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Friday, 17 May, 2024
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बदले कंगना के सुर, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक के नोटिस के बाद बोलीं, ‘मैं किसानों के साथ, बस टुकड़े गैंग से बच के रहें

किसान आंदोलन कर रही महिलाओं में से एक महिला की फोटो जारी करते हुए अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्वीट किया था कि ‘टाइम’ पत्रिका में जगह बना चुकी वही दादी 100 रुपये दिहाड़ी पर मौजूद हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) के एक सदस्य ने अभिनेत्री कंगना रनौत को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को निशाना बनाने वाले उनके ट्वीट के लिए एक कानूनी नोटिस भेजा है .

कमेटी के सदस्य जस्मैन सिंह नोनी की ओर से वकील हरप्रीत सिंह होरा ने यह नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि जब मुंबई में रनौत के परिसर के एक हिस्से को ढहाया गया तो उन्होंने अपने प्रशंसकों को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और कहा कि निगम की कार्रवाई उनके मौलिक अधिकारों पर हमला है .

नोटिस में कहा गया, ‘इसी तरह संविधान के तहत किसानों को भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी अधिकार है और वह किसानों का अपमान नहीं कर सकती हैं.’

नोटिस के मुताबिक कंगना ने एक ट्वीट साझा कर आरोप लगाया कि ‘शाहीन बाग की दादी’ भी नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन से जुड़ गयी हैं .

नोटिस में कहा गया कि अभिनेत्री ने अपने उसी ट्वीट में कहा कि ‘टाइम’ पत्रिका में जगह बना चुकी वही दादी ‘100 रुपये में उपलब्ध’ है.

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कानूनी नोटिस में कहा गया, ‘कई खबरों में दावा किया गया कि दोनों महिलाएं अलग-अलग हैं. और अगर नहीं भी हैं तो उन्हें अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी बुजुर्ग महिला को अपमानित करने का अधिकार नहीं है.’

यही नहीं याचिका कर्ता ने बांबे हाईकोर्ट में डाली अपनी अर्जी में कंगना रनौत के ट्विटर एकाउंट को सस्पेंड करने की मांग  करते हुए लिखा है कि यह ‘यह साफ तौर पर नफरत फैलाने वाला ट्वीट है और देशद्रोह फैलाने वाला भी बताया है. जल्द से जल्द इस पर कदम उठाए जाने की जरूरत है.’

और फिर बदले कंगना के सुर

लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल होने और कानूनी नोटिस मिलने के बाद कंगना के सुर बदल गए. कंगना ने देर रात ट्वीट कर खुद को किसानों के साथ होने की बात कही. कंगना ने ट्वीट किया,’मैं किसानों के साथ हूं, पिछले साल मैंने गतिविधि में एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा दिया और इसके लिए भी दान किया.’

कंगना ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा, मैं किसानों के शोषण के बारे में मुखर रही हूं और उनकी समस्याओं को देखकर भी मैं बहुत चिंता करती हूं इसलिए इस क्षेत्र में हल करने के लिए प्रार्थना की, जो अंत में इस क्रांतिकारी बिल के साथ हुआ.

कंगना ने आगे लिखा कि यह बिल कई मामलों में किसानों की जिंदगी को बदलने वाला है. मुझे विश्वास है कि सरकार सभी संदेहों को दूर करेगी, कृपया धैर्य रखें. मैं अपने किसानों के साथ हूं और पंजाब के लोग मेरे दिल में विशेष स्थान रखते हैं.

अपने तीसरे ट्वीट में कंगना ने किसान भाइयों को सलाह भी दे डाली. उन्होंने लिखा, ‘राष्ट्र भर के किसानों से मेरा अनुरोध है कि किसी भी कम्युनिस्ट / खालिस्तानी टुकड़े गैंग से बचकर रहें वह आपके विरोध प्रदर्शन को हाइजैक न कर लें. नई रिपोर्टों से पता चला है कि अधिकारियों के साथ बातचीत के परिणाम मिल रहे हैं. मैं सभी को शुभकामना देती हूं. राष्ट्र में एकबार शांति बहाल होगी ऐसा विश्वास है.  फिर से, जय हिंद.

दिनभर चली दोसांझ और कंगना में बहस

बता दें कि अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ और अभिनेत्री कंगना रानौत के बीच ट्विटर पर तीखी बहस छिड़ी रही. यह मामला कंगना द्वारा शाहीन बाग आंदोलन से मशहूर हुई बिल्किस बानो का नाम उछालने से शुरु हुआ था लेकिन अब यह दोनों कलाकारों के बीच बुरा-भला कहने तक पहुंच गए थे.

पंजाब के मशहूर गायक-अभिनेता और अपनी मजेदार ट्वीट के लिए लोकप्रिय दोसांझ से रानौत की बहस बुधवार शाम को शुरु हुई और बृहस्पतिवार तक जारी रही.

दोनों के बीच यह बहस कंगना के एक ट्वीट को लेकर शुरु हुआ था जिसमें कंगना ने किसान आंदोलन की एक बुजुर्ग को शाहीन बाग आंदोलन से प्रसिद्ध हुई दादी बिल्किस बानो बताया. उन्होंने फिर रिट्वीट करते हुए दोनों बुजुर्ग महिलाओं की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि यह शाहीन बाग वाली दादी हैं जो 100 रुपये में प्रदर्शन करने के लिए उप्लब्ध हैं.

लोगों के सवाल उठाने पर कंगना ने कथित तौर पर अपना ट्वीट हटा दिया.

इसके बाद दोसांझ ने बीबीसी द्वारा किसान आंदोलन वाली बुजुर्ग महिला के साक्षातकार की एक क्लिप साझा करते हुए कंगना को टैग कर लिखा, ‘सबूत के साथ यह सुनो कंगना. किसी को इतना अंधा नहीं होना चाहिए… तुम कुछ भी बोलती हो.’

उसके बाद कंगना ने दोसांझ को करण जौहर का ‘पालतू’,‘चाटुकार’ कहते हुए पूछा कि दिल्ली दंगे कराने वाले किसी इंसान का बचाव करते हुए उन्हें शर्म नहीं आती क्या?

उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी बिल्किस बानो के लिए थी ना कि किसान आंदोलन वाली महींदर कौर के लिए.

इस पर दोसांझ ने भी पलटवार करते हुए रानौत से पूछा कि कंगना जिन लोगों के साथ काम कर चुकी हैं सबकी चापलूस थीं क्या…और अगर थीं तो फेहरिस्त लंबी है.

उन्होंने लिखा,’…ये लोग बॉलीवुड से नहीं है, पंजाब से हैं. तुम्हें झूठ बोलकर लोगों को भड़ाकर उनकी भावनाओं से खेलने आता है.’

खुद को पंजाबी बताते हुए दोसांझ ने कहा कि औरत होकर भी कंगना को किसी की मां-बहन से बात करने की तमीज नहीं है.


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