गुवाहाटी: नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ तीन लोगों ने शुक्रवार को यहां सचिवालय के पास नग्न प्रदर्शन किया. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल वहां से हटा दिया. लोकसभा में 8 जनवरी को नागरिकता विधेयक के पारित होने के बाद से इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में फैल गया है.
विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के छह गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की कोशिश की गई है. पूर्वोत्तर में यह डर है कि अगर ऐसा होता है तो ‘बाहरी लोग’ के लोगों के कारण क्षेत्र के स्थानीय लोगों को नुकसान होगा.
राष्ट्रीय राजधानी में संसद के समक्ष बीते महीने भी असम के 10 युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया था.
गौरतलब है कि यह नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करता है और इसका मकसद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अवैध हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनों, पारसियों और ईसाइयों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 को मंजूरी प्रदान की है. इस विधेयक का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समूहों के अवैध आव्रजकों को नागरिकता प्रदान करना है. इस प्रस्ताव को लेकर असम में बड़ा बबाल मचा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा इस पर लोकसभा में रिपोर्ट पेश किए जाने के तुरंत बाद विधेयक को मंजूरी प्रदान की.
जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में 31 दिसंबर, 2014 तक असम में प्रवेश कर चुके अल्पसंख्यक आव्रजकों को वैध ठहराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, लेकिन सरकार से कहा है कि चूंकि मामला न्यायाधीन है, इसलिए वह सतर्कता से कदम उठाए. रिपोर्ट में सभी कानूनी कदम उठाने को कहा गया है, ताकि बाद में यह परेशानी का सबब न बने.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)