जम्मू : जम्मू-कश्मीर के किश्तवार जिले के एक सुदूर गांव में बुधवार तड़के बादल फटने की घटना में 40 से अधिक लोग लापता हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि बचाव दलों को दाचन तहसील के होनजार गांव भेजा गया है तथा घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैंने किश्तवार में बादल फटने के संबंध में जम्मू-कश्मीर के एलजी और डीजीपी से बात की है.एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन बचाव अभियान चला रहे हैं. एनडीआरएफ भी वहां पहुंच रहा है. हमारी प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाना है.
I have spoken to the LG & DGP of Jammu & Kashmir regarding cloudburst in Kishtwar. SDRF, Army & local administration are carrying out the rescue operation. NDRF is also reaching there. Our priority is to save as many lives as possible: Union Home Minister Amit Shah
(File photo) pic.twitter.com/BQBNBEjZCf
— ANI (@ANI) July 28, 2021
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि मैंने वरिष्ठ अधिकारियों और किश्तवार जिला प्रशासन (जहां बादल फटने से कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है) से बात की. लोगों को बचाने और लापता लोगों का पता लगाने के लिए सेना और एसडीआरएफ की टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं. मैं स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं.
Spoke to senior authorities and Kishtwar district administration (where at least 4 people have died following cloudburst). Army and SDRF team working on war footing to rescue people and trace the missing persons. I am continuously monitoring the situation: LG Manoj Sinha pic.twitter.com/8sb5EEecXw
— ANI (@ANI) July 28, 2021
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि किश्तवाड़ के ज़िलाधिकारी अशोक शर्मा से बात हुई है। बादल फटने के बाद 30 से 40 लोग लापता हैं, अब तक 4 शव बरामद हुए हैं. एसडीआरएफ और सेना की मदद से बचाव कार्य जारी है.
जम्मू में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. जुलाई माह के अंत तक और अधिक बारिश होने का अनुमान है जिसके चलते किश्तवार के अधिकारियों ने जलाशयों के निकट रहने वाले और फिसलन वाले क्षेत्रों के लोगों से सतर्क रहने को कहा है.
जिला प्रशासन ने मंगलवार रात को जारी एक परामर्श में कहा, ‘मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश हो सकती है जिससे नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ सकता है और उनके निकट रहने वाले लोगों के लिए खतरा हो सकता है.’