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Friday, 22 November, 2024
होमदेश‘सोशल मीडिया पर कनेक्शन’, भगत सिंह के फैन्स’ — कौन हैं संसद सुरक्षा उल्लंघन के पीछे 6 ‘षड्यंत्रकारी’

‘सोशल मीडिया पर कनेक्शन’, भगत सिंह के फैन्स’ — कौन हैं संसद सुरक्षा उल्लंघन के पीछे 6 ‘षड्यंत्रकारी’

जानकारी मिली है कि पूछताछ के दौरान संदिग्धों ने खुलासा किया कि उन्होंने ‘बेरोज़गारी के खिलाफ विरोध और नीति निर्माताओं को अपनी चिंताओं को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने’ के लिए उल्लंघन की योजना बनाई थी. दो लोग अभी भी फरार हैं.

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नई दिल्ली: एक असफल पुलिस प्रवेश और सैन्य सेवा परीक्षा उम्मीदवार, एक सिविल सेवा अभ्यर्थी, एक इंजीनियर, और तीन अन्य ग्रेजुएट जो नौकरी की तलाश में हैं — ये उन छह लोगों की प्रोफाइल हैं जिन्होंने एक साथ मिलकर बुधवार को संसद परिसर में सुरक्षा उल्लंघन की योजना बनाई थी. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

ये सभी ‘जस्टिस फॉर आज़ाद भगत सिंह’ नामक सोशल मीडिया ग्रुप का हिस्सा हैं.

जबकि उनमें से चार की पहचान डी. मनोरंजन मैसूर से डिग्रीधारी इंजीनियर, सागर शर्मा, लखनऊ से ग्रेजुएट, नीलम, हिसार से सिविल सेवा की इच्छुक के रूप में की गई है. खुफिया सूत्रों ने बताया कि पुलिस प्रवेश और सैन्य सेवा परीक्षा में असफल अभ्यर्थी अनमोल शिंदे को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो अन्य — ललित झा और विक्की — फिलहाल फरार हैं.

मनोरंजन और शर्मा ने बुधवार दोपहर दर्शक दीर्घा से चैंबर में छलांग लगाई, कैन खोले जिससे पीले रंग की गैस निकल रही थी, नीलम और अनमोल को संसद के बाहर पकड़ लिया गया, जहां उन्होंने भी कैन खोला और नारे लगाए.

सूत्रों के अनुसार, चारों लोगों ने पूछताछ के दौरान दावा किया था कि उन्होंने “बेरोज़गारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नीति निर्माताओं को अपनी चिंताओं को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने” के लिए उल्लंघन की योजना बनाई थी. पुलिस को अभी तक गिरफ्तार चारों लोगों का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है.

संदिग्धों ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर यह भी दावा किया कि वे फेसबुक पर डिजिटल रूप से जुड़े हुए थे और कई अन्य विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा थे, जिसमें मोहाली में अपने हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह हवाई अड्डे के रूप में बदलने के लिए एक विरोध प्रदर्शन भी शामिल था.

आरोपियों में से एक नीलम के भाई ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उसकी बहन अब निरस्त कर दिए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन और इस साल की शुरुआत में पहलवानों के विरोध का भी हिस्सा थी.

यह घटना 22 साल पहले पुराने संसद भवन पर हुए हमले की बरसी पर हुई है जिसमें आठ सुरक्षाकर्मी और एक माली की जान चली गई थी.

हमले में शामिल सभी पांच आतंकवादियों को अंततः मार गिराया गया था.

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के पूर्व आतंकवादी अफज़ल गुरु, जिसने 1994 में आत्मसमर्पण किया था, को इस घटना में उसकी भूमिका के लिए 2013 में फांसी दे दी गई थी.

बुधवार की सुरक्षा उल्लंघन के बारे में सवाल यह उठता है कि कुछ ही दिन पहले, सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने “13 दिसंबर को या उससे पहले” संसद पर हमला करने की धमकी दी थी, जिसके बाद सुरक्षा “कड़ी” कर दी गई थी.

गुरुग्राम में किराये का मकान, जूतों में कनस्तर

एक अन्य सूत्र के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चार लोगों ने गुरुग्राम के सेक्टर 7 में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक कमरा किराए पर लिया था, जहां वो “मिले और उल्लंघन की योजना बनाई”. सूत्र ने बताया कि आरोपियों ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए 13 दिसंबर का दिन चुना था.

सूत्र ने कहा, “वो गुरुग्राम के एक कमरे में मिले जहां वे एक दिन के लिए रुके थे. उन्होंने इस उल्लंघन की योजना पहले से ही बना ली थी. कनस्तर की व्यवस्था की गई, इसे अंदर कैसे छिपाया जाए इसकी योजना बनाई गई और सबसे महत्वपूर्ण, पास की व्यवस्था की गई.”

संसद के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया था कि दोनों लोगों को मैसूर के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय से पास दिए गए थे. हालांकि, संसद सचिवालय की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

दूसरे सूत्र ने यह भी बताया कि कनस्तर को अंदर ले जाने के लिए मनोरंजन ने उसे छुपाने के लिए अपने जूते के अंदर एक खाली जगह बनवा ली थी. इसने आगे कहा, “इसी तरह वह सभी सुरक्षा को दरकिनार करते हुए इसे अंदर ले जाने में सक्षम हो गया. उसे कैन खोल कर अपना जूता निकालते हुए देखा जा सकता है.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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