बेंगालुरू (कर्नाटक): केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सभी देशों को समान भागीदारों के रूप में देखता है और देश की आंतरिक समस्याओं के लिए बाहरी समाधान थोपने में विश्वास नहीं करता है.
‘एयरो इंडिया’ कार्यक्रम में भारत की द्विवार्षिक एयरोस्पेस प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार सुबह बेंगलुरू के ताज वेस्टेंड में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन ‘स्पीड’ की मेजबानी की.
इस अवसर पर बोलते हुए, सिंह ने कहा, ‘भारत हमेशा एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए खड़ा रहा है, जिसमें सभी संप्रभु राष्ट्रों के बीच निष्पक्षता, सहयोग, सम्मान और समानता की सभ्यतागत अवधारणा से ‘सही होने की मौलिक प्रवृत्ति को फिर से स्थापित किया जाता है.’
राष्ट्रों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हम सहजीवी संबंध बनाना चाहते हैं जहां हम एक दूसरे से सीख सकें.’
उन्होंने आतंकवाद के अवैध हथियारों के व्यापार और नशीली दवाओं की तस्करी को दुनिया के लिए एक सुरक्षा खतरे के रूप में भी बताया.
उन्होंने कहा, ‘आज सामूहिक सुरक्षा हमारे विकास और समृद्धि के लिए अनिवार्य हो गई है. आतंकवाद, अवैध हथियारों का व्यापार और नशीली दवाओं की तस्करी पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा खतरा है. सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए, हमारी वर्तमान वास्तविकता के लिए नई रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है.’ भारत पुराने पितृसत्तात्मक या नव-उपनिवेशवादी प्रतिमानों में इस तरह के सुरक्षा मुद्दों से निपटने में विश्वास नहीं करता है. राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया कॉन्क्लेव में कहा, हम सभी देशों को समान भागीदार मानते हैं.’
कॉन्क्लेव में मित्र विदेशी राष्ट्रों के समकक्षों ने भागीदारी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एयरो इंडिया कार्यक्रम का उद्घाटन किया था.
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी, नेपाल के रक्षामंत्री हरि प्रसाद उप्रेती, श्रीलंका की राज्य रक्षा राज्य मंत्री प्रेमिता बंडारा टेन्नाकून और अन्य देश के रक्षा माननीय व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया.
सिंह ने यह भी कहा कि भारत में विभिन्न विचारों की आपस में समिश्रण और प्रतिस्पर्धा ने हमें एक वैश्विक विचार केंद्र बना दिया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘भारत कभी भी एक बंद देश नहीं रहा है और हमेशा दुनिया भर से नए विचारों के लिए खुला रहा है. हमारा अतीत का खुलापन हमारे वर्तमान और भविष्य को आकार देता है. भारत में विभिन्न विचारों का मिलना और प्रतिस्पर्धा करना हमें एक वैश्विक विचार केंद्र बना दिया है.’
सिंह ने कहा कि भारत अपने साथी देशों की क्षमता निर्माण का समर्थन करता है ताकि वे अपनी प्रतिभा के अनुसार अपने भाग्य का ‘रूपरेखा’ तैयार कर सकें.
सिंह ने कहा, ‘भारत मित्र विदेशी राष्ट्रों को एक बढ़ी हुई रक्षा साझेदारी की पेशकश करता है. हम एक ऐसी साझेदारी की पेशकश करते हैं जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुरूप हो. हम आपके साथ निर्माण करना चाहते हैं, हम आपके साथ निर्माण, रचना और आपके साथ विकास करना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब हम अपने मूल्यवान साझेदार देशों से रक्षा उपकरण खरीद रहे हैं, तो अक्सर वे तकनीकी जानकारी साझा कर रहे हैं, भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित कर रहे हैं, और विभिन्न उप प्रणालियों के लिए हमारी स्थानीय फर्मों के साथ काम कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया एयरोस्पेस उद्योग सहित हमारे विमानन और रक्षा उद्योग के लिए अपने उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं को सभी राष्ट्रीय निर्णय निर्माताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.
इससे पहले आज सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) के सीईओ से बातचीत और मुलाकात की.
बैठक में जनरल एटॉमिक्स के मुख्य कार्यकारी डॉ. विवेक लाल, सफ्रान अलेक्जेंडर ज़िगलर के वरिष्ठ कार्यकारी वीपी, बिजनेस डेवलपमेंट बोइंग के अध्यक्ष हेइडी ग्रांट, एम्ब्रेयर कैटानो स्पुल्डारो नेटो के उपाध्यक्ष और राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स के अध्यक्ष और सीईओ मेजर जनरल योआव हार भी उपस्थित थे.
यह भी पढ़ें: ‘SDM, लेखपाल, पुलिस ने घर में आग लगाई’, कानपुर में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की मौत पर आरोप