गुवाहाटी: गैर-सरकारी संगठन इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन (आईसीपी) की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि असम में 2021 से बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
‘Towards Justice: Ending Child Marriages’, शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में सर्वेक्षण किए गए गांवों में बाल विवाह के मामले 2021-22 में 3,225 से घटकर 2023-24 में 627 हो गए.
रिपोर्ट में कहा गया है, “असम में सर्वेक्षण किए गए 30 प्रतिशत गांवों में बाल विवाह पूरी तरह से समाप्त हो गया है. इसके अलावा, 40 प्रतिशत गांवों में बाल विवाह की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है.”
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रमुख निष्कर्षों को सोशल मीडिया पर साझा किया और कहा कि उनकी सरकार “जब तक हम इस सामाजिक बुराई को खत्म नहीं कर देते, तब तक आराम नहीं करेगी”.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “@IndiaCPOrg की यह असाधारण रिपोर्ट नारी शक्ति को सशक्त बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों का शानदार प्रमाण है. 3,000 से ज़्यादा गिरफ्तारियों और हमारे ‘ज़ीरो टोलरेंस अप्रोच’ के कारण 2021 से बाल विवाह में 81% की गिरावट आई है.”
The @IndiaCPOrg report highlights Assam’s success in reducing child marriages by 81%, focusing on two key factors:
1️⃣ Strong community support for taking stringent action against perpetrators
2️⃣ Sustained arrests followed by rigorous prosecutionSnapshots 👇 pic.twitter.com/e8kRHVP1Cg
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 18, 2024
एक अन्य पोस्ट में सरमा ने “असम की सफलता” का श्रेय “मज़बूत सामुदायिक समर्थन” और “निरंतर गिरफ्तारियों” को दिया.
असम कैबिनेट ने गुरुवार को असम निरसन विधेयक 2024 को भी मंज़ूरी दे दी, जिसे अगले मानसून सत्र से पहले विधानसभा में पेश किया जाएगा और इसका उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम, 1935 को निरस्त करना होगा. सीएम सरमा ने एक्स पर लिखा कि यह विधेयक “बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करके हमारी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” है.
पिछले साल जनवरी में मुख्यमंत्री ने बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 के तहत बाल विवाह के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की थी.
बाद में फरवरी 2023 में बाल विवाह पर नकेल कसी गई, जिसके दूसरे सप्ताह तक 3,015 गिरफ्तारियां हुईं. उस समय, सरमा ने 2026 के विधानसभा चुनाव तक प्रयास जारी रखने की कसम खाई थी.
सबसे अधिक दर्ज मामले और गिरफ्तारियां निचले असम के धुबरी जिले में हुईं. आईसीपी रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2024 से विवाहित लड़कियों की संख्या में जिलेवार प्रतिशत परिवर्तन के संदर्भ में, धुबरी में 78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई — 2021-22 में 452 मामलों से 2022-23 में 281 तक, 2023-24 में 18 वर्ष से कम आयु की 99 लड़कियों की शादी हुई.
2023 में राज्य सरकार के अभियान के परिणामस्वरूप 5,225 एफआईआर भी दर्ज की गईं. पुलिस ने कहा था कि पिछले कुछ साल में एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चला है कि कम से कम 8,000 लोग बाल विवाह के मामलों में शामिल थे.
पकड़े गए लोगों में पुजारी और काजी भी शामिल थे, जो शरिया अदालतों के मजिस्ट्रेट होते हैं, जिन्हें मुस्लिम विवाहों को रजिस्टर्ड करने का कानूनी अधिकार होता है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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