नई दिल्ली: देशभर में लॉकडाउन चल रहा है और दिनों दिन कोरोनासंक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. देशभर से आ रही कोरोनासंक्रमितों के मामलों के बीच सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं, ऐसे में वहां शिवसेना की उद्धव ठाकरे सरकार मुस्तैदी से इस महामारी से लड़ने में जुटी है. ऐसे में प्रशासन के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की लापरवाही का मामला सामने आया है.
यस बैंक मामले से जुड़े डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन अपने परिवार के साथ पार्टी करने महाबलेश्वर पहुंच गए. मामले की जानकारी जब पुलिस और प्रशासन को मिली तो हड़कंप मंच गया है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एक ओर जहां महाराष्ट्र के गृहविभाग के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता के खिलाफ उद्धव सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए अवकाश पर भेज दिया है.
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा,’ महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी को लॉकडाउन के बावजूद वाधवान परिवार के सदस्यों को यात्रा करने की मंजूरी देने के लिए अनिवार्य अवकाश पर भेजा गया और यह कार्रवाई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत के बाद की गई है.’
Maharashtra Principal Secretary (Special), Amitabh Gupta (who allegedly gave permission letter to Wadhavan family) has been sent on compulsory leave with immediate effect, till the pending of inquiry, which will be initiated against him: Home Minister Anil Deshmukh https://t.co/iFQHidM262 pic.twitter.com/Qm1PXBrv05
— ANI (@ANI) April 10, 2020
उद्धव ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और गृहमंत्री अनिल देशमुख को पूरे मामले को देखने को कहा है. बता दें कि गुप्ता ने वाधवान परिवार के 23 लोगों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति दी थी.
भाजपा ने शिवसेना को घेरा
लॉकडाउन का उल्लंघन करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दो ट्वीट कर शिवसेना सरकार, उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री से सवाल पूछे हैं, फडणवीस ने पूछा है, ‘आखिर किसकी अनुमति और आशिर्वाद से वह बाहर गए.’
फिर उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ‘महाराष्ट्र में शक्तिशाली और अमीर लोगों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है? पुलिस की आधिकारिक अनुमति से कोई महाबलेश्वर में छुट्टियां बिता सकता है, यह संभव नहीं है कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इस तरह की घोर गलती को अपने दम पर अंजाम दे.’
महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्वर में बृहस्पतिवार को ही डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को कोविड-19 पाबंदियों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी थी.
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने वधावन परिवार के सदस्यों समेत 23 लोगों को उनके फार्महाउस में पाया. कल गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस बात की जांच की जाएगी कि वधावन परिवार के 23 सदस्यों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति कैसे मिली.’
स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये पुणे और सतारा दोनों जिलों को सील कर दिया गया है. इसके बावजूद वधावन परिवार के सदस्यों समेत कई लोगों ने बुधवार शाम अपनी कारों से खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा की.
कपिल और धीरज वधावन यस बैंक और डीएफएचएल धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं. पुलिस ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें दीवान फार्म हाउस में देखा.
सभी 23 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.