नई दिल्ली : कांग्रेस ने अडाणी मामले को लेकर सोमवार को देशभर में प्रदर्शन किया. उसे विपक्ष का भी साथ मिला. विपक्ष मामले की जांच के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (जेपीसी) मांग कर रहा है. इस मुद्दे पर संसद में बढ़ते हंगामे को लेकर दोनों सदनों की कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.
इससे पहले आज दिन में विपक्षी नेता प्रदर्शन के लिए संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जमा हुए. राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आज दोनों सदनों में चर्चा होनी है.
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद विपक्षी दलों ने एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में करोड़ों भारतीयों के आर्थिक नुकसान पर चर्चा की मांग की.
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडाणी समूह स्टॉक की हेरफेरी और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में शामिल है.
कांग्रेस सांसद डॉ अमी याज्ञनिक ने ‘एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में निवेश, करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
इस बीच, कथित अडाणी घोटाले के विरोध में कांग्रेस आज जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखाओं के सामने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है.
बजट सत्र का पहला हिस्सा 13 फरवरी तक और दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र की शुरुआत संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई. 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया गया था.
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार चाहती है कि यह मामला न उठाया जाए, चर्चा न की जाए. वे किसी तरह इससे बचना चाहते हैं और इसे रिकॉर्ड में नहीं लाना चाहते.
वहीं इससे पहले खड़गे ने कहा था कि हम संसद में अडाणी का मुद्दा उठाएंगे. सरकार इतने बड़े मुद्दे पर चुप है, खासकर पीएम मोदी.
अडाणी ग्रुप्स-हिंडनबर्ग रिसर्च मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की भी मांग की है, साथ ही सदन से अनुरोध किया है कि पीएम को सार्वजनिक धन के वास्तविक नुकसान का खुलासा करने का निर्देश दिया जाए.
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विपक्षी नेता अडाणी मामले को लेकर चर्चा पर अड़े
खड़गे ने कहा कि हम अपने नोटिस (संसद में) पर चर्चा की मांग करते हैं, हम विस्तृत चर्चा के लिए तैयार हैं. हम चाहते हैं कि इस पर पहले चर्चा हो. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के लिए तैयार हैं और हम इसे उचित महत्व देते हैं. लेकिन पहली प्राथमिकता यह है कि पीएम मोदी इस मसले पर जवाब दें.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम अडाणी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच चाहते हैं और केंद्र सरकार अडाणी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है. सरकार सब कुछ छिपाना चाहती है और अब उनका पर्दाफाश हो रहा है.
झामुमो सांसद डॉ. महुआ माझी ने कहा कि पीएम मोदी क्यों सामने आकर इस मामले का सामना नहीं करना चाहते हैं? हर चीज का धीरे-धीरे निजीकरण किया जा रहा है. आप देख सकते हैं कि देश किस ओर जा रहा है. पूरा विपक्ष एकजुट है, हम विरोध कर रहे हैं. हमें जवाब चाहिए, अडाणी को क्यों संरक्षण दिया जा रहा है?
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि लोग चिंतित हैं लेकिन सरकार अडाणी मुद्दे को ढंकने की कोशिश कर रही है. अडाणी दावा कर रहे हैं कि यह देश पर हमला है, लेकिन कैसे? हम इसकी जेपीसी जांच चाहते हैं.
देशभर में कांग्रेस का प्रदर्शन
अडाणी विवाद को लेकर कांग्रेस ने जीपी रोड, चेन्नई में एलआईसी दक्षिणी अंचल कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी ने मुंबई में एसबीआई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
इसके अलावा तेलंगाना कांग्रेस ने अडाणी मामले पर हैदराबाद में एसबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. बेंगलुरु में कांग्रेस ने प्रदर्शन और जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच की मांग की.
कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने दिल्ली में इस मामले पर प्रदर्शन किया और जेपीसी से जांच की मांग की.
इसके अलावा कांग्रेस ने अडाणी मामले, भूमि बेदखली और बाकी मुद्दों को लेकर जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन किया.
इससे पहले विपक्षी दल – कांग्रेस, DMK, NCP, BRS, JD(U), SP, CPM, CPI, केरल कांग्रेस (जोस मणि), JMM, RLD, RSP, AAP, IUML, RJD और शिवसेना, LoP मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन के चैंबर में अडाणी-हिंडनबर्ग और अन्य मुद्दों पर रणनीति बनाने के लिए मिले थे.
निर्मला सीतारमण पर अधीर रंजन चौधरी का पलटवार
वहीं अडाणी मुद्दे पर विपक्ष द्वारा पाखंड रचने को लेकर वित्त मंत्री पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘मैं निर्मला सीतारमण को सलाह देना चाहूंगा कि भारत में निरंकुशता के बजाय लोकतंत्र कायम रहना चाहिए. जब हम अपने विचार रखते हैं और मांग करते हैं, तो यह पाखंड नहीं है. यह लोकतंत्र है. आपकी सरकार जो करती है वह निरंकुशता है.’
उन्होंने कहा कि अब हमारी बैठक होगी. पूरा विपक्ष एक साथ आएगा, चर्चा होगी और फैसला होगा. यह केवल कांग्रेस का मुद्दा नहीं है, बल्कि भारत के आम लोगों का मुद्दा है.
अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.
टीआरएस (बीआरएस) के सांसद के केशव राव ने अडाणी ग्रुप्स-हिंडनबर्ग रिसर्च मामले पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने नियम 267 के तहत LIC, SBI, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा निवेश में धोखाधड़ी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए RS में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है, जो बाजार मूल्य खो रहा है, करोड़ों भारतीयों की मेहनत की बचत को खतरे में डाल रहा है.
अडाणी समूह-हिंडनबर्ग मामले पर चर्चा करने के लिए सीपीआई (एम) के सांसद एलामारम करीम ने नियम 267 के तहत नोटिस में ‘हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उच्चस्तरीय जांच को आवश्यक बताया है, जिसकी निगरानी दिन-प्रतिदिन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाय.
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी राज्यसभा में नियम 267 के तहत ‘एलआईसी, एसबीआई द्वारा निवेश में धोखाधड़ी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है.
भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि वह एलआईसी कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष हैं. अडाणी और अंबानी के लालच में एलआईसी कॉर्पस के दुरुपयोग के खिलाफ संघर्ष के लिए हम एलआईसी की सभी यूनियनों की राय मांग रहे हैं.
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