नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने चीनी सेना के भारतीय इलाके में घुसपैठ की आ रही खबरों की आशंका को खारिज कर दिया है. रावत ने कहा कि लद्दाख के दिमचॉक एरिया के फुक चे में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ नहीं की है.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमने इस विषय पर पहले ही आधिकारिक बयान दे दिया है. आपको क्यों नहीं भरोसा होता है जब कोई बयान दी जा रही है? आप उस पर भी डिफेंस फोर्सेस पर शक करते हैं तो इसपर हमें भी शर्म आती है.’
बिपिन रावत ने कारगिल की लड़ाई के 20 साल पूरे होने पर कहा, ‘भारतीय सेना सीमा की रक्षा करने में सक्षम है और अगर दुश्मन कोई हरकत करता है तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.’
सेना प्रमुख जनरल रावत करगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे. बिपिन रावत ने कहा कि चीनी अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था और इसे सुलझा लिया गया है. आर्मी चीफ ने कहा कि चीनियों के साथ भारत अच्छा संबंध है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई आम नागरिक भी एलएसी तक पहुंचा तो इसका मतलब है कि चीनी सैनिक उसे छोड़ने आए थे. कोई आम नागरिक भी बिना सेना की निगरानी के एलएसी तक नहीं जा सकता. सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के सैना के अधिकारियों के बीच होने वाली फ्लैग मीटिंग में यह मुद्दा उठाया गया.’
Army Chief General Bipin Rawat on 'Chinese troop movements in Demchok': We have already given an official statement on this. Aapko kyu nahi bharosa hota hai jab koi statement di ja rahi hai? Aap uss par bhi defence forces par shak karte hain toh isspe hume badhi sharam aati hai. https://t.co/BBRb11VLPy
— ANI (@ANI) July 13, 2019
बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 जुलाई को लद्दाख के फुक चे एरिया में तिब्बती शरणार्थी और स्थानीय लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे. इस दौरान उन्होंने तिब्बती झंडा भी लहराया. तब वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी) के दूसरी ओर से दो गाड़ियों में करीब 11 लोग आए, जिन्होंने लाल रंग का बड़ा सा बैनर दिखाया. उस बैनर में चीनी भाषा में लिखा था ‘तिब्बत को तोड़ने की सारी गतिविधियां रोको. वे करीब 40 मिनट वहां रुके और फिर चले गए
‘भविष्य में होने वाले युद्ध और हिंसक हो जाएंगे’
जनरल रावत ने कहा कि हमारे सैनिक हमारी प्राथमिकता हैं और रहेंगे. भविष्य में होने वाले युद्ध और अधिक हिंसक हो जाएंगे, जहां मनुष्य का महत्व कम रह जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में होने वाले युद्ध तकनीकी युद्ध होंगे जिनसे व्यापक स्तर पर तबाही हो सकती है.
Army Chief: Pakistan army time and again resorts to misadventure either through flawed proxy wars and state sponsored terror or intrusions. Indian Army stands resolute to defend our territory.Let there be no doubt that any misadventure will be repelled with a punitive response https://t.co/WHPcNls3vV
— ANI (@ANI) July 13, 2019
पाकिस्तान को माकूल जवाब देने में सक्षम
जनरल बिपिन रावत ने कार्यक्रम में कहा, ‘पाकिस्तान भारत के खिलाफ बार बार हिमाकत करता आया है. पाकिस्तानी सेना समय-समय पर दुस्साहस करती रहती है. कभी छद्म युद्धों के जरिए तो कभी राज्य पोषित आतंकवाद या घुसपैठ के जरिए.’ भारतीय सेना अपने इलाके की रक्षा के लिए संकल्पित है. इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए कि किसी भी तरह के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा
घुसपैठ चीन की पुरानी आदत
दरअसल, दिमचॉक में चीन पहले घुसपैठ की कोशिश कर चुका है. 2014 में भी इसे लेकर काफी बवाल हुआ था. भारत और चीन करीब 4 हजार किलोमीटर की लंबी सीमा साझा करते हैं जिसे लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है.
सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी को लेकर चीन और हमारी अपनी-अपनी धारणाएं हैं. इसलिए दोनों तरफ की पेट्रोलिंग पार्टी एक-दूसरे की तरफ रुख करती रहती हैं. चीनी जवान अपनी धारणा के हिसाब से एलएसी में पेट्रोलिंग के लिए आते हैं और हम उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं. हम भी अपनी एलएसी के हिसाब से पेट्रोलिंग करते हैं.