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Sunday, 23 June, 2024
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छत्तीसगढ़ के CM ने केंद्रीय पूल में राज्य का चावल कोटा 24 लाख टन से बढ़ाकर 40 लाख टन करने की मांग की

बघेल के अनुसार 2020-21 में धान खरीदी के लिए लिए केंद्र सरकार के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लिये जाने की सैद्धांतिक सहमति दी गई थी.

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रायपुर: केंद्र सरकार द्वारा राज्य की मांग लगातार ठुकराने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर केन्द्रीय पूल में लिए जाने वाले चावल की मात्रा 24 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर कर 40 लाख मीट्रिक टन करने की मांग की है. उनका कहना है कि ऐसा नही होने पर राज्य को 2500 करोड़ रुपए नुकसान होगा.

बघेल ने पत्र में कहा कि केंद्र से धान खरीदी के लिए हुए एमओयू से साफ है कि राज्य की पीडीएस आवश्यकता के अतिरिक्त चावल का स्टॉक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को खरीदना चाहिए. इस नियम के अनुसार राज्य में खरीदी गई धान से उत्पादित करीब 40 लाख मीट्रिक टन चावल एफसीआई द्वारा लिया जाना चाहिए. ऐसा नही होने पर धान के निस्तारण में राज्य को करीब 2500 करोड़ का नुकसान होना तय है. पत्र में कहा गया है कि समर्थन मूल्य पर लिए गए धान ज्यादा समय तक खुले में रखने पर उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी.

बघेल के अनुसार 2020-21 में धान खरीदी के लिए लिए केंद्र सरकार के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लिये जाने की सैद्धांतिक सहमति दी गई थी. ऐसा होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य से खरीदी गई कुल धान में से करीब 89 लाख मैट्रिक टन का निस्तारण बिना किसी नुकसान के हो सकेगा. बघेल ने पत्र में कहा कि, ‘लेकिन केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एफसीआई को 2020-21 में केन्द्रीय पूल के लिए 24 लाख मैट्रिक टन चावल ही लेने की अनुमति दी है. राज्य में पीडीएस के लिए 20 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता होगी और 3 लाख मीट्रिक टन चावल का स्टॉक नागरिक आपूर्ति निगम (नान) द्वारा रखा जाएगा. इस तरह 47 लाख मीट्रिक टन चावल से कुल 70.50 लाख मीट्रिक टन धान का ही निस्तारण हो पाएगा जबकि अंतिम दिन 31 जनवरी तक करीब 93 लाख टन धान खरीदने का अनुमान है. सरकार द्वारा 90 लाख टन खरीदी का टारगेट दो दिन पहले ही पूरा कर लिया गया है.’


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मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि इस वर्ष 20 जनवरी तक केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से कुल 575.36 लाख मीट्रिक टन धान तक लिया गया है, जो 2019-20 के 466.22 लाख मीट्रिक टन से 23.41 प्रतिशत अधिक है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में इस वर्ष 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई जो पिछले वर्ष 2019-20 के 83.94 लाख मीट्रिक टन से 7.2 प्रतिशत अधिक है.

मुख्यमंत्री ने पत्र में केंद्र सरकार को सफाई देते हुए  कहा कि ‘राज्य शासन ने इस वर्ष एमएसपी के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के बोनस भुगतान की घोषणा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नहीं की है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा चाही गई वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया था.’

बघेल ने केंद्र को यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एमएसपी के अतिरिक्त किसानों को बोनस भुगतान के संबंध में भी किसी प्रकार की विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है.

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