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Saturday, 14 December, 2024
होमदेशकर्नाटक में कई दीवारों पर 'CFI ज्वाइन' के नारे लिखे गए, CM बोम्मई ने कहा- हताशा से भरा काम

कर्नाटक में कई दीवारों पर ‘CFI ज्वाइन’ के नारे लिखे गए, CM बोम्मई ने कहा- हताशा से भरा काम

शिवमोग्गा के शिरलकोप्पा शहर में 9 स्थानों पर 'सीएफआई में शामिल हों' के नारे दीवारों पर पेंट करने के संबंध में शिकारीपुरा तालुक के शिरलकोप्पा पुलिस स्टेशन में एक मुकदमा दर्ज किया गया है.

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नई दिल्ली: सोमवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा में कई दीवारों पर ‘सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) ज्वाइन’ के नारे स्प्रे पेंट से लिखे गए. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसको संगठन पर प्रतिबंध के बाद एक ‘हताशापूर्ण कार्य’ कहा और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने आश्वासन दिया.

सीएफआई से जुड़ने के आह्वान वाली इस तरह की लिखावट हाल ही में दीवारों पर शहर के विभिन्न स्थानों में देखी गई.

CFI, PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) की छात्र शाखा है – देशभर में छापे मारने के बाद सितंबर में केंद्र द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था, जब आतंकवादी गतिविधियों के लिंक होने की बात सामने आई थी.

इस मामले पर शिवमोग्गा एसपी ने कहा. ‘शिवमोग्गा के शिरलकोप्पा शहर में 9 स्थानों पर ‘सीएफआई में शामिल हों’ के नारे दीवारों पर पेंट करने के संबंध में शिकारीपुरा तालुक के शिरलकोप्पा पुलिस स्टेशन में एक मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी की तलाश जारी है.’

मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम बोम्मई ने कहा, ‘पुलिस पहले ही कार्रवाई कर चुकी है, दीवारों पर इस तरह की लिखावट एक हताशापूर्ण कार्य है. इन सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के बाद, वे हताश हो गए हैं और समाज में भ्रम पैदा करना चाहते हैं, जिसकी मैं निंदा करता हूं.’

संवाददाताओं से बात करते हुए ‍उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना के पीछे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

पुलिस ने हाल ही में दीवारों पर संज्ञान लिया और सूचना के आधार पर कर्नाटक सार्वजनिक स्थल (विरूपण निवारण) अधिनियम और सद्भाव में खलल डालने के लिए स्वत:संज्ञान लेकर मुकदमा दायर किया.

पीएफआई, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया सहित आठ संगठनों पर सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था.

सितंबर में, केंद्र ने पीएफआई को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया और अगले पांच वर्षों के लिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह उस प्रतिबंध को बरकरार रखा.


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