लखनऊ : यूपी में रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. लेकिन अब इस गढ़ में सेंध लग सकती है. दरअसल रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने बागी तेवर अपना लिए हैं. बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर वह लखनऊ में हुए प्रियंका गांधी के पैदल मार्च का हिस्सा नहीं बनीं. इसके बाद वह यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने चली गईं. जिसका कांग्रेस ने बहिष्कार करने का ऐलान किया था. वहां पर उन्होंने सीएम योगी की सराहना भी कर दी. अदिति के इस कदम से कांग्रेस अलाकमान असमंजस में है.
वहीं अदिति के बागी होने का तोहफा उन्हें मिलता दिख रहा है. उनकी सुरक्षा बढ़ गई है. उन्हें वाई सुरक्षा दी गई है. स्कोर्ट गाड़ी भी साथ चलेगी.
दरअसल अदिति सिंह को गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यूपी में महज रायबरेली की सीट ही बचा पाई थी. इसमें अदिति का काफी योगदान माना गया था. अब पार्टी लाइन से हटकर विधानसभा स्पेशल सेशन अटैंड करने के बाद अदिति की बीजेपी में जाने के कयास भी लगाए जाने लगे हैं. हालांकि, अदिति इससे इंकार कर रही हैं. लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो पिछले काफी समय से उनका रुख पार्टी लाइन से अलग दिख रहा है.
370 पर किया था बीजेपी सरकार का समर्थन
अदिति ने इससे पहले जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद खुलकर बीजेपी सरकार के फैसले का समर्थन
किया था. उनका कहना था कि देशहित के पक्ष में लिए जाने वाले वह हर निर्णय के साथ हैं. कश्मीर से 370 का हटना बेहद जरूरी था. ताकि, वहां के लोगों का भला हो सके. हालांकि इसे कांग्रेस पार्टी ने उनका निजी बयान बताया था.
सीएम योगी की तारीफ
गांधी जयंती के मौके पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में अदिति सिंह ने कहा, ‘मैं एक पढ़ी लिखी विधायक हूं. मुझे जो सही लगा वहीं मैंने किया है.’ उन्होंने कहा कि मैंने साफ सफाई और गरीबी को लेकर कई समस्याओं को सुलझाने का काम किया है. इसके साथ ही कहा कि भाजपा सरकार को साफ सफाई और गरीबी को लेकर कई समस्याओं पर काम करने की ज़रूरत है. जिससे प्रदेश से गरीबी दूर हो सके और पूरा प्रदेश साफ सुथरा रहे. उन्होंने सीएम योगी के तमाम प्रयासों को भी सराहा.
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बता दें कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यूपी में विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया गया. यूपी में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी खास अवसर पर सदन की कार्यवाही लगातार चली हो. हालांकि, विपक्ष ने इस सत्र के बहिष्कार का निर्णय लिया था. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने मंगलवार को ऐलान किया था कि पार्टी के विधायक सदन का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने कहा था कि यूपी में तमाम जगह गांधी की प्रतिमाओं को तोड़ा गया. लेकिन, बीजेपी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में गांधी जी के नाम पर बीजेपी सरकार केवल दिखावे के लिए विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करवा रही है.
पार्टी की कार्रवाई के लिए तैयार हूं
विधानसभा सत्र अटैंड करने के बाद अदिति ने कहा कि वह केवल विकास की राजनीति करने आई हैं. उन्होंने सत्र के दौरान अपनी स्पीच में भी ये बात कही. दिप्रिंट से बातचीत में अदिति ने कहा कि ‘वह देशहित व जनहित के मुद्दों पर सरकार के साथ हैं.’ जब उनसे पूछा गया कि सत्र अटैंड करने पर अगर पार्टी की ओर से अनुशासनहीनता की कार्रवाई हुई तो इसके बाद वह क्या करेंगी. इसके जवाब में अदिति ने कहा कि ‘पार्टी को जो कार्रवाई करनी है करे. लेकिन वह यूं ही जनहित के मुद्दों पर पार्टी लाइन से उठकर स्टेप लेती रहेंगी.’
वहीं, कांग्रेस विधानमंडल के नेता अजय लल्लू का कहना है कि सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान बकायदा प्रेस काॅन्फ्रेंस करके किया गया. वह इस बारे में अदिति से बात करेंगे. वह भी अदिति के सदन जाने के फैसले से हैरान हैं.
पांच बार विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं अदिति
30 वर्षीय अदिति पांच बार विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं. बीते 20 अगस्त को अखिलेश सिंह का निधन हुआ था. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. यही कारण था कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत अदिति को सौंप दी थी. अदिति ने बीजेपी लहर के बावजूद 90 हजार से अधिक मतों से ये चुनाव जीता था. इसके बाद अगस्त 2018 में अदिति को महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया गया.
पिछले साल ही सोशल मीडिया उनके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कथित अफेयर के पोस्ट भी अपलोड हुए जिस पर अदिति को सफाई तक देनी पड़ी. अदिति ने कहा कि वह राहुल गांधी को अपने बड़े भाई की तरह मानती हैं और उनका बेहद सम्मान करती हैं. अब अदिति के इन बागी तेवरों ने पार्टी को असमंजस में डाल दिया है.