नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यूपी के उन आठ मज़दूरों से मुलाकात की, जो उत्तराखंड के उत्तराकाशी स्थित सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों में से थे.
यूपी सीएम ने मजदूरों को शॉल और गिफ्ट देकर उनका अभिनंदन किया. मुख्यमंत्री ने सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “यह केंद्र और उत्तराखंड सरकार के अथक प्रयासों का परिणाम है कि सभी श्रमिक अपने परिवार के साथ सुरक्षित हैं. आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को राज्य की जनता की ओर से हार्दिक धन्यवाद.”
बता दें कि आठों श्रमिक शुक्रवार सुबह एम्स ऋषिकेश से सड़क मार्ग से लखनऊ पहुंचे. 12 नवंबर से उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 श्रमिकों को 28 नवंबर को सुरक्षित निकाल लिया गया था. चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक रात के लिए चिकित्सा निगरानी में रखने के बाद, उन्हें बुधवार को एम्स ऋषिकेश में एयरलिफ्ट किया गया.
इस बीच, सिल्क्यारा सुरंग से बचाए गए 41 श्रमिकों में बिहार के पांच श्रमिक भी शामिल थे. शुक्रवार को पटना हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत हुआ और श्रम मंत्री सुरेंद्र राम ने फूलों और गुलदस्ते से उनका स्वागत किया.
झारखंड के रहने वाले पंद्रह मजदूरों को गुरुवार को एम्स ऋषिकेश से दिल्ली और वहां से आज सुबह रांची ले जाया गया.
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चिन्यालीसौड़ अस्पताल में सभी श्रमिकों से मुलाकात की थी और कहा कि श्रमिकों की पूरी जांच हो चुकी है और वे स्वस्थ हैं.
धामी ने कहा, “मैं अभी सभी से मिला हूं और सभी स्वस्थ हैं और उनके परिवार के सभी सदस्य खुश हैं. उनकी पूरी जांच की गई है और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं है.”
17 दिनों तक चले बचाव अभियान के बाद सुरक्षित बचने पर खुशी व्यक्त करते हुए बचाए गए मजदूरों में से एक झारखंड के विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि उन्हें बचा लिया जाएगा और वे फिर से बाहरी दुनिया देख पाएंगे.
उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश और सुरक्षित हूं. फंसे हुए बाकी सभी मजदूर भी स्वस्थ्य हैं. मलबा सुरंग की शुरुआत में गिरा था और मैं दूसरी तरफ था. लगभग अंदर दो किलोमीटर खाली था. हम अपना समय बिताने के लिए सुरंग के अंदर घूमते थे. शुरुआत में थोड़ा डर था, लेकिन जैसे-जैसे हमें भोजन और पानी मिलता गया और अपने परिवारों से बात होती गई, हमारा मनोबल बढ़ता गया. हमें पूरा विश्वास है कि बहुत जल्द हम बाहरी दुनिया देखेंगे.”
जैसे ही 28 नवंबर को सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया, देश के विभिन्न हिस्सों में उनके परिवार के सदस्य खुशी से झूम उठे और पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर इस पल का जश्न मनाया.
12 नवंबर को सिल्क्यारा की ओर से 205 से 260 मीटर के बीच सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. 260 मीटर से अधिक दूरी पर मौजूद 41 श्रमिक फंस गए और उनका बाहर निकलना बंद हो गया. विभिन्न बचाव टीमों के भारी प्रयासों और 16 दिनों के बचाव अभियान के बाद 28 नवंबर को सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
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