नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों द्वारा आठ दिसंबर को आहूत ‘भारत बंद’ के प्रति कांग्रेस ने ने रविवार को पूरा समर्थन जताया और घोषणा की कि इस दिन वह किसानों की मांगों के समर्थन में सभी जिला एवं राज्य मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी. इसके अलावा आम आदमी पार्टी, टीआरएस समेत पार्टियों ने समर्थन देने का ऐलान किया है.
Congress has decided to support the Bharat Bandh on December 8. We will be demonstrating the same at our party offices. It will be a step strengthening Rahul Gandhi’s support to the farmers. We will ensure that the demonstration is successful: Congress Spokesperson Pawan Khera pic.twitter.com/lyb3BmTBz9
— ANI (@ANI) December 6, 2020
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भारत बंद को पार्टी की ओर से समर्थन देने की बात कही है.
यहां कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं यहां घोषणा करना चाहता हूं कि कांग्रेस आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद को पूरा समर्थन देती है.’
उन्होंने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रैक्टर रैलियों, हस्ताक्षर अभियानों और किसान रैलियों के जरिए किसानों के पक्ष में पार्टी की आवाज बुलंद कर रहे हैं.
खेड़ा ने कहा, ‘हमारे सभी जिला मुख्यालय एवं प्रदेश मुख्यालयों के कार्यकर्ता इस बंद में हिस्सा लेंगे. वे प्रदर्शन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बंद सफल रहे.’
उन्होंने कहा, ‘सारी दुनिया हमारे किसानों की दयनीय अवस्था देख रही है. पूरा विश्व यह भयावह मंजर देख रहा है कि किसान जाड़े की रातों में राजधानी के बाहर बैठे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि सरकार उनकी बात सुन ले.’
कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि सरकार को कानूनों को लागू करने की इतनी जल्दी क्या थी.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘कोविड-19 महामारी के बीच, जून में सरकार चोरी छिपे अध्यादेश ले आई. इतनी जल्दी किस बात की थी. जब पूरे देश का ध्यान कोविड-19 के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों पर था तब सरकार अपने उद्योगपति-कॉर्पोरेट मित्रों की मदद करने के लिए चोरी-छिपे अध्यादेश लाने में व्यस्त थी.’
खेड़ा ने कहा कि सरकार ने किसानों को भरोसे में नहीं लिया और अब किसानों के हितों की आड़ में छिप रही है.
उन्होंने कहा, ‘यदि आपको वाकई में किसानों के हितों की चिंता होती तो आपने इन विधेयकों को लाने से पहले उनकी सलाह ली होती.’
खेड़ा ने आगे कहा, ‘जो कुछ भी आज देखने को मिल रहा है वह सरकार और उसके कॉर्पोरेट मित्रों के बीच की साजिश का नतीजा है जिसमें पीड़ित किसान ही होगा और किसान इस बात को जानता है.’
शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच वार्ता बेनतीजा रही. पांच चरणों की बातचीत हो चुकी है तथा अगली बैठक केंद्र ने नौ दिसंबर को बुलाई है.
Aam Aadmi Party’s convenor & Delhi CM Arvind Kejriwal Ji has urged party officials & workers to support farmers-led Bharat Bandh on December 8. Ours is an agrarian country, I would also urge the people to show their support as well: Gopal Rai, Delhi Minister pic.twitter.com/7kviNIX33y
— ANI (@ANI) December 6, 2020
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने सभी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से किसानों के 8 दिसंबर को भारत बंद को सपोर्ट करने को कहा है. मैं भी कार्यर्ताओं और लोगों इसे समर्थन देने की अपील करता हूं.
We'd opposed the Bills in Parliament, we continue to do so. MSP hasn't been assured in any of these Bills. Also, if mandi structure is dismantled there's no alternative structure in this country, so farmer is insecure. TRS will support the farmer' Bandh call: K Kavitha, TRS MLC https://t.co/xdP34IwkKa pic.twitter.com/F5PSfCjEnT
— ANI (@ANI) December 6, 2020
तेलंगानान के सीएम के चंद्रशेखर राव ने भी किसानों के भारत बंद को अपना पूरा समर्थन देने की बात कही है.
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसमें सक्रियता से शामिल होकर बंद को सफल कराएंगे.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने उन्हें उद्धृत करते हुए एक विज्ञप्ति में बताया कि राव ने समर्थन को सही ठहराया है और कहा है कि किसान वैध तरह से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी पार्टी ने संसद में इन कानून से जुड़े विधेयकों का विरोध किया था क्योंकि इससे किसानों के हितों को नुकसान पहुंचता है.
मुख्यमंत्री ने यह विचार प्रकट किया कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन इप कानूनों के वापस लिये जाने तक चलना चाहिए.
शनिवार को कई विपक्षी पार्टियों ने ‘भारत बंद’ के आह्वान को अपना समर्थन दिया था. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वे आठ दिसंबर को भारत बंद करेंगे.
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आठ दिसंबर को पूरी ताकत के साथ ‘भारत बंद’ किया जाएगा.