शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सोमवार यानी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर सोमवार को सभी बोर्डों, स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की कांग्रेस सरकार पर सोमवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का दबाव बना रही थी.
इस बीच, राम मंदिर शिमला में 24 घंटे का “अखंड पाठ” रविवार से शुरू हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी मंदिर में पूजा-अर्चना की और दीये जलाये.
सीएम ने मीडियाकर्मियों से कहा कि भगवान राम किसी विशेष पार्टी के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश और उसकी संस्कृति के आदर्श हैं. उन्होंने सभी से राम के बताये रास्ते पर चलने की अपील की.
सुक्खू ने कहा, “सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा है और इस अवसर पर मैं अपने घर में दीपक जलाऊंगा और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करूंगा.”
इस महीने की शुरुआत में सुक्खू ने कहा था कि राम सभी के लिए आदर्श हैं. उन्होंने मीडिया से कहा था, “हम भगवान राम का अनुसरण करते हैं. हमें अयोध्या आने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है. समय आने पर हम अयोध्या जाएंगे.”
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विक्रमादित्य सिंह पहुंचे अयोध्या
इस बीच, पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह – छह बार हिमाचल के दिवंगत सीएम और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के बेटे – समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं, जिसमें उन्हें आमंत्रित किया गया है.
उन्होंने रविवार को दिप्रिंट को बताया, “मुझे मेरे पिता की भूमिका के कारण आमंत्रित किया गया है. वे चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बने और उन्होंने अपने अंतिम दिनों में कुछ धनराशि भी दान की थी.”
इससे पहले, सिंह निमंत्रण और अयोध्या जाने की अपनी योजना के बारे में काफी मुखर थे, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के फैसले के बाद वह चुप रहे.
10 जनवरी को सिंह ने कहा था कि वह “अपने पिता के सम्मान” समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या जाएंगे.
इससे पहले उन्होंने निमंत्रण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को धन्यवाद भी दिया था.
उन्होंने मीडिया से यह भी कहा था कि सीएम और अन्य कैबिनेट सहयोगी भी जल्द ही अयोध्या जाएंगे.
उन्होंने पहले दिप्रिंट से कहा था, “अभी तक अयोध्या से कोई निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन हमें निमंत्रण मिले या न मिले, भगवान राम हमारी आस्था के केंद्र हैं और हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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