कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चंद्रबाबू नायडू के कहने के बाद रविवार रात 8 बजे से शुरू धरने को मंगलवार शाम 6 बजे खत्म कर दिया. यह धरना 46 घंटे चला. इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे. यह धरना केंद्र सरकार और सीबीआई के खिलाफ चल रहा था.
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Kolkata: This dharna (Save the Constitution) is victory for the Constitution and democracy, so, let us end it today. pic.twitter.com/FCZTgCXUg2
— ANI (@ANI) February 5, 2019
ममता बनर्जी ने कहा कि यह धरना (संविधान बचाओ) संविधान और लोकतंत्र के लिए जीत है. लिहाजा आज हम इसे खत्म करते हैं.
ममता ने पहले क्या कहा था
इससे पहले सीबीआई विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया था. सर्वोच्च अदालत ने लेकिन कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. राजीव कुमार के बचाव में ममता पिछले तीन दिनों से धरने पर संविधान बचाओ नारे के साथ बैठी थीं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ममता ने नैतिक जीत बताया था.
उन्होंने कहा था कि धरना खत्म करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. मैं अपने नेताओं से बात करके बताउंगी कि धरना खत्म कर रही हूं. आज चंद्रबाबू नायडू आ रहे हैं, मैं इस मामले में नवीन पटनायक से भी बात करूंगी तब फैसला लूंगी कि धरना जारी रहेगा या नहीं.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
रविवार रात सीबीआई की एक टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर चिटफंड घोटाले की पूछताछ और कुछ जानकारियों को जुटाने के लिए पहुंची. सीबीआई की टीम को राजीव के घर के बाहर ही रोक लिया गया और कुछ अधिकारियों को थाने ले गए जहां उन्हें कई घंटे तक रोक कर रखा गया. सीबीआई टीम की जानकारी मिलते ही आनन फानन में मुख्यमंत्री ममता राजीव कुमार के घर पहुंची और फिर उन्होंने वहीं से संविधान बचाओ नारे के साथ धरने पर बैठ गईं. उनके साथ राजीव कुमार भी धरने पर बैठ गए.