रायपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्ययालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह तबलीग़ी जमात के उन 52 सदस्यों की जल्द खोज करें जो निजामुद्दीन के मरकज़ से भाग लेकर लौटे हैं लेकिन उनकी जानकारी किसी को नही है. उच्च न्यायालय ने सरकार को उसके आदेश के तामीली की स्टेटस रिपोर्ट 13 अप्रैल को देने के लिए कहा है. उच्च न्यायालय ने यह आदेश एक पीआईएल की सुनवाई करते हुए दिया.
अपने आदेश में हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डबल बेंच ने कहा की उन्हें चिंता उन लोगों की वजह से हो रही है जो तबलीग़ी जमात के मरकज़ से वापस लौटे हैं और उनके खून की सैंपलिंग और जांच नहीं हो पायी है. कोर्ट का कहना था की प्रदेश में निज़ामुद्दीन मरकज़ से लौटे ऐसे 23 तबलीग़ी जमात के सदस्य हैं जिनके खून की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार हो रहा है.
यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ में क्वारेंटाइन किये गए लोगों ने कहा- उन्हें बेवजह निज़ामुद्दीन मरकज़ से जोड़ा जा रहा है
वहीं कोर्ट के अनुसार जमात के 52 सदस्यों के बारे में अभी कुछ पता नहीं है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने गुरुवार को अपने आदेश में राज्य सरकार को निर्देशित किया कि तबलीग़ी जामात के इन 52 सदस्यों को खोजने ले लिए एक सघन अभियान चलाए और 23 अन्य की जांच रिपोर्ट की अद्दतन जानकारी कोर्ट के सामने 13 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करे.
इसके पहले याचिकाकर्ता गौतम खेत्रपाल जो स्वयं उच्च न्यायालय के एक वकील हैं की दलील का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने न्यायालय को अवगत कराया है कि निजामुद्दीन के तबलीग़ी जामात मरकज़ में भाग लेकर वापस आए जमात के 159 सदस्यों में से सिर्फ 107 की जांच हुई है. इन 107 जंचों में केवल 87 की रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है जबकि 23 अन्य सदस्यों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है.
इसके अलावा मरकज़ से लौटे 52 जमातियों का जांच के बिना ही कोई आता-पता नहीं है और यदि इन्हें कोविड-19 संक्रमण हुआ तो यही लोग कोरोना फैलाने का मुख्य कारण बन सकते हैं. खेत्रपाल ने कोर्ट से इस सबंध में सरकार को उचित निर्देश देने का आग्रह किया था.
एक दिन में 7 मरीज मिलने से सरकार में हड़कंप, क्षेत्र को सील करने का आदेश
एक ओर जहां भूपेश बघेल सरकार पिछले दिनों कोरोनावायरस के 9 मरीजों के स्वास्थ होने पर श्रेय लेने में लगी हुई थी वहीं राज्य के कोरबा जिले के कटघोरा में एक साथ 7 पॉजिटिव कोविड-19 पीड़ितों के अचानक मिलने पर सरकार में हड़कंप मच गया है.
इस बात का खुलासा होते ही भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और कलेक्टर को कटघोरा के प्रभावित क्षेत्र को सीलबंद करने और वहां के हर व्यक्ति का टेस्ट कराने का निर्देश दिया है. बघेल ने कटघोरा के लिए एक विशेष टीम बनाने के भी निर्देश दिए जो पूर्णतः कटघोरा के लिए ही समर्पित रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कटघोरा के प्रभावित क्षेत्र में पिछले 20 दिनों में आने-जाने वाले और उनसे संपर्क रखने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन किया जाये.
बघेल ने इस अवधि में इस क्षेत्र में कार्यरत सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य शासकीय कर्मचारियों का भी टेस्ट कराए जाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कटघोरा के लिए विशेष वार रूम बनाकर तत्काल युद्धस्तर पर कार्रवाई करें. हालांकि सरकार द्वारा इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है की ये लोग जमात के सदस्य हैं या नहीं लेकिन ज्ञात हो की एक मरीज जिसका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा है वह कटघोरा का ही रहने वाला है.
राज्य में कोरोनावायरस पॉजिटिव केस हुए 18
कोरोनावायरस के सात नए संक्रमित व्यक्तियों के अचानक सामने आने से प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या 11 से सीधे 18 हो गई है. हालांकि इनमें 9 स्वास्थ्य होकर पहले ही घर जा चुके हैं. सभी सातों मरीजों को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है.
यह भी पढ़ेंः तबलीग़ी मरकज़ में छत्तीसगढ़ के 159 लोग थे शामिल, 101 की हुई पुष्टि, अन्य की खोज जारी
मरकज़ में शामिल होने वालों से अपील
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी ने गुरुवार को कहा कि जो लोग दिल्ली स्थित तबलीग़ी जमात मरकज में जाकर वापस आए हैं वे तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन, संबंधित थाना या स्वास्थ्य विभाग को दें. उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस के बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वस्फूर्त सहयोग करें.
रिजवी ने कहा है कि यदि प्रदेश के किसी भी स्थान पर निवासरत आम लोगों के आस-पास रहने वाले कोई भी व्यक्ति लॉकडाउन के पूर्व दिल्ली तबलीग़ी मरकज से वापस आया हो और अपना नाम छुपाया है तो ऐसे व्यक्ति का नाम, पता की सूचना शासन-प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, संबंधित थाने के टोल फ्री नम्बर पर दे सकते हैं ताकि कोविड-19 की रोकथाम की जा सके.