नई दिल्ली: भारत की आगामी जनगणना कागजरहित होगी. दिप्रिंट को प्राप्त जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार ने आबादी के आंकड़ों के संग्रहण और वर्गीकरण की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का फैसला किया है. इसके लिए एक एंड्रॉयड मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया, ‘हम पूरी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण कर रहे हैं. सरकार ने इसके लिए एक ऐप विकसित किया है. हर गणनाकार को अपने मोबाइल डिवाइस पर इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा जाएगा. सारे आंकड़े सीधे ऐप में दर्ज किए जा सकेंगे, और पहले की तरह उन्हें कागज पर अंकित करने की ज़रूरत नहीं होगी.’
अगले दो महीनों के दौरान करीब 50 लाख की आबादी के बीच इस ऐप का परीक्षण किया जाएगा.
अधिकारी ने कहा, ‘परीक्षण के दौरान जमा आंकड़े सिर्फ आंतरिक उपयोग के लिए होंगे. परीक्षण गणना के अनुभवों से हमें ऐप में सुधार की गुंजाइशों का पता चल सकेगा, ताकि 2021 की जनगणना प्रक्रिया का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके.’
कागजों से होती है देरी
पिछली बार 2011 की जनगणना में, विवरणात्मक सवालों के जवाब कागज पर अंकित किए गए थे. इसके कारण परिणाम जारी करने में देरी हुई थी.
पिछली जनगणना के अनुभव के बारे में गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘पहले, ए3 आकार की तालिकाओं को स्कैन किया गया, उन्हें पढ़ा गया, और फिर एक सॉफ्टवेयर की मदद से संख्यात्मक आंकड़ों का डिजिटल रूपांतरण गया. ये एक जटिल प्रक्रिया थी. इस बार, सब कुछ शुरू से ही डिजिटल होगा.’
जनगणना ऐप ऑफलाइन भी काम करेगा. सामान्य स्मार्ट फोन में भी चलने वाले इस ऐप को पॉसवर्ड की मदद से सुरक्षित रखा जा सकेगा. इसमें 18 भाषाओं में सूचनाएं एकत्रित की जा सकेंगी.
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उक्त अधिकारी ने बताया, ‘गणनाकारों को मात्र फोन लेकर घूमना होगा. उनके द्वारा दर्ज आंकड़े स्वत: ही जनगणना के केंद्रीय डेटाबेस में जमा हो जाएंगे.’
आगामी जनगणना के लिए सवालों के प्रारूप में भी थोड़ बदलाव किया जा रहा है. अब घरों में इंटरनेट के उपयोग संबंधी सवाल भी पूछे जाएंगे. प्रश्नों की कुल संख्या कम करने के उद्देश्य से कुछ सवालों को परस्पर मिलाया भी जा रहा है.
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार ने ऐप की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर खास ध्यान दिया है, ताकि डेटा का हस्तांतरण सुरक्षित नेटवर्क के ज़रिए हो सके, और करोड़ों लोगों की निजी जानकारियां सही-सलामत रहे.
तीन चरणों में
अगली जनगणना तीन चरणों में की जाएगी- अप्रैल से सितंबर 2020 तक आवासों की सूची बनाई जाएगी, आबादी की गणना 9 से 28 फरवरी 2021 के बीच की जाएगी, और 1 से 5 मार्च 2021 के बीच पुनरीक्षण दौर आयोजित किया जाएगा.
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गृह मंत्रालय के अधिकारी ने इस बारे में आगे बताया, ‘पहले चरण में कार्यालयों और रिहायशी घरों की गिनती की जाएगी. दूसरे चरण में परिवार के मुखिया और कार्यरत लोगों के बारे में सूचनाएं दर्ज की जाएंगी. तीसरे चरण में हाल में हुए जन्म और मृत्यु के आंकड़े शामिल किए जाएंगे, ताकि अंतिम सूची को अपडेट किया जा सके.’
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