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Friday, 22 November, 2024
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यूनिवर्सिटी रैंकिंग में सुधार के लिए बने 1500 इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सेंटर

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (आईआईटी) से लेकर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस (आईआईसी) कोई भी भारतीय संस्थान 2020 की रैंकिंग में टॉप 100 में जगह बनाने में सफ़ल नहीं रहा.

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नई दिल्ली: वैश्विक इनोवेशन रैंकिंग में सुधार के लिहाज़ से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की पहल रंग लाने लगी है. 2018 में इसके लिए एक ‘इनोवेशन सेल‘ स्थापित किया गया था, जिसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों को इन-हाउस मार्गदर्शन दिए जाने की योजना है. ताज़ा जानकारी के मुताबिक इनोवेशन सेल के तहत पिछले एक साल में देश भर में 1500 इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सेंटर (आईआईसी) स्थापित किए गए हैं.

वैश्विक इनोवेशन रैंकिंग में सुधार के लिए एमएचआरडी ने 2019-20 के सत्र में 5000 ऐसे लोगों को ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है. ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ने के लिए अब तक 1000 आईआईसी से इनोवेशन सेंटर को 4000 आवेदन मिले हैं.

दिप्रिंट से बातचीत में शिक्षा मंत्रालय के चीफ़ इनोवेशन ऑफ़िसर अभय जेरे ने कहा, ‘2018 के अगस्त में इनोवेशन सेल स्थापित किए गए हैं. इनोवेशन सेल जैसी पहल से मिलने वाले फ़ायदों का असर लंबे समय में होगा. इससे ना सिर्फ़ भारत की इनोवेशन रैंकिंग बेहतर होगी. बल्कि भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिग में भी बेहतरी देखने को मिलेगी.’

वैश्विक यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस बात पर भी ग़ौर किया जाता है कि किसी देश के विश्वविद्यालयों में दूसरे देश के छात्रों की संख्या कितनी है. भारत के विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों का अनुपात और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिहाज़ से 2018 के मार्च में ‘स्टडी इन इंडिया‘ नाम के कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.

विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए 2018 की जनवरी में पीएम नरेंद्र मोदी ने आसियान देशों के प्रमुखों की भारत में मौजूदगी के बीच एक कार्यक्रम के दौरान ये घोषणा की थी कि आसियान देशों से आने वाले 1000 छात्रों को भारत की किसी भी आईआईटी से मुफ्त में पीएचडी कराई जाएगी.


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आपको बता दें कि भारत की इनोवेशन रैंकिंग में पहले की तुलना में सुधार हुआ है. जुलाई महीने में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि इस साल पांच पायदान की छलांग लगाते हुए भारत 57 से 52 नंबर पर आ गया. हालांकि, ग्लोबल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत की हालत अभी भी खस्ता है.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (आईआईटी) से लेकर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस (आईआईसी) कोई भी भारतीय संस्थान 2020 की रैंकिंग में टॉप 100 में जगह बनाने में सफ़ल नहीं रहा. 2020 के क्यूएस ग्लोबल रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी-दिल्ली और आईआईएससी- बेंगलुरु वो तीन संस्थान थे, जो अपनी जगह टॉप-200 में बनाने में सफ़ल रहे.

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार का ज़ोर ग्लोबल रैंकिंग के सुधार पर रहा है. इसी के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ़ एमिनेंस के कॉन्सेप्ट को लाया गया था. लेकिन, इंस्टीट्यूट ऑफ़ एमिनेंस विवादों के घेरे में चला गया. हालांकि, इन तमाम बातों से परे एचआरडी के चीफ़ इनोवेशन ऑफ़िसर जेरे का कहना है कि कई नीतियों और पहलों के तहत इनोवेशन सेल मिशन मोड में काम कर रहा है.


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दिप्रिंट के पास मौजूद इनोवेशन सेल से जुड़े एक डॉक्यूमेंट में लिखा है, ‘आईआईसी के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में पहले इनोवेशन और स्टार्टअप की नींव डालकर इन्हें मज़बूत किया जा रहा है. इसके बाद इसे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर लाकर ऐसे लोगों और संस्थानों से जोड़ा जाएगा जो इन्हें इनके मुकाम तक ले जा सकें.’

उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों को इनोवेशन, स्टार्टअप और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के मामले में ट्रेनिंग देने वाले आईआईसी के ट्रेनर्स को ‘आईआईसी- इनोवेशन एंबेसडर’ बुलाया जाएगा. इनका काम कैंपस में इनोवेशन के इकोसिस्टम को बनाए रखना होगा.

2020 की जनवरी से शुरू होने वाला ‘आईआईसी- इनोवेशन एंबेसडर’ ट्रेनिंग प्रोग्राम दो चरणों में आयोजित होगा. इससे जुड़े 35 ट्रेनिंग प्रोग्रामों का आयोजन 10 शहरों में किया जाएगा. इसमें सफल होने वालों को ‘आईआईसी- इनोवेशन एंबेसडर’ बनाया जाएगा. जिनके ज़िम्मे वैश्विक इनोवेशन रैंकिंग और क्यूएस ग्लोबल रैंकिंग में भारत को आगे ले जाने का काम होगा.

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