लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के पाली थाने में चार लोगों के खिलाफ गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराने पहुंची 13 साल की बच्ची का यौन शोषण करने के आरोप में थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ललितपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निखिल पाठक ने कहा कि नाबालिग को उसकी मां सोमवार को पुलिस थाने में चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए लेकर आई थी. इन चारों ने बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया था.
एसपी ने बताया, ‘उसने आरोप लगाया कि सामूहिक बलात्कार के बाद थाना प्रभारी ने भी उसके साथ बलात्कार किया. पूरे मामले में छह लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है.’ उन्होंने आगे कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीम का गठन कर लिया गया है.
अब पूरा थाना सवालों के घेरे में है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी-लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा है कि यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल ने झांसी के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जोगेंद्र कुमार को विभागीय जांच करने का निर्देश दिया है. जोगेंद्र कुमार को यह जांच करने के लिए कहा गया है कि ‘किन परिस्थितियों में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं’ और क्या एसपी सहित सुपरवाइजिंग अधिकारियों की तरफ से इसमें कोई खामी रही है.
कुमार ने कहा, ‘तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा’
चंदौली में एक 24 साल की महिला की उसके घर पर पुलिस द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के कुछ दिनों बाद हुई इस घटना ने राज्य में राजनीतिक हंगामा मचा दिया है. घटनाओं को लेकर विपक्षी दल के नेताओं ने यूपी में कानून-व्यवस्था की कड़ी आलोचना की है.
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क्या कहती है एफआईआर
मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 3 मई को एसएचओ तिलकधारी सरोज द्वारा कथित दुष्कर्म का मामला चाइल्डलाइन काउंसलिंग के दौरान सामने आया.
दिप्रिंट को एफआईआर की जो कॉपी मिली है उसके मुताबिक, लड़की की मां ने सिलसिलेवार ढंग से दर्दनाक घटनाओं का वर्णन किया है.
शिकायतकर्ता ने कहा है कि 22 अप्रैल को चार युवक बहला-फुसलाकर लड़की को अपने साथ मध्य प्रदेश के भोपाल ले गए, जो ललितपुर की सीमा पर है. इन युवकों की पहचान चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया के रूप में हुई है.
एफआईआर में कहा गया है, ‘वे एक रेलवे स्टेशन के पास की गलियों में नाबालिग के साथ रुके थे और वहां उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया.’
चार दिन बाद 26 अप्रैल को आरोपी बच्ची को पाली थाने में छोड़कर चले गए. वहां से उसे उसकी मौसी को सौंप दिया गया. प्राथमिकी में कहा गया है कि उसके बाद मौसी ने ‘लड़की को चंदन की बहन के साथ दो दिनों के लिए काकदरी गांव भेज दिया.’
27 अप्रैल को एक बार फिर से लड़की को बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया गया. एफआईआर में कहा गया है कि ‘उसी शाम, लड़की की मौसी ने उसे थानेदार तिलक धारी सरोज के पास भेजा … जो उसे अपने कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. उसके बाद एक फिर दरोगा ने लड़की को उसकी मौसी को सौंप दिया’ लड़की के माता-पिता को इस पूरे घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
30 अप्रैल को पीड़िता को थाने में फिर से बुलाया गया, जहां उसे चाइल्डलाइन अधिकारियों ने काउंसलिंग के लिए भेज दिया. प्राथमिकी में कहा गया है कि काउंसलिंग के दौरान उसने कहा कि एसएचओ ने भी उसके साथ बलात्कार किया है.
गैंगरेप के चार आरोपियों के साथ-साथ एसएचओ तिलक धारी सरोज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार), 376 -बी (लोक सेवक द्वारा हिरासत में महिला के साथ अंतरंग संबंध बनाना ) और POCSO ( प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम की धारा 3 और 4 शामिल है.
लड़की की मौसी पर भी धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फरार चल रहे एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और पाली थाने के सभी पुलिस कर्मियों को विभागीय जांच के लिए लाइन हाजिर किया गया है.
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विपक्ष की मार
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्षी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की है.
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट किया कि ‘न्याय को ही लोगों के दरवाजे तक नहीं पहुंचना होता है…कभी-कभी न्याय की पुकार के लिए भी लोगों के दरवाजे तक जाना होता है.’ अखिलेश यादव नाबालिग के परिवार से मिलने ललितपुर जा रहे हैं.
न्याय को ही लोगों के दरवाज़े तक नहीं पहुँचना होता है… कभी-कभी न्याय की पुकार के लिए भी लोगों के दरवाज़े तक जाना होता है। pic.twitter.com/m0Ypishxfz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 4, 2022
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया: ‘ललितपुर में एक 13 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी शिकायत करने गई उस लड़की के साथ एसएचओ द्वारा फिर से बलात्कार की घटना दिखाती है कि बुलडोजर के शोर में कानून-व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है. अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वे शिकायत लेकर जाएंगी कहां?
ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि "बुलडोजर" के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है।
अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो शिकायत लेकर जाएंगी कहां?…1/3 pic.twitter.com/4QWrmRS9SP
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 4, 2022
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश देश प्रभारी संजय सिंह भी पुलिस पर जमकर बरसे.
यू पी पुलिस हत्या और बलात्कार में न.१
गैंगरेप की पीड़िता न्याय के लिये थाने पहुँची तो दरोग़ा ने भी उसे अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया।
आदित्यनाथ जी आपकी पुलिस ने चंदौली में एक बेटी की हत्या की ललितपुर में किशोरी से बलात्कार किया।
इन ख़ाकीवर्दी के दरिंदों पर बुलडोज़र कौन चलायेगा? pic.twitter.com/icxBXgofb6— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 4, 2022
सीएम को सीधे संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा: ‘आदित्यनाथजी, आपकी पुलिस ने चंदौली में एक बेटी को मार डाला और ललितपुर में एक नाबालिग के साथ बलात्कार किया. खाकी वर्दी के दरिंदों पर बुलडोजर कौन चलाएगा?’
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