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Friday, 26 April, 2024
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कोरोना के 14 नए मामले सामने आने से छत्तीसगढ़ सरकार आशंकित, महानगरों से आने वाले 40 प्रतिशत श्रमिक हो सकते हैं पॉजिटिव

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार को 15-20 अप्रैल के बाद घर के लिए निकले श्रमिकों में कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या बढ़ने की उम्मीद ज्यादा है.

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छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के 14 नए मामले सामने आए हैं. सभी प्रवासी श्रमिक के मामले सामने आने से राज्य सरकार की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को धक्का ही नहीं लगा है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के लिये आने वाले दिनों में यह नई चुनौती का संकेत है.

राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक अखिलेश त्रिपाठी ने कहा, 14 नए पॉजिटिव मामलों में से 8 दुर्ग से और 6 कबीरधाम जिले से हैं.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार को 15-20 अप्रैल के बाद घर के लिए निकले श्रमिकों में कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या बढ़ने की उम्मीद ज्यादा है, क्योंकि ये प्रवासी श्रमिक एक तो ऐसे स्थानों से आएंगे जहां कोरोना रेड ज़ोन की संख्या ज्यादा है और दूसरा वे ऐसे समय में आने वाले हैं. जब कोविड-19 संक्रमण भारत के कई शहरों में ज्यादा तेजी से हो रहा है. ये श्रमिक मुख्यतः दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल, नागपुर, भोपाल, इंदौर जैसे शहरों से लौटेंगे.

दिप्रिंट से जानकारी साझा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि, ‘जिन 14 प्रवासी मजदूरों को कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है. वे महाराष्ट्र, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल और नागपुर से 15 दिन पहले लौटे थे और सीधे क्वारंटाइन में रखे गए थे. इनके ब्लड सैंपल की जांच का परिणाम पॉजिटव आने तक क्वारंटाइन में ही थे. इनके वापस आने का समय भी वही था जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप हो चुका था. ज्ञात हो कि प्रदेश में 3 मई को 14 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने से राज्य सरकार में हड़कंप मच गया था. इन मरीजों को उसी दिन रात मे ऐम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था.

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इन मरीजों के मिलने से प्रदेश में कोरोना के कुल पॉजिटिव केस 57 हो गए हैं. हालांकि, इनमें 36 स्वस्थ होकर घर वापस भी जा चुके हैं.


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आने वाले खतरे से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में क्वारंटाइन केंद्र बनाने का निर्णय लिया है. इन श्रमिकों को अपने घर जाने से पहले इन्हीं क्वारंटाइन केंद्रों में 14 दिन का समय बिताना पड़ेगा. छत्तीसगढ़ सरकार में स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने दिप्रिंट से बात करते हुए बताया कि ‘यह सच है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या आनेवाले दिनों में काफी बढ़ने की उम्मीद है. इस खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है. सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश से सभी ग्राम पंचायतों में एक क्वारंटाइन केंद्र बनाए जाएंगे. इसके अलावा सभी प्रवासी श्रमिकों पूरी तरह से अलग रखकर परीक्षण किया जाएगा.’

प्रदेश में कोविड-19 पॉजिटिव बढ़ने का खतरा

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के नए केस मिलने के कारणों पर राज्य कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर के डेटा प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर अखिलेश त्रिपाठी ने दिप्रिंट को बताया कि, ‘जो श्रमिक लॉकडाउन के पहले या फिर शरुआती दौर में वापस आ गए थे, उनमें संक्रमण की स्थिति ना के बराबर थी. उस लॉट के करीब 1.13 लाख श्रमिकों में ज्यादातर अपने क्वारंटाइन का समय पूरा कर चुके हैं.’


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त्रिपाठी कहते हैं, अप्रैल के दूसरे हफ्ते के बाद आने वाले प्रवासी श्रमिकों में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ना एक्सपेक्टेड था क्योंकि ये श्रमिक पैदल अलग-अलग रास्तों और स्थानों से होकर ऐसे समय में लौटे हैं, जब कोरोना संक्रमण देश के कई हिस्सों में आउटबर्स्ट का स्वरूप ले चुका था.

डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा ‘कोविड-19 के जो नए पोजिटिव मामले मिले हैं. उनका क्वारंटाइन समय 2 मई को खत्म हुआ था. लेकिन सैंपल 2-3 दिन पहले ले लिया गया था. इसका दूसरा अर्थ है की ये प्रवासी श्रमिक अपने कार्यस्थलों से 15-20 दिनों पहले ही निकले होंगे. इन 14 मरीजों का रैंडम सैंपलिंग किया गया था. टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव तो आई लेकिन एक भी मरीज के अंदर कोरोना के लक्षण नही मिले हैं.’ तिवारी के अनुसार 2 मई के बाद क्वारंटाइन समय सीमा समाप्त होने वाले श्रमिकों में कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या बढ़ना एक ट्रेंड के रूप में उभर कर सामने आई है.

दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाले 40 प्रतिशत श्रमिक हो सकते हैं कोविड पॉजिटिव

तिवारी कहते हैं की यद्दपि राज्य का स्वास्थ्य विभाग और सरकार पूरी तरह से हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं, फिर भी दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाले श्रमिकों में करीब 40 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव होने की उम्मीद है. डॉक्टर अखिलेश त्रिपाठी कहते हैं, ‘विभाग द्वारा एकत्रित किए गए डेटा के अनुसार अन्य राज्यों में अभी प्रदेश के करीब 1.17 लाख श्रमिक और छात्र फंसे हुए हैं. जिन्हें राज्य सरकार द्वारा अपने ही संसाधनों से वापस लाया जा रहा है. प्रदेश में संक्रमण के वर्तमान ट्रेंड को देखकर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली और मुम्बई से आने वाले 40 प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों और छात्रों में कोविड-19 पॉजिटिव मिल सकते हैं.

फंसे हुए श्रमिकों को वापस लाने की कवायद शुरू

प्रदेश सरकार शासन द्वारा अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने की कोशिश तेज कर दी गई हैं. इन श्रमिकों को रेल से छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने 8 रेलवे स्टेशन बिलासपुर, चम्पा, बिश्रामपुर, जगदलपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव को प्रस्तावित किया है.

राज्य परिवहन सचिव कमलप्रीत सिंह ने रायपुर के डिविजनल रेलवे मैनेजर को एक पत्र लिखकर रेल मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार उचित व्यवस्थाओं का आंकलन करने के लिए आग्रह किया है. सिंह ने पत्र में कहा कि छत्तीसगढ़ आने वाले श्रमिकों को चिन्हित रेलवे स्टेशनों पर रेल मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और यहां से उनके गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था बस से की जाएगी. गांव में पहुंचकर इन श्रमिकों को वहीं क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा.

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