नई दिल्ली: दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित उत्तर प्रदेश भवन के बाहर संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आम नागरिकों को भी हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि कुछ छात्र यहां विरोध प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. यह प्रदर्शन यूपी में सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुईं 18 लोगों की मौत और 700 लोगों की गिरफ्तारी को लेकर था. इस धरने को लेकर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. इससे पहले 21 दिसंबर को भी यूपी भवन पर हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लोगों को हिरासत में लिया था.
21 तारीख को धरने पर मौजूद उत्तर प्रदेश के शारीक दिप्रिंट को बताते हैं, ‘उस दिन पुलिस रैंडम लोगों को उठा रही थी. कोई भी धरना कर ही नहीं पाया. आज भी पुलिस वही कर रही है.’
थोड़ी देर पहले ही दिल्ली विधानसभा में कार्यरत पल्ल्वी रेब्बाप्रगडा ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें यूपी भवन से उठाकर मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाकर छोड़ दिया गया है और इस घटना के बाद सदमे में हैं.
पल्ल्वी ने दिप्रिंट को बताया, ‘तीन महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे जबरदस्ती खींचकर बस में पटक दिया. मैं पुलिस वालों से पूछ रही थी कि आप आम लोगों को कैसे उठा सकते हैं. मैं तो धरने में शामिल भी नहीं हूं. मेरा आईडी कार्ड गाड़ी में ही रह गया था. इसलिए मैंने उन्हें अपने आईडी कार्ड की फोन में खींची तस्वीर दिखाई. तब भी उन्होंने मुझे नहीं जाने दिया. मेरे साथ और भी कई महिलाएं थीं जो अकेले किसी काम से आई थीं. पुलिस से मैंने पूछा कि क्या यहां धरना हो रहा है तो वो मुझे और बाकी महिलाओं को गुमराह करते रहे.’
इस दौरान दिल्ली आइसा यूनिट की प्रेसिडेंट कवलप्रीत कौर को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिप्रिंट से बात करते हुए कवलप्रीत कहती हैं, ‘मैं ऑटो से उतरी ही थी. किराए के पैसे भी नहीं दिए थे कि अचानक पुलिस ने पकड़ा और जबरदस्ती बस में ठूंस दिया. कवलप्रीत ने इस घटनाक्रम को लेकर सिलसिलेवार तरीके से अपने ट्विटर पर लिखा है.
We have been brutally assaulted by Delhi police and picked up from UP Bhawan.We are only 4 women protestors inside the bus. We don't know where they are taking us.
— Kawalpreet Kaur (@kawalpreetdu) December 23, 2019
कवलप्रीत आगे अपडेट करते हुए लिखती हैं, ‘इस वक्त पुलिस ने कुल 41 लोगों को हिरासत में लिया है और हम मंदिर मार्ग पुलिस थाने में हैं. पुलिस यूपी भवन और रेस कोर्स मेट्रो स्टेशन से किसी को भी उठा रही है. चाहे फिर कोई अकेले ही जा रहा हो. वकील भी पहुंच रही है.’ फिलहाल पुलिस की तरफ से कोई और जानकारी नहीं दी गई है.
प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में पिछले 10 दिसम्बर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में गैरकानूनी प्रदर्शनों, आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग के मामले में कुल 164 मुकदमे दर्ज कर 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 5312 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्यवाही की गयी.