नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के चित्तरंजन पार्क इलाके में काली मंदिर के ठीक बगल में मछली बाजार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है, जिससे इलाके के बंगाली निवासी हैरान हैं.
बुधवार शाम को अपनी बेटी के साथ इलाके के मार्केट नंबर 1 में मछली खरीदने आए सीआर पार्क के निवासी सुजॉय घोष ने कहा, “माछ ई आमार सांस्कृतिकीर आबश्यक अंगशो (मछली हमारी संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है).”
“सीआर पार्क में किसी को भी काली मंदिर के ठीक बगल में मछली बाजार से कोई समस्या नहीं है,” उन्होंने कहा. “बंगालियों को मछली खाने से रोकना हरियाणा के लोगों को दूध और मक्खन से वंचित करने जैसा है.”
शाम होते-होते, बाजार में मछली विक्रेताओं की आवाज़ें तेज़ हो गईं, जो मंदिर के पवित्र मंत्रों के साथ मिल गईं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा एक्स पर आरोप लगाए जाने के बाद से यह बाजार राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है कि दक्षिणपंथी समूहों ने सीआर पार्क में मछली की दुकानों को जबरन बंद करने की कोशिश की थी.
एक वीडियो में कथित तौर पर एक व्यक्ति को मार्केट नंबर 1 में मौजूद लोगों से यह कहते हुए दिखाया गया है कि “मंदिर के साथ एक दीवार साझा करने वाला मछली बाजार सनातनियों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है.”
मंगलवार को मोइत्रा ने पोस्ट किया, “कृपया देखें कि भगवा ब्रिगेड के बीजेपी के गुंडे चित्तरंजन पार्क, दिल्ली के मछली खाने वाले बंगालियों को कैसे धमका रहे हैं. 60 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ.” दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने वीडियो को भ्रामक बताया और पुलिस जांच की मांग की.
ग्रेटर कैलाश से बीजेपी विधायक शिखा रॉय ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा, “मछली बाजार कानूनी है और समुदाय के लिए आवश्यक है. बीजेपी विक्रेताओं के साथ खड़ी है.”

हालांकि, मार्केट नंबर 1 में मछली बेचने वालों ने माना कि नवरात्रि के दौरान भगवा कपड़े पहनें कुछ लोग बाजार में आए थे और मांग की थी कि उनकी दुकानें बंद कर दी जाएं.
दिप्रिंट ने सीआर पार्क के कई निवासियों से बात की, जो दशकों से वहां रह रहे हैं. उन सभी ने “खान-पान की आदतों पर हमले” की निंदा की, खासकर मछली पर—जो बंगालियों की बहुत पसंदीदा खाना है.
एक अन्य निवासी सुजाता मजूमदार, जिन्होंने मंदिर में आरती के तुरंत बाद मछली खरीदी, ने कहा, “सीआर पार्क एक छोटा बंगाल है और हम देश की राजधानी में शांतिप्रिय लोग हैं. यह पहली बार है जब किसी ने दिल्ली में हमारे खान-पान की आदतों पर हमला किया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और दिखाता है कि लोगों को भारतीय संस्कृति और इसके विविध भोजन के बारे में कितना कम पता है.”
मजूमदार ने कहा कि बंगाली लोग दुर्गा पूजा के दौरान मछली खाते हैं और सीआर पार्क के पंडालों में भी मछली मिलती है. उन्होंने रात के खाने के लिए मछली चुनते हुए कहा, “यह पूरा विवाद अनावश्यक है और इसका उद्देश्य शांतिपूर्ण क्षेत्र में अशांति पैदा करना है. जब कोई मुद्दा नहीं बनता है, तो लोगों की खाने की स्वतंत्रता पर हमला किया जाता है.”
मछली बाजार के बगल में स्थित काली मंदिर के पुजारी संजीव भट्टाचार्य ने भी इस विवाद की निंदा की. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “हम मछली के बिना बंगाली भोजन की कल्पना भी नहीं कर सकते. सभी को भोजन संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. मंदिर के लोगों को मछली बाजार के पास होने से कोई समस्या नहीं है.”

विवाद के बीच दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है और वे सोशल मीडिया पोस्ट से सभी तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं.
नवरात्रि के दौरान बाजार में आए समूह के बारे में बात करते हुए मछली विक्रेता दिनेश दास ने दिप्रिंट से कहा, “शाम का समय था जब कुछ लोग हमारे बाजार में आए. ये लोग दो दिनों के लिए आए और सनातन धर्म का हवाला देते हुए मंदिर के पास मछली बाजार को बंद करने के लिए कहा. उस समय किसी को समझ नहीं आया कि वे कौन थे और इससे इतना बड़ा विवाद हो जाएगा.”
उन्होंने कहा, “हम भी सनातनी हैं, लेकिन हम मछली खाते हैं क्योंकि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. मछली बाजार के बगल में मंदिर भी हमने ही बनवाया था और पिछले 60 सालों से मंदिर और बाजार दोनों बिना किसी विवाद के चल रहे हैं.”
दास ने आगे कहा कि इस मामले में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है. “भाजपा का यहां से विधायक है. उनकी तरफ से कभी कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ.”
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