नई दिल्ली: किसान संगठन द्वारा मंगलवार 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का असर देशभर में मिलाजुला दिखाई दे रहा है. देश की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तक, कोलकाता से लेकर अरुणाचल प्रदेश, मुंबई, बिहार तक में इसका असर दिखाई दे रहा है. देश की राजधानी में जहां पिछले दो हफ्तों से किसान बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और छह दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है. ज
बाकी किसानों के समर्थन में देशभर की कई राजनीतिक पार्टियों सहित, टैक्सी ऑटो संगठनों ने भी समर्थन दिया है.जबकि दोपहर होते होते मेट्रो को भी अपने कुछ स्टेशनों को बंद करने पड़े. दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट किया कि श्री राम शर्मा स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए हैं. मेट्रो ने कहा, ‘सुरक्षा अपडेट, ग्रीन लाइन पर पंडित श्री राम शर्मा स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं.’
हालांकि कि किसान के इस आंदोलन को कई राजनीतिक और विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गाधी ने लोगों से किसानों के भारत बंद का समर्थन करने की अपील की है.
कांग्रेस का भारत बंद को पूरा समर्थन
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘किसानों का साथ देने के लिए आज पूरे उप्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को नजरबंद एवं गिरफ्तार किया जा रहा है. कड़कड़ाती ठंड में बैठे किसानों के लिए खेती, किसानी एमएसपी बचाने के लिए ये ‘करो या मरो’ की लड़ाई है. कांग्रेस कार्यकर्ता अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ हैं.’
किसानों का साथ देने के लिए आज पूरे उप्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को नजरबंद एवं गिरफ्तार किया जा रहा है।
कड़कड़ाती ठंड में बैठे किसानों के लिए खेती, किसानी एमएसपी बचाने के लिए ये "करो या मरो" की लड़ाई है।
कांग्रेस कार्यकर्ता अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ है। pic.twitter.com/jATHa66pkw
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 8, 2020
जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा, मांग सही है.’ कमलनाथ ने कहा, ‘आज जो लाखों किसान आए हैं वो अपनी पीड़ा व्यक्त करने आए हैं. किसानों की मांगें बिल्कुल सही हैं, किसानों के साथ न्याय हो.’
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरएसएस पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा, हम मोहन भागवत से पूछना चाहते हैं कि अगर मोदी जी किसान संघ और किसानों की बात नहीं सुन रहे हैं तो RSS मोदी जी को समर्थन देना बंद करे. हमारे साथ सड़क पर आएं. इसमें कोई राजनीति नहीं है.’
जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने पहुंचे दोनों नेताओें की यह मुलाकात तोमर के आवास पर हो रही है.
Delhi: Haryana CM Manohar Lal Khattar and Agriculture Minister Narendra Singh Tomar hold a meeting at the latter's residence. https://t.co/c2LzMOj73y pic.twitter.com/upESGmIY47
— ANI (@ANI) December 8, 2020
वहीं कॉनफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बयान जारी कर कहा है कि भारत बंद का देश भर के 7 करोड़ बिजनेस इस्टैबलिशनमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है.
बयान में यह भी कहा गया है,’ दिल्ली सहित देश भर में व्यापार का काम सुचारू रूप से चल रहा है. यही नहीं बयान जारी कर सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने किसान आंदोलन को राजनीतिक समर्थन दिए जाने पर कड़ा विरोध जताया है. बयान में यह भी कहा है कि अचानक किसानों के आंदोलन को राजनीतिक रूप दे दिया गया है और पॉलिटिकल पार्टियां उनका लाउडस्पीकर बन गई हैं.
वहीं किसानों के समर्थन किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है.
जबकि गाजियाबाद दिल्ली को जोड़ने वाला एनएच 24 को प्रदर्शनकारियों ने बंद करवा दिया है और नोएडा की सबसे बड़ी सेक्टर-18 की मार्केट की अधिकतर दुकाने खुली हैं जबकि दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट में दुकानदार काली पट्टी की बांध कर दुकानों को खोला.
मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीन कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे किसानों को देश विदेश से भी समर्थन मिल रहा है. एक ओर जहां पंजाबी गायक, हीरो पहले ही खुलकर समर्थन कर रहे हैं वहीं क्रिकेटर मोंटी पनेसर भी उनके समर्थन में उतर आए और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. दरअसल, लंदन में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान वह ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी से कृषि कानून में संशोधन की मांग कर रहे थे. पनेसर किसान आंदोलन के पक्ष में लगातार ट्वीट कर रहे हैं.
यूपी में मिला जुला असर
भारत बंद का उत्तर प्रदेश में मिला-जुला असर देखने को मिला. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन प्रदेश के अन्य विभिन्न जिलों में बंद का कहीं कम, तो कहीं ज्यादा असर दिखाई दे रहा है.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप, आनंद भदौरिया, सुनील साजन और आशु मलिक भारत बंद के समर्थन में विधान भवन परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैठे.
भारत बंद का समर्थन कर रही कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक ललन कुमार ने बताया, ‘सरकार इस बंद को दबाने पर पूरी तरह उतारू है और राज्य के विभिन्न जिलों में देर रात से ही कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया गया.’
उन्होंने बताया, ‘गोरखपुर में बंद का समर्थन कर रहे प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं.’
कुमार ने बताया कि आज़मगढ़ जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह और उपाध्यक्ष दिनेश यादव को नजरबंद कर दिया गया है जबकि ग़ाज़ीपुर शहर अध्यक्ष और चित्रकूट के जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है. सहारनपुर और कानपुर नगर में भी कांग्रेस पदाधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है.
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए भारत बंद को विफल करने के मकसद से हर हथकंडा अपना रही है.
उन्होंने कहा कि भारत बंद को विफल बनाने के लिए उनकी यूनियन के कार्यकर्ताओं की भी धरपकड़ की गई है.
इस बीच, राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि उनके संगठन के पदाधिकारियों को उन्नाव, सीतापुर, हरदोई ,औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, गाजियाबाद तथा अन्य शहरों में पुलिस ने नजरबंद किया है, जो लोकतंत्र की हत्या जैसा है.
मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बंद के दौरान शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में बाजार बंद दिखाई दिए.
हलधरपुर थानाध्यक्ष डीके श्रीवास्तव ने पहसा बाजार में बंद दुकानों को देख दुकानदारों से कहा कि जो भी दुकानदार दुकान खोलना चाहता है, वह खोल सकता है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.
सपा नेता आलोक सिंह ने कहा कि भारत बंद को समर्थन देने के कारण उनकी पार्टी के लोगों को पुलिस ने घर पर ही रोक दिया है.
कौशांबी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में भारत बंद बेअसर रहा. जिले के प्रमुख बाजार रोज की तरह खुले रहे.
कर्नाटक में जनजीवन प्रभावित हुआ
कर्नाटक में किसानों और कामगारों के प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने से जनजीवन प्रभावित हुआ.
कर्नाटक राज्य रैयता संघ और हसिरू सेना (ग्रीन ब्रिगेड) द्वारा आहूत बंद का राज्य में कई संगठनों और दलों ने समर्थन किया है.
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बंद को ‘असफल’ बताया. राज्य में किसान कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत किसानों से सीधे कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी गयी है.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र रियल इस्टेट क्षेत्र में बदल जाएगा. कई ट्रेड यूनियनों ने भी श्रम कानूनों में सुधार के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की है. इसके अलावा कांग्रेस, भाकपा, माकपा जैसे वाम दलों और उनसे जुड़े संगठनों ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है.
वेटल नागराज के कन्नड़ चलावली वेटल पक्ष जैसे कुछ कन्नड़ समर्थक संगठनों ने भी बंद को समर्थन दिया है.
बेंगलुरु, मैसुरू, बेलगावी, हुब्बली-धारवाड, रायचुर, तुमकुरु, मंगलुरु, बीदर, विजयपुरा, हासन, चिकमंगलुरु, चामराजनगर, कोप्पल, कोलार, चिकबल्लापुर और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन मार्च, रैलियां निकाली गयी.
कुछ स्थानों पर दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी. कुछ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने दुकानों को जबरन बंद करा दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार और बी जमीर अहमद खान शहर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे.
बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने दावा किया कि बंद सफल रहा. उन्होंने आरोप लगाया, ‘हम इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि सरकार इन कानूनों के जरिए किसानों को गुलाम बनाना चाहती है.’
अरुणाचल प्रदेश में नहीं पड़ा खास असर
अरुणाचल प्रदेश में भारत बंद का असर कम दिखा और जनजीवन सामान्य रहा. निजी कारों और सार्वजनिक परिवहन की सड़कों पर आवाजाही सामान्य रही. सभी बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे और बैंक समेत सरकारी एवं निजी कार्यालयों में कामकाज सामान्य रहा. पुलिस ने बताया कि लंबी दूरी की गाड़ियां सड़कों पर नहीं दिखीं.
कोलकाता से राजस्थान तक हुआ हंगामा
कांग्रेस और वाम दलों के समर्थकों ने मंगलवार को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया.
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. इसका असर राज्य में देखने को मिला, जहां निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे और बस, टैक्सी जैसे सार्वजनिक वाहनों का परिचालन सामान्य से कम है.
कोलकाता में, माकपा के कार्यकर्ताओं और एसएफआई तथा डीवायएफआई के सदस्यों ने लेक टाउन, कॉलेज स्ट्रीट, जादवपुर और श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग जाम की .
वहीं कांग्रेस समर्थकों ने उत्तर 24 परगना जिले के मध्यग्राम चौमथा में, पश्विम मेदिनीपुर में पंसकुरा, हावड़ा जिले में बाली, मुर्शिदाबाद में बहरामपुर और खड़गपुर में सड़के जाम की, जहां पुलिस उन्हें वाहनों की आवाजाही बाधित ना करने के लिए कहती दिखी.
पूर्वी रेलवे के सियालदह खंड में जादवपुर और मध्यग्राम और हावड़ा खंड में रिशरा और बर्धमान में उन्होंने रेल की पटरियां भी जाम कर दीं.
वाम दल और कांग्रेस समर्थकों ने केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ नारे भी लगाए. माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने जादवपुर में एससी मलिक रोड के पास 8बी बस स्टैंड से एक रैली की अगुवाई की.
उत्तर बंगाल के कई हिस्से, जहां भाजपा ने अपने एक समर्थक की रैली के दौरान हत्या के खिलाफ सोमवार को 12 घंटे का बंद बुलाया था, वहां भी सन्नाटा पसरा दिखा.
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