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Friday, 22 November, 2024
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केंद्र सरकार ने तीन नागा विद्रोही समूहों के साथ सीज़फायर एग्रीमेंट को एक साल के लिए बढ़ाया

सीज़फायर एग्रीमेंट भारत सरकार और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड- एनके, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-रिफॉर्मेशन और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के-खांगो के बीच हुआ.

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नई दिल्लीः केंद्र ने राज्य के तीन नागा उग्रवादी समूहों के साथ सीज़फायर एग्रीमेंट को एक और साल के लिए बढ़ा दिया है. बुधवार को गृह मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी.

एक प्रेस रिलीज में मंत्रालय ने कहा गया कि सीज़फायर एग्रीमेंट भारत सरकार और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड- एनके, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-रिफॉर्मेशन और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के-खांगो के बीच हुआ.

बयान में कहा गया, ‘सीज़फायर एग्रीमेंट को आगे एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है, जो कि 28 अप्रैल 2022 से लेकर 27 अप्रैल 2023 तक रहेगा. इस समझौते पर 19 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए गए.’

इससे पहले 8 सितंबर को केंद्र सरकार ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के साथ एक साल के लिए सीज़फायर एग्रीमेंट किया था. इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के सपनों को पूरा कर रहा है ताकि उग्रवाद मुक्त और संपन्न नॉर्थ ईस्ट के लक्ष्य को पूरा किया जा सके. यह नागा शांति प्रक्रिया की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है.

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला लिया था.

गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में कहा था कि आफ्स्पा के तहत क्षेत्रों में कमी सुरक्षा की स्थिति में सुधार और पीएम मोदी द्वारा उग्रवाद को खत्म करने और पूर्वोत्तर में स्थाई शांति लाने के लगातार प्रयासों के तहत किया गया है.

गौरतलब है कि नागालैंड के मोन जिले में सेना के घात लगाकर किए गए हमले में 14 नागरिकों के मारे जाने के तीन महीने बाद यह कदम उठाया गया. इस घटना के बाद से राज्य से अफस्पा को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

दरअसल, नागालैंड में 1995 से आफ्स्पा लागू है. लेकिन इस घोषणा के बाद सात जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से आफ्स्पा हटा दिया गया है.


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