पटना: बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना राज्य के हजारों जरूरतमंद लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर इलाज प्राप्त कर सकें। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच इस योजना के तहत 33,620 लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है.
इस योजना का उद्देश्य उन मरीजों को वित्तीय सहायता देना है जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपये या उससे कम है. सरकार की इस पहल के तहत गरीब परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए 249 करोड़ 36 लाख 18 हजार रुपये वितरित किए गए हैं.
आवेदनों की स्थिति और अस्वीकृति की वजह
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना के तहत जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक कुल 37,231 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 33,620 को स्वीकृति मिली. हालांकि, 3,611 आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिए गए. रिपोर्ट के अनुसार, 25 से 30 फीसदी आवेदन मामूली त्रुटियों के चलते खारिज हो जाते हैं.
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक आवेदकों को एक औपचारिक आवेदन स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख को समर्पित करना होगा. इसके साथ कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे.
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को बिहार का स्थायी नागरिक होना जरूरी है. आवेदन के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जिनमें सरकारी या सीजीएचएस मान्यता प्राप्त अस्पताल द्वारा जारी अद्यतन मूल प्राक्कलन (अपडेट ओरिजिनल एस्टीमेट), आय प्रमाण पत्र की मूल प्रति, आधार कार्ड की छायाप्रति और चिकित्सा पुर्जा एवं जांच रिपोर्ट की छायाप्रति शामिल हैं. सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही सहायता राशि स्वीकृत की जाती है. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को राहत देने और उन्हें बेहतर इलाज का अवसर प्रदान करने के लिए सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
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