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Sunday, 24 November, 2024
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केरल डॉक्टर मर्डर केस में CM पिनाराई विजयन ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

इस घटना का केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अगर सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो अस्पतालों को बंद कर दें.

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नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने डॉक्टर वंदना दास की मरीज द्वारा चाकू मारकर हत्या किए जाने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.

उधर, वंदना दास का गुरुवार दोपहर को अंतिम संस्कार किया गया.

आरोपी संदीप को उसके पड़ोसियों से विवाद के बाद मंगलवार की रात उसके घर से पुलिस हिरासत में ले लिया गया था. जब वह हिंसक हो गया तो उसे अनिवार्य मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल ले जाया गया था.

पुलिस के अनुसार एस संदीप (42) ने सर्जन वंदना दास पर उस समय चाकू से हमला कर दिया जब वह उसके घावों की मरहम-पट्टी कर रही थी. ड्रेसिंग रूम से कैंची लेने के बाद, संदीप ने वंदना पर छुरा घोंपा जिससे उसके पेट और पीठ में चोटें आईं थी. संदीप का कथित तौर पर नशामुक्ति केंद्र में इलाज चल रहा था.

उसने दूसरों पर भी हमला किया और अस्पताल में तोड़फोड़ की. चाकू लगने से एक होमगार्ड और एक सब इंस्पेक्टर भी घायल हो गया. पुलिस ने बताया कि डॉ. वंदना को तिरुवनंतपुरम के केआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

डॉ वंदना अज़ीज़िया मेडिकल कॉलेज, कोल्लम में हाउस सर्जन थीं और वह कोट्टारक्करा के तालुक अस्पताल में ड्यूटी पर थीं.

हालांकि केरल के डॉक्टरों ने इस घटना को लेकर गुरुवार को अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. राज्य भर के अस्पतालों में डॉक्टरों ने सिर्फ आपातकालीन सेवाओं में काम किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि वे शुक्रवार सुबह आठ बजे तक अपनी हड़ताल जारी रखेंगे. वे राज्य में डॉक्टर समुदाय से व्यापक विचार-विमर्श के बाद अपने भविष्य की रणनीति तय करेंगे.

आईएमए ने सरकार से अस्पतालों को प्रोटेक्शन जोन घोषित करने की भी मांग की. आईएमए केरल के अध्यक्ष डॉ. सुल्फी ने कहा कि ये दोनों मांगें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ बैठक में उठाई जाएंगी.

आईएमए ने यह भी मांग की कि वंदना की हत्या की जांच विशेष जांच दल से कराई जाए.

हाउस सर्जन स्टूडेंट्स यूनियन, पीजी डॉक्टर्स एसोसिएशन और विभिन्न कॉलेजों के मेडिकल छात्रों ने बुधवार को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में सचिवालय के सामने सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया.

डॉक्टरों ने बुधवार को राज्य भर के अस्पतालों में 24 घंटे की आपातकालीन हड़ताल शुरू की.

इस घटना का केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अगर सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो अस्पतालों को बंद कर दें.

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की बेंच ने कहा, “अगर आप डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते, तो अस्पतालों को बंद कर दें.”


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