भोपाल: नदी, जलसंस्कृति और जलसंरक्षण को समर्पित देश के पहले और अनूठे आयोजन ‘सदानीरा समागम’ का शुभारंभ आज शाम 6 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भारत भवन में करेंगे. यह समागम जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत आयोजित किया जा200 से अधिक वैज्ञानिक, कलाकार, साहित्यकार और जल विशेषज्ञ होंगे शामिल. 25 जून तक भारत भवन में चलेंगे वैचारिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम. रहा है, जो नदियों और जल संरचनाओं के संरक्षण को लेकर देशभर के विशेषज्ञों और कलाकारों को एक मंच पर ला रहा है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे. समागम की शुरुआत ऋषिकेश पांडे निर्देशित लघु फिल्म ‘सदानीरा’ के लोकार्पण से होगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव सात किताबों — सदानीरा, पृथ्वी पानी का देश है…, अमृत जलधारा (चार खंड) और जल धरा का विमोचन भी करेंगे, जो वीर भारत न्यास, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् और जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा प्रकाशित की गई हैं.
‘सदानीरा समागम’ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि नदियों, जलसंस्कृति और जीवनदायिनी धाराओं के प्रति आभार और चेतना का साझा मंच है. यह पहली बार हो रहा है जब देशभर के करीब 200 से अधिक वैज्ञानिक, पुरातत्वविद, लेखक, पत्रकार, सिने अभिनेता, नाट्यकर्मी और कलाकार जल संरक्षण जैसे गंभीर विषय पर संवाद और अभिव्यक्ति के लिए एकत्र हो रहे हैं.
कार्यक्रम में प्रदर्शनी, संगीत, नृत्य, संवाद और साहित्य के माध्यम से नदी को सिर्फ जल स्रोत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक प्रतीक और लोकचेतना के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. आयोजन के पहले दिन स्मिता नागदेव और राहुल शर्मा द्वारा संगीत और कविता से सजी प्रस्तुति ‘साउंड ऑफ रिवर’ और विदुषी शर्मा भाटे (पुणे) द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका ‘हम नवा’ मंचित की जाएगी.
समागम के दौरान जल संरक्षण पर केंद्रित कई प्रदर्शनी भी लगाई जा रही हैं. जनसंपर्क विभाग द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान पर विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. इसके अलावा पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय विभाग द्वारा प्राचीन जलस्रोतों व बावड़ियों पर केंद्रित छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और भोपाल के क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के सहयोग से ‘जलचर’ नामक एक और प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें जलीय जीवन को केंद्र में रखा गया है. साथ ही, वरिष्ठ छायाकार राजेन्द्र जांगले की ‘अमृतस्य नर्मदा’ शीर्षक वाली छायाचित्र प्रदर्शनी भी समागम का विशेष आकर्षण होगी, जो नर्मदा परिक्रमा को केन्द्र में रखकर बनाई गई है.