नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और दीवार पर सोमवार की सुबह खालिस्तान के झंडे लगे हुए मिले जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में तुरंत जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, ‘धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं. इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं.’
इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) May 8, 2022
इस घटना की जब खबर मिली उसके कुछ समय के भीतर ही दीवारों और गेट से झंडे हटा दिए गए. कांगड़ा के एसपी कुशल शर्मा ने संदेह जताया कि इस घटना के पीछे ‘पंजाब से आए कुछ पर्यटकों’ का हाथ हो सकता है.
उन्होंने कहा, ‘यह घटना देर रात या तड़के सुबह हुई होगी. हमने विधानसभा के गेट से खालिस्तानी झंडे हटा दिए हैं.’ उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी.
धर्मशाला की एसडीएम शिल्पी बेक्ता ने कहा कि ये प्रशासन के लिए वेक-अप कॉल है और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं और हिमाचल प्रदेश ओपन प्लेसेज़ एक्ट, 1985 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.’
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