चेन्नई: इसरो द्वारा चांद पर भेजे गए भारतीय स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 ने बुधवार को सफलतापूर्वक लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी (एलटीटी) में प्रवेश कर लिया है. यह जानकारी इंडियन स्पेस एजेंसी ने दी है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के अनुसार, चंद्रयान की ऑर्बिट को बढ़ाने को लेकर तड़के 2.21 बजे स्पेसक्राफ्ट के मोटरों को 1,203 सेकेंड्स के लिए फायर किया गया था.
#ISRO
Today (August 14, 2019) after the Trans Lunar Insertion (TLI) maneuver operation, #Chandrayaan2 will depart from Earth's orbit and move towards the Moon. pic.twitter.com/k2zjvOBUE6— ISRO (@isro) August 13, 2019
इसरो ने कहा, ‘इसके साथ ही चंद्रयान-2 ने लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में प्रवेश कर लिया है. इससे पहले स्पेसक्राफ्ट की ऑर्बिट को 23 जुलाई से 6 अगस्त 2019 के बीच पांच गुना बढ़ाया गया था.’
जीएसएलवी एमके3-एम1 वाहन द्वारा 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किए जाने के बाद से स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान -2 के सभी सिस्टम सामान्य रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं. इसरो के अनुसार, चंद्रयान-2, 20 अगस्त 2019 को चांद की कक्षा में पहुंचेगा.
स्पेसक्राफ्ट में तीन सेगमेंट है- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पे लॉड्स), लैंडर विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पे लॉड्स) और एक रॉवर प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पे लॉड्स).
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 में लगे एलआई4 कैमरे से ली गईं धरती की तस्वीरें रविवार को ट्विटर पर साझा कीं.
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Earth as viewed by #Chandrayaan2 LI4 Camera on August 3, 2019 17:34 UT pic.twitter.com/1XKiFCsOsR— ISRO (@isro) August 4, 2019
अंतरिक्ष से ली गईं धरती की तस्वीरों के साथ कई ट्वीट्स करते हुए इसरो ने कहा, ‘चंद्रयान-2 विक्रमलैंडर द्वारा ली गईं धरती की तस्वीरों का पहला सेट. चंद्रयान-2 एलआई4 कैमरे ने 17.37 यूटी पर तीन अगस्त, 2019 को धरती को देखा.’
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को 170 गुणा 45,475 किलोमीटर की एक अंडाकार कक्षा में भारत ने भारी रॉकेट जीएसएलवी-मार्क3 के जरिए प्रवेश कराया था.