नई दिल्ली: भारत में कोरोनावायरस का तीसरा मामला सामने आया है. तीसरा मामला भी केरल के कसारगोड से आया है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा, ‘मरीज़ का ट्रीटमेंट कसारगोड के अस्पताल में किया जा रहा है. मरीज की हालत स्थिर है. मरीज चीन के वुहान से आया था.’ बता दें कि पिछले दो मामले भी केरल से ही सामने आए हैं.
चीन में फैले जानलेवा कोरोनावायरस से निपटने के लिए मात्र 10 दिन में बनाए गए विशिष्ट अस्पताल में सोमवार को मरीजों की भर्ती शुरू हो गयी. वायरस के फैलने के बाद अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया था. भारत ने चीन के पासपोर्ट धारकों के ई-वीज़ा सुविधा अस्थायी तौर पर निलंबित कर दी है.
चीन के वुहान शहर से ही इस वायरस की शुरुआत हुई है और यहां के लोगों के उपचार के लिए ह्यूओशेनशान अस्पताल बनाया गया है. 1500 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के निर्माण के लिए निर्माण दल दिन रात काम में लगा हुआ है. शहर की आबादी एक करोड़ 10 लाख है और संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लोगों के कहीं भी आने जाने पर रोक है.
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर ट्रेवल एडवाइजरी को संशोधित किया है. चीनी पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है. चीनी नागरिकों को पहले से जारी ई-वीजा अस्थायी रूप से वैध नहीं है.
Union Ministry of Health and Family Welfare issues revised travel advisory over #CoronaVirus. e-Visa facility for Chinese passport holders has been temporarily suspended. e-Visa already issued to Chinese nationals is not valid temporarily. pic.twitter.com/t0goxBrNGh
— ANI (@ANI) February 3, 2020
वुहान में उपचार केन्द्र का युद्धस्तर पर निर्माण ऐसा दूसरा मामला है जब देश में किसी बिमारी के लिए दिन रात एक करके विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है. इससे पहले 2003 में सार्स फैला था और इससे निपटने के लिए मरीजों के लिए एक सप्ताह में उपचार केन्द्र बनाया गया था.
सरकारी मीडिया के अनुसार सोमवार सुबह 10 बजे अस्पताल में मरीजों का पहला जत्था पहुंचा. हालांकि मरीजों की स्थिति और उनकी पहचान के बार में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ ने वुहान अस्पताल के लिए 1400 चिकित्सक, नर्स तथा अन्य कर्मी भेजे हैं.
सरकार ने कहा कि इनमें से कुछ को सार्स तथा अन्य प्रकोप से निपटने का अनुभव है. शिन्हुआ के मुताबिक ह्यूओशेनशान अस्पताल का निर्माण सात हजार बढ़ई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य विशेषज्ञों के दल ने किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)