लखनऊ: बीती 28 अगस्त की शाम रामपुर ज़िले के खेमपुर गांव के नामे अली का टेलीफोन बजता है, उधर से आवाज़ आती है कि आपके बेटे हसन को धनौरी गांव में बच्चा चोरी के आरोप में एक भीड़ ने पीट-पीटकर घायल कर दिया है. ये सुनकर नामे अली का परिवार हैरान रह जाता है. वह इस सोच में पड़ जाते हैं कि मानसिक रूप से कमजोर व दिव्यांग हसन किसी बच्चे को कैसे चुरा सकता है.
आनन-फानन में नामे अली अपने दूसरे बेटे केसर अली को लेकर वहां पहुंचते हैं और देखते हैं कि ‘भीड़’ ने बेटे हसन को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया है. हसन अली की तरह ही इन दिनों यूपी में आए दिन बच्चा चोरी के आरोप में एक भीड़ बेकसूरों को पीट-पीटकर अधमरा कर दे रही है. संभल में तो भीड़ ने एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला. यूपी में ये भीड़ आतंक का रूप ले चुकी है. इसका शिकार अधिकतर मंद बुद्धि व गरीब तबके के लोग हैं. पिछले एक महीने में अब तक तीन निर्दोष लोगों की मौत भी हो चुकी है.
आईजी लाॅ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार के मुताबिक पिछले एक महीने में अब तक ऐसे 37 मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है जिसमें 140 आरोपियों की पुलिस ने गिरफ्तारी भी की है. इस बीच डीजीपी ओपी सिंह द्वारा अफवाह फैलाने व हिंसा करने वालों पर रासुका लगाने का आदेश भी दिया गया. बावजूद इसके अफवाह का फैलना कम नहीं हुआ है. सोशल मीडिया के ज़रिए भी पुलिस ने जागरुक करने की कोशिश की लेकिन बच्चा चोरी के आरोप में ‘भीड़ हिंसी’ जारी है.
बच्चा चोरी के सम्बन्ध में भ्रामक सूचना/अफवाह पर विश्वास न करें, जिम्मेदार नागरिक की तरह #UPPolice की सहायता लें।
इस संबंध में @dgpup द्वारा जनता के नाम संदेश #UPPAgainstFakeNews pic.twitter.com/iq6Zwyir87— UP POLICE (@Uppolice) August 28, 2019
हाल में भीड़ हिंसा की घटनाएं
31 अगस्त- मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर के आनंदपुरी क्षेत्र में भीड़ ने दिल्ली के एक व्यक्ति की पिटाई कर दी. गाजियाबाद के विजय नगर में बेटी के रिश्ते के लिए आई बुजुर्ग शमीमून खातून को बच्चा चोर बताकर पीट दिया गया. बांदा के अतर्रा में भी भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में चार मजदूरों की पिटाई कर दी. वहीं सुल्तानपुर में शनिवार को बच्चा चोरी के आरोप में एक महिला की पीट पीटकर हत्या कर दी गई. अमेठी जिला में भीड़ ने बच्चा चुराने वाला समझकर एक मजदूर को पीटकर मार डाला, जबकि आठ अन्य घायल हो गए.
30 अगस्त-बलिया
बलिया में भीख मांगने वाली महिला को लोगों ने बच्चा चोर समझकर घेर लिया और उसकी पिटाई कर दी. नोएडा के भूड़ा कॉलोनी में भी शुक्रवार देर रात कुछ लोगों ने एक व्यक्ति पर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर उसे पीट दिया. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोप गलत है. गोरखपुर के शेखुपुरवा मोहरीपुर में मानसिक मंदित महिला को ग्रामीणों ने पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस पड़ताल में जुटी है.
28 अगस्त-फतेहपुर
फतेहपुर में बच्चा चोर गिरोह की आशंका में बुधवार को ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बंधक बना लिया. उपद्रवियों ने पुलिस को भी दौड़ाते हुए पथराव किया. इसमें दरोगा, सिपाही समेत तीन लोग घायल हो गए. वहीं उसी दिन बरेली में दिल्ली पुलिस के जवानों को भीड़ ने बंधक बना लिया, जबकि खीरी में ग्रामीणों ने परिवहन निरीक्षक की कार घेर ली.
27 अगस्त-संभल
27 अगस्त को संभल में बच्चा चोरी होने के शक में भीड़ ने दो भाई राम अवतार और उनके भाई राम बहादुर को जमकर पीटा. इसमें राम अवतार की मौत हो गई. अलीगढ़ में एक युवक को बच्चा चोरी के आरोप में पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. युवक मानसिक रूप से कमजोर था. बाद में उसे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया.
‘बिना कुछ सुने भीड़ ने शुरू कर दिया पीटना’
बीती 27 अगस्त को संभल में बच्चा चोरी होने के शक में भीड़ ने राम अवतार और उनके भाई राम बहादुर को जमकर पीटा. मौक़े पर पहुंची पुलिस ने जब तक राम अवतार और उनके भाई राम बहादुर को अस्पताल पहुंचाया तब तक राम अवतार दम तोड़ चुके थे.
पुलिस के मुताबिक़ वह अपने भतीजे का इलाज कराने जा रहे थे तभी भीड़ ने उन्हें बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया. राम बहादुर ने बताया वह तो अपने बेटे का इलाज कराने शहर के एक अस्पताल जा रहे थे. बच्चे को गोदी में उठाए थे तभी कुछ लोगों ने उनको घेर लिया.
मोब लिंचिंग,
चाचा अपने भतीजे का इलाज करवाने जा रहे थे, इतने में शोर मचा 'बच्चा चोर बच्चा चोर। भीड़ आई और पीट डाला, मौक़े पर पहुंची पुलिस ने जब तक राम अवतार और उनके भाई राम बहादुर को अस्पताल पहुंचाया तब तक राम अवतार दम तोड़ चुके थे. मामला संभल यूपी का है… pic.twitter.com/TPKKkFVxbC
— Suraj Kumar Gupta (@iSurajG) August 29, 2019
इसका एक वीडियो में सोशल मीडिया पर आया जिसमें ज़मीन पर पड़े राम अवतार गिड़गिड़ा कर बता रहे हैं कि जो बच्चा उनके साथ है वो उनका भतीजा है. मारने वाले उनका नाम, गांव का नाम और जात जानने के बाद भी नहीं रुके. भीड़ में शामिल लोग बारी-बारी से उन्हें पीटते हैं. वो रहम की गुहार लगाते रहते हैं जो हर बार अनसुनी रह जाती है.
‘चिल्लाता रहा भाई बचाने के बजाए वीडियो बनाते रहे लोग’
रामपुर में बच्चा चोरी के आरोप में पीटे गए हसन के भाई केसर अली ने दिप्रिंट को बताया, ‘चश्मदीदों ने एक वीडियो बनाया जिसमें उनके भाई को जमकर पीटा जा रहा है. कई चश्मदीदों ने वीडियो बनाया लेकिन किसी ने उसे बचाया नहीं.’ ‘मानसिक रूप से कमजोर हसन रोता रहा. उसे भी नहीं पता था कि उसे पीटा क्यों जा रहा था.’
एटा में बच्चा चोर की शक में मोहल्ले के लोगों ने हिमाचल प्रदेश में रहने वाली महिला से जमकर मारपीट कर दी. महिला ने मीडिया को बताया कि चार दिन पहले वह अपनी बहन सुमन निवासी ऋषिकेश हरिद्वार के पास आई थी.जहां से उसे एक बाबा बेहोश करके एटा शहर लाया था. बाबा के चंगुल से बचने के लिए वह इधर-उधर भाग रही थी. उसी समय लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट कर दी. कई चश्मदीद वीडियो बनाते रहे. किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की.
मुंहनोचवा व चोटी कटवा की फैली थी अफवाहें
साल 2001-02 में भी यूपी से ही मुंहनोचवा की अफवाहें उड़ी थीं. लोग बताते हैं कि उस दौर में दहशत इस कदर फैली थी कि लोगों ने रात में घरों से बाहर निकलना तक छोड़ दिया था. इसी तरह कुछ साल बाद चोटीकटवा की अफवाहें भी यूपी में खूब फैली थीं. हर दिन कहीं न कहीं किसी महिला की चोटी कटने की सूचनाओं की झड़ी लग गई थी. इसी तरह का ट्रेंड अब बच्चा चोरी की अफवाहों का बनता जा रहा है.
पुलिस का तर्क
आईजी लाॅ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार का कहना है, ‘पुलिस इन मामलों को गंभीरता से ले रही है. प्रवीण कुमार ने बताया कि संभल में युवक को पीटकर मारने के मामले में आरोपितों पर रासुका लगाया जाएगा.’
‘अफवाहें रोकने के लिए यूपी पुलिस से वाह्टसएप ग्रुप के जरिए जुड़े तीन लाख डिजिटल वॉलंटियर्स की मदद ली जा रही है. बच्चा चोरी से जुड़े जो फेक विडियो और फोटो सोशल मीडिया पर इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें अपलोड और वायरल करने वालों का भी पता लगाया जा रहा है.’
कैसे लगेगी अफवाहों पर रोक
यूपी के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बैनर्जी का कहना है, ‘अफवाहों का फैलना कोई नई बात नहीं है लेकिन तकनीक के इस दौर में अफवाहों का बढ़ना चिंता का विषय है. इसके पीछे सोशोलाॅजी और साइकाॅलजी भी समझने की जरूरत है.’
‘ऐसी अधिकतर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में या कस्बों में हो रही हैं. तीन तरह का ‘माॅब वायलेंस’ सुनने में आ रहे हैं. डायन कहकर किसी को पीटना,गोकशी के आरोप में पीटना और अब बच्चा चोरी के आरोप में पीट देना. तीनों तरह के वायलेंस का शिकार अधिकतर बेकसूर हो रहे हैं.’
वह आगे बताते हैं, ‘हमें क्रिमनल जस्टिस सिस्टम को मजबूत करने की बेहद जरूरत है. भीड़ खुद ही न्याय करने के लिए किसी को पीट रही है. वो भी बिना ठोस सबूत या गवाह के. ये वाकई हैरानी की बात है. कानून व्यवस्था पब्लिक के सहयोग से ही बेहतर होती है. अफवाह का तंत्र तो मजबूत होता है जा रहा है सबसे पहले इसे कमजोर करने की जरूरत है.’
वहीं भीड़ हिंसा की बढ़ती वारदात को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व आईजी श्रीधर पाठक बताते हैं, ‘न्यायिक प्रकिया को भी तेज करना पड़ेगा ताकि लोग कानून पर भरोसा करें और अपने हाथ में कानून न लें. भीड़ का किसी को भी पीटना बेहद अफसोसजनक है. हिंसा को रोकने के लिए सूचना तंत्र भी मजबूत करने की जरूरत है.’
‘आपको याद होगा कि पिछले साल भी बच्चा चोरी के शक में लगभग 30 लोग मारे गए थे.’
‘तब कराची में बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गया वीडियो भारत में वायरल था और अफवाह फैलाई गई कि देश में बच्चा चोरो का गिरोह घूम रहा है जिसके बाद देश के कई हिस्सों से बच्चा चोरी के आरोप में कई लोगो की जान चली गई थी.’
कम हो रही है बर्दाश्त की क्षमता
लखनऊ यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र के प्रोफेसर डी.आर. साहू ने दिप्रिंट को बताया कि ‘आज के समाज में लोगों में बर्दाश्त करने की क्षमता घट रही है. या यूं कहें कि समाज के तौर पर हम इनटॉलरेंट ज्यादा हो रहे हैं. हमें सब कुछ तुरंत चाहिए. टेक्नोलाजी के माध्यम से ये आसान भी हुआ लेकिन इसी आसानी ने कई लोगों को भ्रम की स्थिति में भी ला दिया है. इसमें कम पढ़े लिखे व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ज्यादा हैं जिनके दिमाग में कई बार तुरंत नतीजे पर पहुंचने की चाह रहती है.’
उनका आगे कहना था कि ये लोग ‘आरोपी की जांच पड़ताल किए बिना हिंसा भी उतर आते हैं.सोशल मीडिया पर भी कई नफरत भरे पोस्ट इस आग में घी का काम करते हैं. अब गांव में भी लोग वॉट्सऐप चलाने लगे हैं. वह बिना जानें समझे किसी भी अफवाह पर विश्वास कर लेते हैं. ऐसे में वे मॉब वायलेंस में शामिल हो जाते है.’
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक अजय लल्लू ने दिप्रिंट से कहा, ‘योगी सरकार जिस जीरो टाॅलरेंस की बात करती है वो कहां है. आए दिन अपराध बढ़ रहे हैं.अफवाहों के कारण माॅब वायलेंस लगातार बढ़ रहा है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक इन्हें फैलाया जा रहा है. झूठ कौन फैला रहा है इसकी जांच भी होनी चाहिए.’
समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन का कहना है, ‘योगी सरकार में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल है. आए दिन क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं. कभी कहीं माॅब वायलेंस हो रहा तो कहीं निर्दोषों का एनकाउंटर कर दिया जा रहा है. सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. सीएम खुद ‘ठोक देने’ जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हैं. पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री के इस शब्द पर अपनी प्रेस काॅन्फ्रेंस में कई बार आपत्ति जता चुके हैं.’