नई दिल्ली: भारतीय पासपोर्ट की ताकत वैश्विक दुनिया में कम हो गई है. हेनली एंड पार्टनर्स पासपोर्ट इंडेक्स की 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग 84वें स्थान पर आ गई है. जो पिछले साल 2019 में 86 थी. इस रैंकिंग के साथ भारत के नागरिक दुनिया के 58 देशों में वीसा फ्री एक्सिस कर सकते हैं.
हेनली एंड पार्टनर्स पासपोर्ट इंडेक्स विश्व के देशों के पासपोर्ट की वैश्विक ताकत से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित करती है. ये संगठन हर साल इस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करती है. विश्व के देशों की रैंकिंग का पैमाना इंटरनेशनल एअर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन (आईएटीए) के एक्सक्लूसिव आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है. आईएटीए यात्रा से जुड़ी सूचना के आंकड़ें जुटाता है जिसका अध्ययन हेनली एंड पार्टनर्स पासपोर्ट विभाग द्वारा किया जाता है.
जापान का पासपोर्ट सबसे मज़बूत, अफगानिस्तान का सबसे कमज़ोर
भारत के साथ तजाकिस्तान और मॉरिटानिया के पासपोर्ट की रैंकिंग भी 84वें स्थान पर है. 2019 में भारत की रैंकिंग 86 थी. पड़ोसी देश चीन का पासपोर्ट भारत से ज्यादा मजबूत है. चीन के पासपोर्ट को रैंकिंग में 71वां स्थान मिला है.
भारत में जिन लोगों के पास पासपोर्ट है वो भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार, श्रीलंका, जिम्बाब्वे, यूगांडा, इरान, कतर, नेपाल, थाइलैंड जैसे देशों में वीसा फ्री एक्सिस कर सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ देशों में हालांकि वीसा-ऑन अराइवल की जरूरत होती है.
जापान के पासपोर्ट की वैश्विक ताकत सबसे ज्यादा है. जापान ने रैंकिंग में पहला स्थान पाया है. दूसरे स्थान पर सिंगापुर है.
जापान के लोग अपने देश के पासपोर्ट के साथ दुनिया के 191 देशों में वीसा फ्री एक्सिस पा सकते हैं. सिंगापुर के लोगों को 190 देशों में वीसा फ्री एक्सिस है.
पूरी दुनिया में पासपोर्ट की सबसे कमजोर स्थिति अफगानिस्तान (107) की है. इस रैंकिंग के साथ दुनिया के 26 देशों में वीसा फ्री एक्सिस है.
दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देशों में शामिल पाकिस्तान के पासपोर्ट की रैंकिंग 104 है. इस रैंकिंग के साथ दुनिया के 32 देशों में वीसा फ्री एक्सिस है.
जिन देशों के पासपोर्ट की स्थिति काफी कमजोर है उनमें लीबिया, यमन, सोमालिया, पाकिस्तान, सीरिया, इराक और अफगानिस्तान शामिल है. गौरतलब है कि ये सारे देश आतंकवाद और क्षेत्रीय असंतोष से प्रभावित है.
कांग्रेस ने पासपोर्ट रैंकिंग के सहारे नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
पासपोर्ट की गिरती रैंकिंग का मामला कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सार्वजनिक तौर पर 13 जनवरी को एक ट्वीट कर उठाया. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक ताकत से संबंधित एक रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग के बारे में ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘ये ध्यान देने वाली बात है कि जहां 2013 में भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग 74वें स्थान पर थी जब मोदी जी ने भारत की छवि को मजबूत करने के लिए विदेशी यात्रा शुरू की थी.’
Indian passport falls from touching a decade high of rank 74 to a low of 84 in 2020 in terms of the Henley Passport Index. It is pertinent to mention that India was ranked 74 in 2013 before Modiji started touring countries to strengthen India's image abroad.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) January 13, 2020
बता दें कि सिंघवी ने नरेंद्र मोदी पर इस रैंकिंग के सहारे निशाना साधा है. नरेंद्र मोदी भारत की छवि मजबूत करने के लिए विश्व के कई देशों का दौरा कर चुके हैं फिर भी भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग क्यों गिर रही है. गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने विश्व के कई देशों की यात्रा की है.
मोदी सरकार के कई मंत्री और भाजपा के कई नेता ये कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं से भारत की वैश्विक छवि में काफी सुधार आया है. लेकिन पिछले कुछ सालों की पासपोर्ट रैंकिंग में स्थिति उलट नज़र आ रही है.