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Tuesday, 7 May, 2024
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CM शिवराज ने भोपाल में मेट्रो मॉडल कोच का किया अनावरण, AI तकनीक से किया जाएगा ट्रेनों का संचालन

बता दें कि कोच का इंटीरियर वैसा ही है जैसा मेट्रो ट्रेन में रहेगा, साथ ही भोपाल और इंदौर में मेट्र ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. सितंबर के मध्य में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन का शुभारंभ होगा.

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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रायल ट्रेन का ट्रायल रन का शनिवार को अनावरण किया किया. मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा श्यामला हिल्स पर स्मार्ट सिटी पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम ने यह अनावरण किया जिसे सितंबर से शुरू किया जाएगा.

बता दें कि कोच का इंटीरियर वैसा ही है जैसा मेट्रो ट्रेन में रहेगा, साथ ही भोपाल और इंदौर में मेट्र ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. सितंबर के मध्य में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन का शुभारंभ होगा.

मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल- इंदौर में ओरेंज लाइन तथा ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है. भोपाल- इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य दिसंबर 2026 तक पूरा होने की संभावना है.

भोपाल और इंदौर मेट्रो की कुछ खास विशेषताएं यह हैं कि यह शहर की सुंदरता बनाए रखने हेतु तार के जालों से मुक्त विश्वसनीय विद्युतीकरण प्रणाली 750 वॉल्ट डीसी थर्ड रेल का काम करेगा। इसमें 132 केवी विद्युत आपूर्ति भूमिगत केबल नेटवर्क है. इसमें बेहतर मानव सेफ्टी के लिए मोटर चालित शॉर्ट सर्किट डिवाइस है साथ ही आपातकालीन यात्री निकासी के लिए थर्ड रेल पावर का स्वचालित स्विच भी है.

इसके स्टेशनों में ऊर्जा बचत हेतु स्वचालित प्रकाश नियंत्रण के साथ स्मार्ट प्रकाश व्यवस्था की गयी है. यात्री सुरक्षा के लिए अग्निशमन प्रणाली की व्यवस्था की गयी हैं.

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यात्री सुरक्षा के लिए स्टेशन प्लेटफार्म पर आपातकालीन पावर स्विच ऑफ सिस्टम लगाए गए हैं. साथ ही ईवी चार्जिंग से युक्त स्टेशनों के साथ दोपहिया पार्किंग की व्यवस्था भी है.

भोपाल और इंदौर मेट्रो सेवाओं में लिफ्ट और एस्केलेटर दिव्यांग लोगों सहित सभी यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

भोपाल और इंदौर मेट्रो स्टेशनों में लिफ्ट ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल तक और कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक बाधा रहित पहुंच प्रदान करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दिव्यांग या सीमित गतिशीलता वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से कील चेयर के साथ यात्रा करने की सुविधा के साथ निर्वाध रूप से यात्रा कर सकें.

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट कार और लैंडिंग के अंदर ब्रेल बटन की सुविधा, दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए जमीनी स्तर से प्लैटफॉर्म स्तर तक जुड़े लिफ्ट के प्रवेश द्वारों पर स्पर्शनीय फर्श और बधिर व्यक्तियों के लिए लैंडिंग प्रवेश द्वार और लिफ्ट के अंदर एक झंकार के साथ घंटियों की सुविधा भी की गई है.

यात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की आसानी के लिए सभी लिफ्टों में स्टेशन नियंत्रण कक्ष से जुड़ी लिफ्ट के अंदर ऑटो कॉल सुविधा, इंटरकॉम और अलार्म की सुविधाएं दी जा रही है.

लिफ्ट को फायर अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है और आग लगने की स्थिति में लिफ्ट में निकासी लैंडिंग पर पहुंचने की सुविधा होगी. स्टेशनों पर सभी लिफ्ट को सभी आवश्यक आपातकालीन निकासी साइनेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

प्रवेश और निकास द्वार से दोनों प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए एस्केलेटर दिए जाएंगे. भोपाल और इंदोर मेट्रो में आधुनिक एस्केलेटर ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के साथ डिजाइन किए गए है, जिनमें कम यात्री यातायात के दौरान गति नियंत्रण प्रणाली और स्टैंडबाय मोड शामिल हैं. ये ऊर्जा खपत को कम करने में योगदान करते हैं.


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