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शुक्रवार, 20 जून, 2025
होमदेशअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बोले सीएम मोहन यादव – ‘योग मानवता के लिए भारत का अमूल्य उपहार’

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बोले सीएम मोहन यादव – ‘योग मानवता के लिए भारत का अमूल्य उपहार’

सीएम यादव ने योग की प्राचीन परंपरा का ज़िक्र करते हुए कठोपनिषद, गीता और महर्षि पतंजलि के योगसूत्रों का हवाला भी दिया.

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भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग को “मानवता के लिए भारत का अमूल्य उपहार” बताया और इसे भारतीय संस्कृति की वैश्विक देन करार दिया. उन्होंने कहा कि “योग वह दिव्य अवस्था है, जब चेतना और परम चेतना का मिलन होता है. यह सिर्फ आध्यात्मिक साधना नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य का आधार भी है.”

सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हीं के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी दुनिया में समग्र स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत की है. आज उपचार से ज्यादा रोकथाम पर ज़ोर दिया जा रहा है.”

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई है, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि वैश्विक कल्याण और पृथ्वी के साथ संतुलन को भी महत्व देती है.

डॉ. यादव ने कहा, “जब शरीर और मन स्वस्थ होते हैं, तो हम समाज और पर्यावरण से बेहतर सामंजस्य स्थापित कर पाते हैं. आज योग ने पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों को सहारा दिया है. हम सबके लिए यह गौरव का क्षण है कि योग का समृद्ध विज्ञान भारत में सुरक्षित है और इसकी विरासत से पूरा विश्व लाभान्वित हो रहा है.”

योग को लेकर समाज में व्याप्त जिज्ञासाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर पूछा जाता है कि योग से क्या मिलता है – “योग से मिलती है शांति.” उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों के जरिए यह भी समझाया कि कैसे एक शांत चित्त एकाग्रता को जन्म देता है और एकाग्रता ही जीवन की सभी उपलब्धियों का मूल है.

सीएम यादव ने योग की प्राचीन परंपरा का ज़िक्र करते हुए कठोपनिषद, गीता और महर्षि पतंजलि के योगसूत्रों का हवाला भी दिया.

उन्होंने कहा, “महर्षि अरविंद ने तो यहां तक कहा है कि संपूर्ण मानव जीवन ही एक योग है, क्योंकि यह कई आयामों का मेल है.”

योग की सार्वभौमिकता पर उन्होंने कहा, “यह किसी एक धर्म, जाति या देश तक सीमित नहीं है. जब पूरी दुनिया एक साथ योग करती है, तो भौगोलिक सीमाएं और भेदभाव मिट जाते हैं. चित्त में प्रसन्नता और मन में शांति का भाव बढ़ता है.”

मुख्यमंत्री ने अंत में प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं.

उन्होंने कहा, “योग और यौगिक क्रियाएं हमारे जीवन से गहराई से जुड़ी हुई हैं. अब समय है कि हम इस जागरूकता को अपने भीतर उतारें और तन व मन दोनों को स्वस्थ रखें.”

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