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Monday, 3 June, 2024
होमदेशपीओके का नाम बदलने से भारत की दावेदारी खत्म नहीं होती, पाकिस्तान ने किया है अवैध कब्जा- विदेश मंत्रालय

पीओके का नाम बदलने से भारत की दावेदारी खत्म नहीं होती, पाकिस्तान ने किया है अवैध कब्जा- विदेश मंत्रालय

रवीश कुमार ने कहा भारत और बांग्लादेश के बीच निकटता है, इसे किसी यात्रा के स्थगन से परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए. बांग्लादेश ने यात्रा स्थगित करने के पीछे के कारण भी बताए गए हैं.

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जहां देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं अमेरिका, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी कानून को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. गुरुवार को विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने दुनिया भर में सीएए के खिलाफ उठ रहे सवालों पर भारत सरकार का पक्ष रखते हुए सबसे पहले पाकिस्तान को चेताया.

रवीश कुमार ने कहा, इस्लामाबाद को ‘एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार’ करते हुए दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए तथा अपने ‘भीतर झांकना चाहिए .’

‘हम बार बार कह रहे हैं कि उन्हें (पाक) अपने भीतर झांकना चाहिए . उन्हें पड़ोसी देश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार करना चाहिए . ’

रवीश कुमार ने इस्लामाबाद के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की स्थिति बदलने के प्रयास करने संबंधी रिपोर्टों पर कहा कि पाकिस्तान ने भारत के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा कर रखा है. वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान पर रवीश कुमार ने कहा कि उन्हें अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए.

रवीश कुमार ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर सरकार द्वारा जारी एक आदेश हमने देखा है जिसमें उन्होंने कुछ का नाम बदल दिया है. हम इसकी जांच कर रहे हैं लेकिन नाम बदलने से यह तथ्य नहीं बदलता है कि पाकिस्तान ने अभी भी एक ऐसे क्षेत्र पर अवैध कब्जा किया हुआ है, जो भारत का हिस्सा है.

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पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले उन्हें अपने भारत झांकना चाहिए . उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में जो हो रहा है, वह आंतरिक मामला है . हमारा लोकतंत्र और अन्य संस्थाएं किसी भी स्थिति के लिये पूरी तरह से परिपूर्ण है .

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा तथा यह कानून मोदी सरकार की ‘हिन्दुत्व’ विचारधारा को बेनकाब करता है .

इससे पहले, पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह प्रस्ताव पाकिस्तान द्वारा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार व उत्पीड़न से ध्यान हटाने का एक निष्फल प्रयास है. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान झूठे आरोप लगाने की बजाय गंभीर रूप से आत्मनिरीक्षण करें.

भारत के बांग्‍लादेश से हैं मजबूत रिश्ते

रवीश कुमार ने बांग्लादेश के मंत्रियों की स्थगित और रद्द की गई बैठकों के विषय पर उन्होंने कहा बांग्लादेश के साथ बैठकों के कार्यक्रम के पुनर्निर्धारण के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘बांग्लादेश के साथ बैठक के स्थगित / रद्द होने के बारे में कुछ टिप्पणियां हुई हैं. ‘हमें यह समझना होगा कि बांग्लादेश के साथ 75 से अधिक संवाद होने हैं. बैठकों के लिए तारीख आपसी परामर्श से तय की जाती हैं.’

कुमार ने आगे कहा भारत और बांग्लादेश के बीच उतनी ही निकटता है. इसे किसी यात्रा के स्थगन से परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए. बांग्लादेश ने यात्रा स्थगित करने के पीछे के कारण भी बताए गए हैं.

कुमार ने कहा कि दोनों देशों के संबंध किसी बैठक के स्थगित होने से तय नहीं होती है . नदी को लेकर जो बैठक होनी थी उसके बारे में बांग्लादेशी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनके पास छह नदियों के आंकड़े मौजूद नहीं थे, ऐसे में बैठक अर्थपूर्ण नहीं होती .

अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वहां की वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों का अपने संविधान के अनुसार ख्याल रखा है . पूर्व की मुजाहिदीन और तालिबान प्रशासन के दौरान अल्पसंख्यकों के समस्या का सामना करना पड़ा था . कुमार ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून पर भारत के नजरिये को अमेरिकी संसद सदस्यों के साथ साझा किया .

उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर विदेशी सरकारों से संपर्क किया जाना जारी रहेगा .

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