नई दिल्ली: आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हाथरस कोर्ट ने धार्मिक भावना भड़काने के मामले में फैसला दिया. जुबैर के खिलाफ जिले में 2018 में दो मामले दर्ज कराए गए थे.
हाथरस कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए जुबैर को 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.
Alt News co-founder Mohammed Zubair sent to 14-day judicial custody after he appeared before Hathras court after 2 cases were registered against him in the district in 2018 pic.twitter.com/nOoj5Ou8lN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 14, 2022
यूपी पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ कई जिलों में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12 जुलाई को राज्य के विभिन्न जिलों में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की ‘पारदर्शी’ और त्वरित जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
एसआईटी का नेतृत्व महानिरीक्षक (कारागार) प्रीतिंदर सिंह करेंगे, जबकि आईजी अमित वर्मा इसके सदस्य होंगे, अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, उनकी सहायता के लिए तीन पुलिस उपाधीक्षक / निरीक्षक होंगे.
कुमार ने कहा कि एसआईटी को जांच तेजी से करने और अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने को कहा गया है.
अधिकारियों ने यहां बताया कि जुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और हाथरस जिलों में धार्मिक भावनाओं को आहत करने, समाचार एंकरों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने, हिंदू देवताओं का अपमान करने और भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है.
दिल्ली की अदालत ने खारिज की थी जमानत याचिका
गौरतलब है कि इससे पहले 7 जुलाई को दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था एक अदालत ने यहां ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हालांकि पुलिस की तरफ से पहले कहा गया था कि जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया लेकिन बाद में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि उनसे मीडिया के साथ गलत सूचना साझा हो गई थी.
वहीं जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने हिरासत को लेकर दिल्ली पुलिस के बयान को ‘निंदनीय’ करार देते हुए कहा कि अब तक कोई आदेश नहीं दिया गया है.
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) के उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने मीडिया से गलत सूचना साझा करने की बात स्वीकार की थी. उन्होंने पहले बताया था कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 में उनके द्वारा पोस्ट किए गए ‘आपत्तिजनक ट्वीट’ पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
पुलिस ने कहा था कि रिमांड की जरूरत है क्योंकि आगे की जांच चल रही है. पुलिस ने पांच दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अवधि पूरी होने के बाद जुबैर को अदालत के समक्ष पेश किया था और उसे हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था.
लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) तथा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के प्रावधान भी लगाए हैं.
उन्होंने दावा किया था कि आरोपी ने पाकिस्तान, सीरिया और अन्य देशों से ‘रेजरपे पेमेंट गेटवे’ के जरिए पैसा लिया, जिसमें और पूछताछ की आवश्यकता है.
पुलिस की अर्जी के बाद जुबैर ने अदालत के समक्ष जमानत याचिका पेश की थी.