नई दिल्ली: कर्नाटक गायक (Carnatic vocalist) और कार्यकर्ता टी.एम. कृष्णा ने गुरुवार को वैकोम सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ई.वी. रामास्वामी “पेरियार” के सम्मान में एक गीत जारी किया. वैकोम सत्याग्रह एक जाति-विरोधी आंदोलन था जिसकी जड़ें 19वीं सदी के प्रारंभ में केरल में थीं.
गीत प्रख्यात तमिल लेखक पेरुमल मुरुगन द्वारा लिखा गया है और रचना की पहली कुछ पंक्तियां रिसर्च स्कॉलर और लेखक पाझा अथियमन द्वारा लिखी गई हैं.
गायक ने ट्वीट किया, “पेरुमल मुरुगन और पाझा अथियमन के साथ पेरियार के सम्मान में वैकोम सत्याग्रह की शताब्दी के उपलक्ष्य में यह विशेष गीत समर्पित कर रहा हूं.”
Honouring Periyar with this special song along with Perumal Murugan and Pazha. Athiyaman – Commemorating the Centenary of the Vaikom Satyagraha. @perumal_murugan
Watch the full video here: https://t.co/tL7aLUFTbt#tmkrishna #musician #perumalmurugan #periyar #vaikomsatyagraha
— T M Krishna (@tmkrishna) March 30, 2023
कृष्णा ने अपने यूट्यूब चैनल पर सिंदिक्का चोन्नावर पेरियार: सॉन्ग ऑन पेरियार, भी पोस्ट किया.
गीत की शुरुआत इन पंक्तियों से होती है: “वह वह था जिसने हमें सोचने के लिए कहा / हमारे बुजुर्ग पेरियार, हमारे बुजुर्ग पेरियार / सोचने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करने के लिए”
वैकोम सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अनुरूप, गाने के बोल आगे बढ़ते हैं: “सवाल करो जातिगत भेदभाव पर/ सवाल करो शास्त्रीय नियमों पर/ सवाल करो दमनकारी कार्यों पर और/सवाल करो अन्याय और अस्पृश्यता पर”.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कृष्णा के पोस्ट को रिट्वीट किया.
👌👏 #Vaikom100 https://t.co/whzpXlMkDn
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 31, 2023
गुरुवार को, स्टालिन ने घोषणा की कि तमिलनाडु सरकार वैकोम संघर्ष को मनाने और महान आंदोलन के इतिहास, उद्देश्य और उसकी जीत का प्रसार करने के लिए साल भर चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करेगी.
दक्षिण चेन्नई के सांसद थमिज़हाची थंगापांडियन ने भी ट्वीट को साझा करते हुए कहा, “हमारे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित संगीतकार द्वारा क्रांतिकारी वैकोम विरोध के शताब्दी समारोह पर हमारे आइकॉनोक्लास्ट पेरियार को बिल्कुल सही श्रद्धांजलि.”
Absolutely perfect tribute to our Iconoclast Periyar on the Centennial commemoration of the Revolutionary Vaikaom Protest by our internationally acclaimed Musician our @tmkrishna with the
1/2https://t.co/gzVVzEofcd— தமிழச்சி (@ThamizhachiTh) March 30, 2023
एक अन्य यूजर ने लिखा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे पेरियार पर कर्नाटक की उचित रचना सुनने को मिलेगी.”
Never thought I would get to hear a proper carnatic composition on Periyar. What an amazing work! Wonderful lyrics! Brilliant tuning! ♥️it This man is smthng else @tmkrishna Can’t wait to hear this song in live concerts from TMK & others too ! Thank you♥️https://t.co/1iVPGq3l0N
— Adi (@Vioadithya) March 31, 2023
पेरियार या थंथई पेरियार कहकर सम्मानित किए जाने वाले इरोड वेंकटप्पा रामासामी – एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता थे जिन्होंने आत्म-सम्मान आंदोलन और द्रविड़ कज़गम की शुरुआत की थी. उन्हें ‘द्रविड़ आंदोलन के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है.
वैकोम सत्याग्रह, जो 30 मार्च 1924 से 23 नवंबर 1925 तक 20 महीने तक चला, विशेष रूप से केरल और सामान्य रूप से दक्षिण भारत के सामाजिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. यह काफी बड़ा सामाजिक सुधार आंदोलन था, जिसने पूरे क्षेत्र में जाति व्यवस्था को लेकर तथाकथित उच्चता की भावना को चुनौती देते हुए उत्पीड़ित हिंदुओं के लिए समान अधिकारों की मांग की और संघर्ष के गांधीवादी तरीके के लिए एक टेस्टिंग ग्राउंड के रूप में कार्य किया.
इसने त्रावणकोर और कोचीन और ब्रिटिश मालाबार की रियासतों के सामाजिक और राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ एमके गांधी और सी राजगोपालाचारी तक को “पेरियार” की तरफ खींचा.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ेंः अमृतपाल का उत्थान और पतन कमजोर पंजाब को दिखाता है, अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार कट्टरपंथ को बढ़ाएगा