नई दिल्ली: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएए-एनआरसी को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने भारतीयता को लेकर मोदी को चुनौती दी. पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल देश सबसे बड़ा मुद्दा है इसलिए राजनीतिक दल बनाना अभी प्राथमिकता नहीं है.
भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि मुल्क में जो भी गलत हो रहा है उसके लिए हम आवाज उठा रहे हैं.
आज़ाद ने राहत इंदौरी का एक शेर पढ़ा, ‘लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है, जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे, किराएदार हैं जाती मकान थोड़ी है, सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है.’
अपनी हिरासत के बारे में बताते हुए आजाद ने कहा, ‘मैं जामा मस्जिद 20 तारीख को सीएए और एनपीआर के खिलाफ आवाज़ उठाने गया था.’ उन्होंने कहा, ‘यह सरकार एनआरसी लागू करके धार्मिक बंटवारा करना चाह रही है. हम नहीं चाहते मुल्क में दंगा हो और देश बदनाम हो. प्रधानमंत्री कहते थे कि लोगों को कपड़ों से पहचाना जा सकता है. मैं अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. सभी की जिम्मेदारी है कि वो संविधान की सुरक्षा करें.’
आजाद ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में सरकार ने संविधान को ताक पर रख कर कानून बनाए हैं. कुछ कह रहे हैं कि मैंने भड़काऊ भाषण दिए हैं. जबकि मैंने संविधान की किताब से अपना भाषण दिया था. मैं चाहता हूं कि हर कोई जाने की वो भाषण क्या था. इसके बाद आज़ाद ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी.’
उन्होंने कहा, ‘ये वो भाषण था जो मैंने वहां पढ़ा था.’
कोर्ट की कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे वकील को कोर्ट ने कहा कि नरेंद्र मोदी का सम्मान करें. मैं कहना चाहता हूं कि वो भी हमारे मुल्क का सम्मान करें. आज़ाद ने भारत के संविधान को विश्व का सुंदर संविधान बताया.’
आज़ाद ने कहा, ‘जामिया में जो हुआ वो काफी बुरा था. हमारे देश मे लड़कियों को देवी माना जाता है. जेएनयू और एएमयू में जो हुआ वो गलत है. मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि महिला सुरक्षा बहुत जरूरी है.’
उन्होंने कहा, ‘पेरियार कहते थे कि अगर देश की महिलाएं सुरक्षित होंगी तभी देश सुरक्षित रहेगा.’
चंद्रशेखर ने कहा कि एनआरसी और सीएए काला कानून हैं.
आज़ाद ने शाहीन बाग का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री शाहीन बाग की महिलाओं की आवाज नही सुन पा रहे हैं. जब दिल्ली में बैठकर आवाज नहीं सुनी जा रही है तो बाकी देश का क्या हाल हो रहा होगा. सीएए संविधान का उल्लघंन कर रहा है.
आज़ाद ने मोदी सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो सही कहता है उसे राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है. इस मुल्क से किसी को जाने की जरूरत नहीं है. सभी को इसी मुल्क में रहना है.
आज़ाद ने सीएए की खामियों की बात करते हुए कहा कि इस कानून में मुस्लिम धर्म को भी जोड़ा जाना चाहिए और बाकी देशों को भी. उन्होंने कहा कि जनता की अदालत से बड़ी कोई सरकार नहीं होती.
उन्होंने कहा, ‘मैं जब जेल में था तब भी पत्रों के माध्यम से अपनी बात रख रहा था.’
आजाद ने खुद को एक क्षेत्र विशेष तक सीमित न रखने की बात करते हुए कहा, ‘मैं क्षेत्र का दायरा तोड़ना चाहता हूं. मेरे लिए ये मुल्क, भाईचारा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. जहां लोगों को जरूरत हो मैं वहां पहुंचना चाहता हूं.’
आज़ाद ने आरएसएस को देश के खिलाफ बताते हुए कहा कि वह हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है और देश की धर्मनिरपेक्षता को खत्म करना चाहता है.
उन्होंने कहा, ‘हम सरकार के आगे घुटने नहीं टेकेंगे.’
आजाद ने कहा कि जब विपक्ष अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहा है तो आम आदमी की जिम्मेदारी है लड़ने की. आज़ाद ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में भी आगे बढ़ा जा सकता है.
सरकार पर नया मुद्दा खोजने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा खत्म हो गया इसलिए वो ये मुद्दा लेकर आए हैं.
भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, ‘सबसे पहले मैं दिल्ली से घर जाऊंगा लेकिन ये आंदोलन जारी रहेगा.’
इलाज में देरी होने पर आज़ाद ने कहा, ‘तिहाड़ जेल में मेरा अपमान किया गया. वहां डॉक्टर अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं. मुझे बीमार रहने के बावजूद सजा दी गई.’
उन्होंने आंदोलन को लेकर अगले कदम की बात करते हुए कहा, ‘मैं प्रयास करूंगा कि सबको एक साथ लाऊं और एक बड़ा प्रदर्शन हम लोग करें तभी सरकार पर दबाव बनेगा. उन्होंने कहा, ‘शाहीन बाग में तो 80 सालों की महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं हम तो उनके पीछे रहकर भी लड़ सकते हैं.’
आज़ाद ने कहा, ‘मैं डरता नही हूं, सत्य के साथ खड़ा हूं.’
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पर तब विश्वास करते जब वो अपने वादों पर खरे उतरते. वो संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने जो भी कहा उसके विपरीत काम किया है.