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Wednesday, 12 February, 2025
होमदेश1984 सिख विरोधी दंगे में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को हत्या मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया

1984 सिख विरोधी दंगे में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को हत्या मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया

अदालत में 18 फरवरी को सजा पर बहस होगी. इस मामले में अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है.

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नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है.

यह मामला 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या से जुड़ा है. सज्जन कुमार दिल्ली कैंट के एक अन्य सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने फैसला सुनाते हुए सज्जन कुमार को दोषी करार दिया. सज्जन कुमार को कोर्ट में पेश किया गया. 31 जनवरी को कोर्ट ने सरकारी वकील मनीष रावत की अतिरिक्त दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अदालत में 18 फरवरी को सजा पर बहस होगी. इस मामले में अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है.
सज्जन कुमार को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-I क्षेत्र में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. दो अन्य मामलों में निचली अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने के खिलाफ दायर दो अन्य अपीलें फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित हैं.

दिल्ली की निचली अदालतों में कुमार के खिलाफ दो मामले लंबित हैं, जिनमें से एक नवादा के गुलाब बाग स्थित एक गुरुद्वारे के पास हुई हिंसा से संबंधित है. इस मामले में एक न्यायाधीश ने अगस्त 2023 में उन पर मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी.

दिल्ली की एक अदालत 1984 में जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुए दंगों से संबंधित एक मामले की भी सुनवाई कर रही है.

हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में दंगों के संबंध में 587 प्राथमिकी दर्ज की गईं. दंगों में 2,733 लोगों की मौत हुई थी। कुल मिलाकर, लगभग 240 प्राथमिकियों को पुलिस ने ‘अज्ञात’ बताकर बंद कर दिया था और 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया.

फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न अदालतों में लगभग 20 मामले लंबित हैं.

भाषा के इनपुट के साथ


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