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बुधवार, 28 मई, 2025
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यूपी में माफियाओं से निपटने के लिए CM योगी ने दी ‘खुली छूट’: निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार

दिप्रिंट को दिए खास इंटरव्यू में यूपी सीएम के ‘पसंदीदा’ पुलिस अधिकारी — जो 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं — महाकुंभ के आयोजन, यूपी के धर्मांतरण विरोधी कानून, तीन तलाक बिल, मुठभेड़ों और बुलडोजर कार्रवाई के बारे में बात कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस को दी गई “खुली छूट” और “सभी माफियाओं की कमर तोड़ने के उनके ब्लूप्रिंट” की सराहना की है.

दिप्रिंट को दिए गए खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “2017 में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) यूपी पुलिस को अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर बहुत बहुत स्पष्ट निर्देश दिए थे. उन्होंने कुशल, रिजल्ट देने वाले लोगों को चुना, जिन्हें महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया.”

उन्होंने कहा कि तभी प्रक्रिया शुरू हुई — शुरुआत में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई.

मुख्यमंत्री के पसंदीदा माने जाने वाले कुमार को पिछले साल जनवरी में यूपी का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था और वे 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

इंटरव्यू में कुमार ने योगी द्वारा माफियाओं से निपटने के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करने की ओर इशारा किया, जिसमें सभी माफियाओं की पहचान करके “माफिया टास्क फोर्स” का गठन किया गया. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “68 माफियाओं की पहचान की गई, जिन पर पहले निगरानी रखी जाती थी और अब भी हमारे मुख्यालय से रोज़ाना यह जारी है. हमने सरगनाओं और उनके समर्थकों के खिलाफ काम किया…हमने उन माफियाओं की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी.”

उन्होंने दावा किया कि 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई और कुर्क की गई.

उन्होंने कहा कि पहचाने गए माफियाओं में से 33 जेल में हैं, सात की मौत हो चुकी है और तीन फरार हैं. “इसलिए, तलाश अभी भी जारी है.”

राज्य में गैंगस्टरों के प्रति अपने सख्त रुख के लिए प्रसिद्ध कुमार ने बताया कि शुरुआती प्राथमिकता अपराधियों में कानून का डर पैदा करना था, लेकिन पुलिस ने अपना ध्यान उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने पर केंद्रित कर दिया. “अब, हम ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ पर जा रहे हैं. हम उन्हें दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं.”

उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि जुलाई 2023 से मई 2025 तक यूपी पुलिस ने संवेदनशील और महत्वपूर्ण मामलों में 93,000 से ज़्यादा लोगों को दोषी ठहराया है, जिनमें से 65 मामलों में मृत्युदंड तक दिया गया है. इनमें से 7,800 से ज़्यादा लोगों को आजीवन कारावास की सज़ा दी गई और 1,395 लोगों को 20 साल से ज़्यादा की सज़ा सुनाई गई.

उन्होंने कहा कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पुलिस बल दोगुना हो गया है. “हमारी संख्या 4 लाख से ज़्यादा है. हमारे पास सिर्फ 40,000 के आसपास पद खाली हैं. जब यह सरकार सत्ता में आई थी, तो यह कुल संख्या ही केवल दो लाख थी…पुलिस बजट में भी ढाई गुना सुधार हुआ है.”

कुमार ने योगी सरकार द्वारा उठाए गए दूसरे कदमों का भी ज़िक्र किया, जिसमें धार्मिक स्थलों से एक लाख लाउडस्पीकर हटाना शामिल है. उन्होंने कहा, “यह धर्म से अलग है, ऐसा नहीं है कि हमने किसी एक समुदाय या धर्म को निशाना बनाया है.”

उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ की घटनाओं के बारे में बात करते हुए कुमार ने कहा, “पुलिस कोई छुपी हुई बत्तख नहीं है, कि आप गोली चलाएं और आप मारे जाएं. हमें हथियार दिए गए हैं, वह हमारे लिए आभूषण नहीं हैं, अगर कोई हम पर गोली चलाएगा, तो हम भी जवाब देंगे. हमारे लोग भी मारे गए हैं.”

जबकि उन्हें सेवा विस्तार दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, कुमार ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी आदेश की “उम्मीद” नहीं है और वे सेवानिवृत्ति के बाद लखनऊ में अपने परिवार के साथ समय बिताने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, “आपके शुभचिंतक हमेशा चाहते हैं कि आप सेवा में बने रहें, लेकिन सेवानिवृत्ति पहले से तय होती है. जिस दिन हम सेवा में शामिल होते हैं, हमें पता होता है कि हम कब सेवानिवृत्त होने वाले हैं.”

मुख्यमंत्री के साथ अपने दोस्ताना व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “उन्होंने (सीएम योगी) मुझे कुछ काम दिए थे और शायद नतीजों की वजह से, मुझे लगता है कि यही बात है. यह सिर्फ पेशेवर स्तर पर है, इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है.”


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महाकुंभ से लेकर वोट देने से रोकने का दावा

यूपी के शीर्ष पुलिस अधिकारी के रूप में, कुमार ने इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में महाकुंभ की व्यवस्थाओं की भी देखरेख की थी.

उन्होंने कहा, “66 करोड़ से अधिक लोगों की सेवा करते हुए आप सोच सकते हैं कि स्वच्छता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, संरक्षा के लिए किस तरह की कोशिशें की गई होंगी…सब कुछ सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध था, लेकिन मौनी अमावस्या पर एक छोटी सी घटना को छोड़ दें, तो मुझे लगता है कि सब कुछ हमारी योजना के अनुसार हुआ.”

वह जिस घटना का जिक्र कर रहे थे, वह मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ थी, जिसमें 30 लोग मारे गए थे और 60 घायल हो गए थे. कुमार ने कहा, “ये चीज़ें हो सकती हैं. यह बस कुछ सेकंड का मामला था, लेकिन तुरंत, हमारे पास एक आकस्मिक योजना थी जो काम आई.” उन्होंने बताया कि हत्या, चेन स्नैचिंग, दुर्व्यवहार और अन्य अपराधों का कोई मामला नहीं था, जो आम तौर पर बड़ी सभाओं में होते हैं.

उन्होंने कहा, “हमारे सभी लोग, 50,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद थे और वह सिर्फ एक सीटी, एक रस्सी और एक लाउडस्पीकर के ज़रिए चीज़ों को संभाल रहे थे.”

कुमार ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनावों में मुसलमानों को वोट देने से रोकने के आरोप गलत और “अतिशयोक्तिपूर्ण” हैं. उनकी यह टिप्पणी पिछले साल विधानसभा उपचुनावों के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के दावों की पृष्ठभूमि में आई है.

उन्होंने कहा, “इस तरह के आरोप हमेशा लगते रहते हैं. आजकल संसद और विधानसभा के सभी चुनावों में केंद्रीय बलों की काफी मौजूदगी होती है और पर्यवेक्षक भी होते हैं…ऐसे आम चुनावों में प्रशासन की ज़्यादा भूमिका नहीं होती. बहुत सारे अर्धसैनिक बल होते हैं, लोग बाहर से आते हैं. हम चुनाव आयोग के निर्देशों का सख्ती से पालन करते हैं.”

‘तीन तलाक विधेयक अल्पसंख्यकों के लिए राहत’

कुमार ने उत्तर प्रदेश कानून के विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 और उसके बाद के संशोधनों के “सकारात्मक प्रभाव” के बारे में बात की, जिसने कानून को और अधिक सख्त बना दिया, जिसमें किसी महिला को धोखा देकर उससे शादी करने और अवैध रूप से उसका धर्म परिवर्तन करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान किया गया.

उन्होंने कहा, “अगर आप गांवों में जाएं, तो कुछ जबरन धर्म परिवर्तन ग्रामीण इलाकों में माहौल खराब कर देते हैं. कुछ लोग बहुत कम उम्र में ही ऐसी चीज़ों में पड़ जाते हैं, जिससे समाज में विकृति पैदा होती है.”

यह कानून, विभिन्न राज्यों में अन्य धर्मांतरण विरोधी कानूनों के साथ, वर्तमान में संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 25 (धर्म की स्वतंत्रता) के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने के कारण सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के अधीन है.

हालांकि, कुमार ने जोर देकर कहा कि पुलिस कानून को तभी लाती है, जब इसकी ज़रूरत होती है. उन्होंने कहा, “अगर कोई काम जबरदस्ती किया जाता है, या कोई प्रलोभन होता है, या नाबालिगों के साथ किया जाता है, तो हम हस्तक्षेप करते हैं. अन्यथा हर सतर्क व्यक्ति स्वतंत्र है…ग्रामीण इलाकों में, अगर कुछ अंतर-धार्मिक चीज़ें होती हैं…अगर कोई भाग जाता है, तो स्थिति बहुत खराब हो जाती है, जिससे कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है.”

केंद्र के तीन तलाक बिल पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इसने “अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को राहत दी है” और इसका “यूपी में बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा है”.

‘यूपी में बुलडोजर कार्रवाई शुरू हुई’

कुमार ने पिछले साल उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों पर फूल बरसाने की घटना का भी बचाव किया, जिसमें पुलिस अधिकारी भी शामिल थे. अधिकारी ने कहा कि यह “सरकारी नीति” का हिस्सा था और इसका यूपी पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “देश के इस हिस्से में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां होती हैं. कोई भी धर्म, कोई भी त्यौहार, यूपी में यह सब भव्य होता है…कुछ त्यौहार हैं, जो बहुत प्रसिद्ध हैं और बहुत भीड़ आकर्षित करते हैं और कांवड़ यात्रा उनमें से एक है. लोग अलग-अलग राज्यों से आते हैं…हम यहां आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत करते हैं और उनकी यात्रा को आरामदायक बनाने की कोशिश करते हैं. वह सभी आस्था से प्रेरित हैं.”

उन्होंने कहा कि फूल बरसाने वाले उन हेलीकॉप्टरों में यूपी पुलिस के जवान अधिकारियों के साथ थे “सुरक्षा और संरक्षा के लिए हवाई दृश्य देखने के लिए”.

अप्रैल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को 2021 में छह व्यक्तियों के घरों को “अवैध” तरीके से ध्वस्त करने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी और अधिकारियों को प्रत्येक घर के मालिकों को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था.

हालांकि, कुमार ने जोर देकर कहा कि “बुलडोजर हमारा काम नहीं है” और इसका इस्तेमाल केवल अवैध निर्माणों पर नोटिस दिए जाने के बाद किया जाता है. उन्होंने कहा, “इस बारे में कभी नहीं सुना गया, ये बुलडोजर…लेकिन इसे पहली बार यूपी में शुरू किया गया था. इसलिए यह एक बड़ी बात बन जाती है, बहुत प्रचार हुआ है.”

(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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