पिछले एक सप्ताह में अपने आर वैल्यू में लगातार वृद्धि देखी है.

22 जुलाई को दक्षिणी राज्य का आर वैल्यू 0.90 होने का अनुमान था. एक सप्ताह बाद यह बढ़कर 1.18 हो गया, और उसके बाद कुछ हफ्तों तक लगातार कम हुआ. हालांकि, यह पिछले सप्ताह फिर से बढ़ गया, जो एक सप्ताह पहले 1.06 से 1.08 बढ़ा है.

असम ने भी पिछले सप्ताह में तेज वृद्धि दर्ज की है, जिसका आर वैल्यू पिछले सप्ताह 0.80 से बढ़कर 1.22 हो गया है.

तमिलनाडु ने पिछले दो हफ्तों से अपने आर वैल्यू को 1 से नीचे रखा है, हालांकि इस सप्ताह इसमें मामूली वृद्धि हुई है. यह वैल्यू पिछले सप्ताह के 0.97 से लगभग 0.99 पर है.

इसी तरह, इस सप्ताह बिहार का आर वैल्यू पिछले सप्ताह के 0.77 से बढ़कर 0.86 हो गया है.

इस बीच, उड़ीसा ने अपने आर वैल्यू में 1.23 से 1.13 तक की कमी देखी है.

अशोका विश्वविद्यालय में रोग मॉडलिंग में विशेषज्ञ और भौतिकी और जीव विज्ञान के प्रोफेसर गौतम मेनन ने दिप्रिंट को बताया कि एक आर का करीब लेकिन 1 से अधिक होने का मतलब है कि रोजाना के नए मामलों की संख्या लगभग समान है या काफी धीरे से बढ़ रही है, जो कि यह, निश्चित रूप से अच्छी खबर है, क्योंकि यह बताता है कि महामारी कुछ हद तक नियंत्रित है और प्रतिबंधों के न होने पर उतनी विस्फोटक रूप से नहीं बढ़ रही है, जितनी हो सकती है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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