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Monday, 4 November, 2024
होमदेशचांद की आखिरी कक्षा में चंद्रयान 2 की एंट्री, इतिहास रचने के करीब

चांद की आखिरी कक्षा में चंद्रयान 2 की एंट्री, इतिहास रचने के करीब

इस ऑपरेशन के साथ ही विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए आवश्यक कक्षा प्राप्त कर ली गई है.

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बेंगलुरू : भारत का मिशन चंद्रयान 2 स्पेसक्रॉफ्ट ने बुधवार सुबह चांद की एक और निचली कक्षा में प्रवेश करने में सफल रहा. चंद्रयान 2 ने बुधवार सुबह 3:42 बजे ऑपरेशन पूरा किया.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन के बुधवार को सफलतापूर्वक होते ही भारत का पहला मून लैंडर विक्रम 7 सितंबर को चांद पर उतरने के लिए तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार, विक्रम का दूसरा डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन बुधवार तड़के 3.42 बजे ऑनबोर्ड संचालन तंत्र का उपयोग करते हुए शुरू हुआ और नौ सेकेंड में पूरा हो गया.

विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किलोमीटर गुणा 101 किलोमीटर की है.

इसरो ने कहा कि इस ऑपरेशन के साथ ही विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए आवश्यक कक्षा प्राप्त कर ली गई है. इसरो के अनुसार, विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 7 सितंबर को तड़के 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच उतरेगा. विक्रम के चांद पर उतरते ही रोवर प्रज्ञान उसमें से निकल आएगा और अनुसंधान शुरू कर देगा, जिसके लिए उसे बनाया गया है.

इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अपनी 96 किलोमीटर गुणा 125 किलोमीटर की मौैजूदा कक्षा में चांद के चारों तरफ घूम रहा है और दोनों- ऑर्बिटर और लैंडर सही काम कर रहे हैं. सोमवार दोपहर को विक्रम अपने मातृ-अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 से अलग हो गया था.

भारत द्वारा कुल 978 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत चंद्रयान-2 को भारी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) द्वारा 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था.

(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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