नई दिल्लीः पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए. प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम द्वारा आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के मामले में उनकी (चिदंबरम) भूमिका की जांच कर रहा है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम सुबह 11.15 बजे एजेंसी के दफ्तर पहुंचे. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व नेता को एजेंसी ने बीते महीने पूछताछ के लिए सम्मन किया था. चिदंबरम से वित्तीय जांच एजेंसी ने पहली बार मामले में 19 दिसंबर को आठ घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी.
बीते महीने दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम की याचिका पर उन्हें गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया. चिदंबरम ने अपनी याचिका में ईडी व केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों द्वारा दर्ज किए गए मामले में अग्रिम जमानत की मांग की थी. अदालत ने चिदंबरम को जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया था.
ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए का मामला दर्ज किया है और आरोप लगाया है कि आईएनक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने में एफआईपीबी की मंजूरी में अनियमितता की गई है. इस दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम थे.
ईडी व सीबीआई यह भी जांच कर रही हैं कि कैसे संप्रग मंत्री पी. चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम एफआईपीबी की मंजूरी प्राप्त करने में कामयाब रहे. कार्ति चिदंबरम को 28 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई.
ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया के पीटर व इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी न हो.
ईडी ने कहा है कि इस तरह से जो रुपया संबंधित निकायों को मिला, वह गैरकानूनी रूप से एएससीपीएल में लगा दिया गया.
ईडी ने कार्ति चिदंबरम की 54 करोड़ रुपये की संपत्ति और मामले से जुड़ी एक कंपनी को कुर्क किया है. ईडी ने इसी से जुड़े मामले में मुखर्जी की संपत्तियों को भी कुर्क किया है.