नई दिल्ली : चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब चंद्रयान का सीएच-3 रोवर प्रज्ञान, लैंडर से बाहर निकल गया है और चांद पर सैर शुरू कर दी है. बृहस्पतिवार को इसरो ट्वीट कर ये जानकारी दी.
इसरो ने कहा कि भारत के चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर अज्ञात चंद्र सतह की खोज शुरू करने के लिए गुरुवार सुबह अंतरिक्ष यान से बाहर निकल गया है.
इसरो ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चांद पर सैर की. अधिक जानकारी जल्दी दी जाएगी.”
"The Ch-3 Rover ramped down from the Lander and India took a walk on the moon. More updates soon", tweets ISRO pic.twitter.com/8JpKldp9Ls
— ANI (@ANI) August 24, 2023
विक्रम से बाहर निकलने वाले छह पहियों वाले रोबोटिक वाहन प्रज्ञान की पहली तस्वीर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र, जो एक सिंगल विंडो, स्वतंत्र, नोडल एजेंसी है अंतरिक्ष विभाग (DOS) में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है, के चेयरमैन पवन के गोयनका ने साझा की है.
आईएनएसपीएसीई के चेयरमैन पवन के गोयनका ने रोवर के लैंडर से बाहर आने की तस्वीर ट्वीट की है. उन्होंने लिखा है, “रैंप पर लैंडर से बाहर आते रोवर की पहली तस्वीर.”
"First photo of Rover coming out of the lander on the ramp", tweets Pawan K Goenka, Chairman of INSPACe
(Pic source – Pawan K Goenka's Twitter handle) pic.twitter.com/xwXKhYM75B
— ANI (@ANI) August 24, 2023
देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान ने कल शाम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग की, जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया.
चांद की ये जानकारी आएगी सामने
लैंडर और रोवर, एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन) के बराबर चांद की सतह पर प्रयोग करने पहुंचे एक वैज्ञानिक पेलोड हैं.
रोवर पेलोड एलआईबीएस यानी ‘लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ कहा जाता है और एपीएक्सएस जिसे ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर’ कहते हैं.
एलआईबीएस गुणात्मक (क्वालिटेटिव) और मात्रात्मक (क्वानटेटिव) विश्लेषण करेगा और यह चांद की सतह के बारे में हमारी जानकारी बढ़ाने के लिए रासायनिक संरचना जुटाएगा और खनिज संरचना का पता लगाएगा.
APXS लैंडिंग साइट के आसपास चांद की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना (मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैल्शियम टाइटेनियम और आयरन) का पता लगाएगा.
इसरो की तरफ से इससे पहले दी गई अपडेट के मुताबिक Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित किया गया है. नीचे उतरते समय ली गई लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे की तस्वीरें यहां दी गई हैं.
गौरतलब है कि कल यानी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी पोल पर उतरकर इतिहास रच दिया. चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है. चंद्रयान-3 की पृथ्वी के समय के मुताबिक कल शाम 6:04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई. यह सफलतापूर्वक हुई.
इसके बाद देश विदेश के नेताओं ने भारत की इस कामयाबी पर बधाई दी.
साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बना भारत
चांद की सतह पर भारत से पहले पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं. लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया है.
हालांकि चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर दुनिया भर में प्रार्थनाएं की जा रही थीं. विभिन्न धार्मों से जुड़े लोग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत के चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए लगातार पूजा-पाठ और दुआएं कर रहे थे.
इससे पहले चंद्रमा के साउथ पोल सबसे पहले पहुंचने की कोशिश रूस की कोशिश नाकाम रही थी. इसका अंतरिक्ष यान ‘लूना 25’ चांद पर उतरने से पहले क्रैश हो गया. 10 अगस्त को लांच हुए लूना-25 के 21 अगस्त को चांद की सतह पर पहुंचने की उम्मीद थी.
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