भोपाल/दुबई: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को दुबई में अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से मुलाकात की और उन्हें निवेश के लिए ‘भारत के हृदय’ मध्यप्रदेश में आने का आमंत्रण दिया. सीएम डॉ. यादव ने बताया कि एमपी न सिर्फ उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल देता है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और वन्यजीव संपदा से भी समृद्ध है.
सीएम ने उम्मीद जताई कि भारत और यूएई के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी में मध्यप्रदेश एक अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने अल यामाहि को अक्टूबर में प्रस्तावित ‘एमपी एनर्जी समिट’ में शामिल होने का न्योता भी दिया.
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि एमपी को ‘मोस्ट वेलकमिंग स्टेट’ कहा जाता है. यहां तीन यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स—खजुराहो, सांची और भीमबेटका हैं। भौगोलिक दृष्टि से भारत के केंद्र में स्थित एमपी, व्यापार और निवेश के लिए रणनीतिक रूप से अहम है. दालों, गेहूं, सोयाबीन और बाजरे के बड़े उत्पादक राज्य के तौर पर यह कृषि के क्षेत्र में भी अग्रणी है.
उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अपार संभावनाएं हैं. हम यूएई के साथ हरित ऊर्जा और विज्ञान-प्रौद्योगिकी में संयुक्त प्रोजेक्ट्स शुरू करने के इच्छुक हैं.”
सीएम ने बैठक में एमपी की वन्यजीव संपदा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “हमें गर्व है कि मध्यप्रदेश को ‘टाइगर कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जाता है. यहां सबसे अधिक टाइगर रिजर्व हैं और अब यह एशिया का एकमात्र राज्य है जहां चीते हैं. विभिन्न देशों से लाए गए चीतों का सफल पुनर्वास हुआ है.”
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोयला, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे खनिजों की भरपूर उपलब्धता है, जो उद्योगों के लिए एक मजबूत आधार है. साथ ही, प्रदेश की हस्तशिल्प और शिल्प परंपरा भी वैश्विक बाजारों में बड़ी संभावनाएं रखती है.
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार निवेशकों के लिए उद्योग-अनुकूल नीतियां और आसान प्रक्रियाएं लेकर आई है. “हम औद्योगिक पार्क, फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए तत्पर हैं.”
बैठक के अंत में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अरब संसद अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि को उनके पदभार ग्रहण पर शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में यह संस्था नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी.