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Friday, 19 September, 2025
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बिहार के मुख्य सचिव ने दुर्गा पूजा के मद्देनज़र कानून व्यवस्था पर की उच्च स्तरीय बैठक

बैठक में दुर्गा पूजा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ प्रबंधन, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

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पटना: बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में दुर्गा पूजा पर्व के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीआईजी, आईजी, प्रमंडलीय आयुक्त और रेलवे एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.

बैठक में दुर्गा पूजा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ प्रबंधन, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों और पूजा पंडालों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी. पिछले वर्ष लगभग 16,000 मूर्तियां स्थापित की गई थीं, इस वर्ष भी मूर्ति स्थापना से पूर्व आयोजक संस्था को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. मूर्ति स्थापना स्थल का पूर्व निरीक्षण जिलाधिकारी और एसपी द्वारा किया जाएगा ताकि कोई भी सांप्रदायिक तनाव या हिंसा की आशंका न रहे. पुलिस बल की तैनाती, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाएं जनता की सुविधा के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी. प्रत्येक पंडाल में कैमरे लगाए जाएंगे और स्थानीय थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहेगा. इसके साथ ही डीजे की ध्वनि और संचालन पर नियंत्रण रखा जाएगा ताकि अनियंत्रित ध्वनि विवाद का कारण न बने.

पुलिसकर्मियों को फुल बॉडी प्रोटेक्टर, नाइट विज़न डिवाइसेस और हेलमेट मुहैया कराए जाएंगे. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या टिप्पणियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर तुरंत थाने को सूचना दी जाएगी. हर जिले में शांति समिति की बैठक कराई जाएगी, जिसमें नए और युवा सदस्यों को शामिल किया जाएगा ताकि समाज में शांति और भाईचारा कायम रखा जा सके. नेपाल सीमा से लगे जिलों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे सजगता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें ताकि दुर्गा पूजा पूर्णतः शांतिपूर्ण, भव्य और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके.

पिछले वर्षों में मूर्ति विसर्जन के दौरान मांस फेंकने या छतों से पत्थरबाज़ी जैसी घटनाएं हुई थीं, जिनसे बचाव के लिए इस बार भौतिक सत्यापन किया जाएगा. विसर्जन के समय लाइसेंस लेने वाले समूह के सदस्यों का होना अनिवार्य होगा और हर समूह की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाएगी. बैठक में डीजीपी विनय कुमार, एडीजी कुंदन कृष्णन, विशेष सचिव के. सुहिता अनुपम और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

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